वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 8/01 पेज 2
  • सेवा सभा की तालिका

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सेवा सभा की तालिका
  • हमारी राज-सेव—2001
  • उपशीर्षक
  • अगस्त 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अगस्त 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अगस्त 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • सितंबर 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेव—2001
km 8/01 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

अगस्त 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 22 (130)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। सभी को नयी दुनिया का समाज कार्य करते हुए (अँग्रेज़ी) वीडियो देखने का बढ़ावा दीजिए, ताकि वे अगस्त 27 के सप्ताह की सेवा सभा में होनेवाली चर्चा के लिए तैयारी कर सकें।

17 मि: अप्रैल की सेवा रिपोर्ट। भाषण और इंटरव्यू का यह भाग सर्विस ओवरसियर पेश करेगा। अप्रैल महीने की भारत की और आपकी कलीसिया की क्षेत्र सेवकाई रिपोर्ट में से झलकियाँ पेश कीजिए। ऐसे कई प्रकाशकों का इंटरव्यू लीजिए जिन्होंने उस महीने सेवकाई में हिस्सा लेने के लिए ज़्यादा मेहनत की है। उन्हें बताने के लिए कहिए कि सेवकाई में पूरा-पूरा हिस्सा लेने से उन्हें कैसी खुशी मिली और सेवकाई में व्यस्त रहने के लिए वे क्या कर रहे हैं।—मार्च 2001 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट, पैराग्राफ 28-30 देखिए।

18 मि: “क्या आप और ज़्यादा मेहनत करना चाहते हैं?”a आपके प्रचार-क्षेत्र में दूसरी भाषा बोलनेवालों को गवाही देने में ज़्यादा हिस्सा लेने के बारे में कुछ सुझाव भी दीजिए। चंद शब्दों में जून 15, 1997 के प्रहरीदुर्ग के पेज 26-9 पर दी गई जानकारी बताइए।

गीत 23 (200) और प्रार्थना।

अगस्त 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 4 (43)

8 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट।

15 मि: “आप एक ‘तमाशा’ हैं!”b आपके इलाके में हुए कुछ अनुभवों का ज़िक्र कीजिए जिनमें लोगों ने यहोवा के साक्षियों के काम या उनके चाल-चलन की तारीफ में कुछ कहा हो।—प्रहरीदुर्ग, मार्च 15, 1998 का पेज 10 और जनवरी 15, 1999 का पेज 32 देखिए।

22 मि: “अदब-कायदा—परमेश्‍वर के लोगों की एक खासियत।” एक प्राचीन, पैराग्राफ 1-5 पर पाँच मिनट का भाषण देगा। इसके बाद स्टेज पर ही वह बाकी का भाग एक दूसरे प्राचीन और एक सहायक सेवक के साथ चर्चा करेगा। वे चर्चा करते हैं कि ऐसी आदतों पर कैसे काबू पाया जा सकता है, जिनसे ज़ाहिर होता है कि हमें दूसरों का लिहाज़ नहीं है और जिनकी वजह से सभाओं की गरिमा पर असर पड़ सकता है और हमें उनसे पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि जब हम दूसरों की परवाह करते और उनके लिए प्यार दिखाते हैं तो किस तरह एक-दूसरे की संगति से हमें वाकई फायदा होता है।—फिलि. 2:4.

गीत 22 (130) और प्रार्थना।

अगस्त 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 5 (46)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रकाशकों को अगस्त की क्षेत्र सेवकाई रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। थोड़े शब्दों में एक या दो सुझाव दीजिए कि सितंबर के दौरान सेवकाई में सृष्टि (अँग्रेज़ी) किताब कैसे पेश की जा सकती है।—जून 1995 की हमारी राज्य सेवकाई के पेज 4 पर दिए गए उदाहरण देखिए।

15 मि: “फुरसत के लिए उतना ही समय निकालिए जितना ज़रूरी है।” पुस्तक अध्ययन चलानेवाला एक भाई, अध्ययन के बाद एक शादी-शुदा जोड़े के साथ बातचीत करता है। वह एक अच्छे अंदाज़ में बताता है कि कुछ समय से उसने उन्हें क्षेत्र सेवकाई में या सप्ताह के अंत में होनेवाली सभाओं में नहीं देखा है। तब यह जोड़ा इसका कारण बताते हैं कि वे छुट्टियाँ मनाने और दूसरे काम-काज में बहुत व्यस्त थे। प्राचीन, लेख के ज़रूरी मुद्दों को दोहराते हुए उन्हें यह समझने में मदद देता है कि जीवन में हमेशा आध्यात्मिक बातों को पहली जगह देनी चाहिए। वे प्राचीन का एहसान मानते हैं कि उसने उन्हें ये अच्छी बातें याद दिलाईं। वे कहते हैं कि आगे से वे ज़रूरी कामों को पहला स्थान देंगे।—अक्टूबर 1, 2000 की प्रहरीदुर्ग के पेज 19-20 देखिए।

20 मि: “नयी दुनिया का समाज कार्य करते हुए—इसके इतिहास पर एक नज़र।” श्रोताओं के साथ चर्चा और इंटरव्यू। लेख में दिए गए सवालों पर चर्चा करने के बाद किसी भी भाई-बहन का इंटरव्यू लीजिए जिन्होंने इसकी असली फिल्म देखी है या जो 1950 के दशक में हुए अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशनों में हाज़िर हुए थे। उनसे पूछिए कि उन घटनाओं से जुड़ी कौन-सी बातें उन्हें याद हैं, उनसे उनकी आध्यात्मिकता पर क्या असर पड़ा था और किस तरह उनका विश्‍वास मज़बूत हुआ कि यही यहोवा का संगठन है। अक्टूबर में हम ईश्‍वरीय शिक्षा द्वारा संयुक्‍त (अँग्रेज़ी) वीडियो पर चर्चा करेंगे।

गीत 11 (85) और प्रार्थना।

सितंबर 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 6 (45)

8 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

17 मि: “मसीही भाई-बहनों की संगति कितनी ज़रूरी है?”c जनवरी 15, 1996 के प्रहरीदुर्ग, पेज 22 पर “कलीसिया के द्वारा” उपशीर्षक के तहत दिए गए मुद्दे भी बताइए।

20 मि: अगर कोई कहे। चर्चा और प्रदर्शन। जब प्रचार में लोग ऐसी बात कहते हैं या कोई ऐसे सवाल पूछते हैं जिसकी हम उम्मीद नहीं करते, तो विषय को बदलने या बातचीत को वहीं खत्म करने के बजाय हमें उन्हें जवाब देने की कोशिश करनी चाहिए। इस मामले में रीज़निंग किताब बहुत काम आएगी। कुछ उदाहरण बताइए कि लोग आम-तौर पर क्या कहते हैं और फिर प्रकाशकों से प्रदर्शन करवाइए कि रीज़निंग किताब की मदद से उनका जवाब कैसे दिया जा सकता है। मिसाल के लिए: ‘मैं भगवान को नहीं मानता।’ (पेज 150-1) ‘आप लोग समाज सुधार के लिए कुछ क्यों नहीं करते?’ (पेज 207-8) ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस चर्च में जाते हैं।’ (पेज 332) सभी को बढ़ावा दीजिए कि प्रचार में अचानक उठाई गई बात या सवाल का जवाब देने के लिए वे रीज़निंग किताब के इस भाग का इस्तेमाल करें।

गीत 21 (191) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a लेख का परिचय एक मिनट से कम समय में दीजिए और फिर सवाल-जवाब से चर्चा कीजिए।

b लेख का परिचय एक मिनट से कम समय में दीजिए और फिर सवाल-जवाब से चर्चा कीजिए।

c लेख का परिचय एक मिनट से कम समय में दीजिए और फिर सवाल-जवाब से चर्चा कीजिए।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें