ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार में 1 जनवरी से 23 अप्रैल 2001 तक के हफ्तों से जानकारी ली गई है। दिए गए समय में ज़्यादा-से-ज़्यादा सवालों के जवाब एक अलग कागज़ पर लिखने की कोशिश कीजिए।
[सूचना: सवालों का जवाब देने के लिए आप सिर्फ बाइबल इस्तेमाल कर सकते हैं। सवालों के बाद दिए गए हवाले व्यक्तिगत रूप से खोज करने में आपकी मदद करने के लिए हैं। प्रहरीदुर्ग से जवाब ढूँढ़ने के लिए हर जगह शायद पेज और पैराग्राफ नंबर न दिए हों।]
नीचे दिए गए वाक्यों का सही या गलत में जवाब दीजिए:
1. हालाँकि भावनाओं में बहकर किसी इंसान के घोर अपराध को अनदेखा नहीं करना चाहिए, मगर यूसुफ के उदाहरण पर चलते हुए हम ऐसे पश्चातापी इंसान को क्षमा ज़रूर कर सकते हैं, जिसने हमारे खिलाफ कोई पाप किया हो। (उत्प. 42:21; 45:4, 5) [w-HI99 1/1 पेज 31 पैरा. 2-3]
2. विवाह में एकता बनाए रखने के लिए सिर्फ यही बात ज़रूरी है कि पति-पत्नी का विश्वास एक हो। [fy-HI पेज 21 पैरा. 14]
3. हबक्कूक की पुस्तक में एक भविष्यवाणी के द्वारा दिखाया गया है कि मसीह के अधीन, परमेश्वर का राज्य पूरी पृथ्वी पर होगा और वह उस पर शासन करेगा। [br78-HI पेज 16, पैरा. 2]
4. यीशु ने स्वर्गीय-स्थान छोड़कर इस पृथ्वी पर एक खास ज़िम्मेदारी स्वीकार करने के ज़रिए, साथ ही स्वर्गदूतों से कम दर्जे का होकर एक मामूली इंसान बनने के ज़रिए नम्रता दिखायी है। (फिलि. 2:5-8; इब्रा. 2:7) [w-HI99 2/1 पेज 6 पैरा. 3]
5. शीशक का यहूदा पर चढ़ाई करके “यहोवा के भवन की अनमोल वस्तुएं और राजभवन की अनमोल वस्तुएं उठा” लेना, पुरातत्वविज्ञान द्वारा सत्य ठहराया गया है। (2 इति. 12:9) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI89 3/1 पेज 31 पैरा. 4 देखिए।]
6. यीशु के बपतिस्मे के समय “आकाश खुल गया।” इसका साफ-साफ मतलब यही है कि उस समय स्वर्ग के उसके मानव-पूर्वी जीवन की याददाश्त वापस आ गयी। (मत्ती 3:16) [gt-HI 12]
7. परमेश्वर की सेवा करनेवालों को प्रतिफल की बात मन में रखकर सेवा नहीं करनी चाहिए। [w-HI99 4/15 पेज 16 पैरा. 1]
8. भजन 103:2 में यहोवा के ‘उपकारों’ की बात करते वक्त दाऊद परमेश्वर की सृष्टि के बारे में सोच रहा था। [w-HI99 5/15 पेज 21 पैरा. 5-6]
9. आध्यात्मिक रूप से महत्त्वपूर्ण मामलों पर संचार करने के लिए पारिवारिक अध्ययन ही एकमात्र अवसर नहीं है। [fy-HI पेज 70 पैरा. 14]
10. पत्नी अपने पति को परिवार का एक अच्छा मुखिया बनने में मदद नहीं कर सकती। [fy-HI पेज 34, 35 पैरा. 17, 18]
नीचे दिए गए सवालों के जवाब दीजिए:
11. वैवाहिक परामर्श में बाइबल को एक अधिकार के रूप में स्वीकार करना क्यों तर्कसंगत है? [fy-HI पेज 10 पैरा. 18]
12. यूसुफ ने मरियम को “त्याग देने” यानी तलाक देने का निश्चय कैसे कर लिया जबकि मरियम के साथ उसकी शादी ही नहीं हुई थी? (मत्ती 1:18, 19) [gt-HI 4]
13. यहूदा के राजा उज्जिय्याह के उदाहरण से हम खूबियों के बारे में कौन-सा अहम सबक सीखते हैं? (2 इति. 26:15-21) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 12/1 पेज 26 पैरा. 1-2 देखिए।]
14. यीशु ने अपने चेलों के पाँव धोकर किसी रस्म की शुरूआत करने के बजाय, हमारे लिए कौन-सा ज़बरदस्त सबक पेश किया? (यूह. 13:4, 5) [w-HI99 3/1 पेज 31 पैरा. 1]
15. पहला इतिहास 14:8-17 का वृत्तांत, यशायाह के दिनों के लोगों के लिए खास दिलचस्पी का विषय क्यों था, और आज मसीहीजगत के लोगों को भी क्यों दिलचस्पी लेनी चाहिए? (यशा. 28:21) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w91 6/1 पेज 21 पैरा. 2-3 देखिए।]
16. इस्राएलियों को बाल की उपासना की खासकर कौन-सी बातें लुभावनी लगी? [w-HI99 4/1 पेज 29 पैरा. 3-6]
17. यरूशलेम के जल भंडार को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ाने के हिजकिय्याह के प्रयास से हम कौन-सा एक व्यवहारिक सबक सीख सकते हैं? (2 इति. 32:3, 4) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI96 8/15 पेज 6 पैरा. 1-2 देखिए।]
18. परमेश्वर की सेवा करने और झूठी उपासना के खिलाफ दृढ़ खड़े रहने में योशिय्याह का उदाहरण किस तरह आज के जवानों का हौसला बढ़ा सकता है? (2 इति. 34:3, 8, 33) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI91 9/1 पेज 5 पैरा. 2 देखिए।]
19. जो यहूदी बाबुल से वापस यरूशलेम नहीं लौटे, क्या वे विश्वासघाती थे, और उससे हम कौन-सा व्यवहारिक सबक सीख सकते हैं? (एज्रा 1:3-6) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI86 2/1 पेज 30 पैरा. 4, 7 देखिए।]
20. दूसरा इतिहास 5:13, 14 के वृत्तांत से हमें कैसे पता चलता है कि यहोवा अपने लोगों की सुरीली स्तुति को सुन रहा था और उससे प्रसन्न भी था? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI94 5/1 पेज 16 पैरा. 7 देखिए।]
नीचे दिए वाक्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी शब्द या वाक्यांश लिखिए:
21. संगी मसीही को सलाह देते समय, इस बात का निश्चय कीजिए कि आपकी सलाह इंसानों के ___________________ और _______________ पर नहीं बल्कि परमेश्वर की ___________________ पर आधारित हो। (कुलु. 2:8) [w-HI99 1/15 पेज 22 पैरा. 1]
22. यहोवा के साक्षी दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों के साथ उनके ___________________ में निःशुल्क ___________________ संचालित करते हैं। [br78-HI पेज 28 पैरा. 1]
23. जिस तरह कँटीली झाड़ियाँ पौधे को बढ़ने और फल लाने से रोक सकती हैं, उसी तरह हमेशा ___________________ में डूबे रहना और ___________________ का धोखा, हमें आध्यात्मिक उन्नति करने और फल लाने में रुकावट पैदा कर सकता है। (मत्ती 13:19, 22) [w-HI99 3/15 पेज 22 पैरा. 5]
24. इब्लीस हमारे सामने सांसारिक दौलत, __________________ या _________________ पाने के ललचानेवाले मौके रखकर हमें ___________________ करने की कोशिश कर सकता है। [gt-HI 13]
25. सुलैमान जिस बात में असफल रहा, उसमें सच्चे मसीही को कामयाब होने के लिए उसे अपनी उपासना में सब ___________________ और ___________________ को अलग रखना होगा, साथ ही उसे ___________________ इस वचन को मानना होगा, ‘तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन से प्रेम रख।’ (मत्ती 22:37; 1 इति. 28:9) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI87 8/1 पेज 12, 13 पैरा. 17-18 देखिए।]
नीचे दिए गए वाक्यों के सही जवाब चुनिए:
26. दूसरा राजा 17:5, 6 का वृत्तांत बताता है कि कैसे (तिगलत-पिलशेर; शलमनासेर V; एसर्हद्दोन) ने इस्राएल के उत्तर दस-जाति राज्य पर हमला करके उसकी मज़बूत राजधानी सामरिया पर तीन वर्षों के लिए घेरा डाला, फिर जिसके बाद सामरिया सा.यु.पू. (740; 607; 537) में अश्शूर के आगे हार गया। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI89 8/1 पेज 29 पैरा. 1 देखिए।]
27. हालाँकि बाइबल लगभग (3500; 2000; 1000) साल पहले पूरी हो गयी थी, इसकी सलाह सचमुच दिनाप्त है। [fy-HI पेज 12 पैरा. 23]
28. जैसा कि निर्गमन 4:11 में लिखा है कि “मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखनेवाला, वा अन्धा” यहोवा बनाता है तो इसका अर्थ यह है कि वह (लोगों में नाना प्रकार की अपंगताओं के लिए ज़िम्मेदार है; अलग-अलग लोगों को सेवा में विशेषाधिकार देता है; मनुष्यों में शारीरिक कमियाँ होने की अनुमति देता है।) [w-HI99 5/1 पेज 28 पैरा. 2]
29. जबकि मसीही माता-पिता (दया; दृढ़ता; कठोरता) की ज़रूरत को समझते हैं, मगर अपने बच्चों को अनुशासन देते समय वे इफिसियों 6:4 के शब्दों को मन में रखने की कोशिश करते हैं। [fy-HI पेज 60 पैरा. 21]
30. मसीहीजगत की मूल शिक्षाएँ बाइबल पर नहीं बल्कि पुरानी (तथ्यों; कल्प-कथाओं; परंपराओं) पर आधारित हैं। [pr-HI पेज 17 पैरा. 4]
नीचे दिए गए वचनों का वाक्यों के साथ मेल कीजिए:
प्रेरि. 17:10, 11; नीति. 25:11; रोमि. 12:2; यूह. 2:15-17; मत्ती 13:55, 56
31. अपने मन को परमेश्वर के वचन की सच्चाई से भरने और अपने सोच-विचार को बदलने के लिए हमें अपनी तरफ से मेहनत करने की ज़रूरत है। [w-HI99 4/1 पेज 22 पैरा. 2]
32. सलाह देते वक्त सही शब्दों को चुनना बहुत ज़रूरी है। [w-HI99 1/15 पेज 23 पैरा. 1]
33. जब किसी शिक्षा को यह कहकर पेश किया जाता है कि यही बाइबल की सच्चाई है, तब यहोवा के साक्षी वही करते हैं जो बिरीया के लोगों ने किया। [br78-HI पेज 3 पैरा. 4]
34. यीशु के कम-से-कम छः छोटे भाई-बहन थे। [gt-HI 9]
35. जब शिष्यों ने देखा कि यीशु व्यापारियों और विक्रेताओं को मंदिर से भगा रहा है तो उन्हें परमेश्वर के पुत्र के बारे में भविष्यवाणी याद आयी। [gt-HI 16]