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  • अक्टूबर 8 से शुरू होनेवाला सप्ताह
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हमारी राज-सेव—2001
km 10/01 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

अक्टूबर 8 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 2 (15)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। सभी को वीडियो ईश्‍वरीय शिक्षा से एक किए गए (अँग्रेज़ी) देखने के लिए उकसाइए, ताकि वे अक्टूबर 22 के सप्ताह की सेवा सभा में चर्चा की तैयारी कर सकें। पेज 1 पर दिए गए सुझावों से, पत्रिकाओं को पेश करने के दो छोटे-छोटे प्रदर्शन दिखाइए। एक प्रदर्शन में अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! और दूसरे में अक्टूबर 15 की प्रहरीदुर्ग इस्तेमाल कीजिए।

35 मि: “त्योहारों के मौसम में यहोवा का आदर कीजिए।”a चंद छोटे-छोटे प्रदर्शन भी करवाइए। एक प्रदर्शन पैराग्राफ 4 से होना चाहिए और दूसरे प्रदर्शन पैराग्राफ 5 और 6 की बातों पर ध्यान दिलाएँगे।

गीत 18 (162) और प्रार्थना।

अक्टूबर 15 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 12 (113)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट।

15 मि: क्या आपका “आज्ञाकारी हृदय” है? (1 राजा 3:9, NW) एक प्राचीन जुलाई 15, 1998 की प्रहरीदुर्ग के पेज 29-31 से भाषण देगा। बताइए कि हम कलीसिया के साथ काम करते वक्‍त किन तरीकों से आज्ञाकारी होने का गुण दिखाते हैं।

20 मि: हमारी पत्रिकाओं का अच्छा इस्तेमाल कीजिए। सर्विस ओवरसियर और मैगज़ीन सर्वेन्ट, कलीसिया के इलाके में पत्रिकाएँ देने के मामले में चिंता ज़ाहिर करते हैं। वे बताते हैं कि कलीसिया को हर महीने कितनी पत्रिकाएँ मिलती हैं और उसकी तुलना में कितनी पत्रिकाएँ बाँटने की रिपोर्ट दी जाती है। इससे पता चलता है कि काफी पत्रिकाएँ रखी रह जाती हैं या फेंक दी जाती हैं। प्रकाशक हमारी पत्रिकाओं का और अच्छी तरह इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? दोनों भाई, अक्टूबर 4, 1999 के सप्ताह की सेवा सभा में “पत्रिका देने के मौके हमेशा ढूँढ़ते रहिए!” भाग में बताए गए सात मुद्दों पर चर्चा करते हैं। वे फरवरी 15, 1998 की प्रहरीदुर्ग के पेज 28-9 में बताए गए अनुभव पर चर्चा करते हैं और ऐसे कुछ तरीकों पर गौर करते हैं जिनसे ये सुझाव हम अपने क्षेत्र में लागू कर सकते हैं। सभी को उकसाया जाता है कि हर महीने की हमारी राज्य सेवकाई में बताए गए सुसमाचार सुनाने के तरीके इस्तेमाल करने की कोशिश करें।

गीत 28 (224) और प्रार्थना।

अक्टूबर 22 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 25 (204)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। पेज 1 पर दिए गए सुझावों से, पत्रिकाएँ पेश करने के दो छोटे प्रदर्शन करवाइए। एक अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! और दूसरा नवंबर 1 की प्रहरीदुर्ग से होगा।

10 मि: आप क्या जवाब देंगे? रीज़निंग किताब के पेज 204-5 पर इस सवाल का साफ-साफ जवाब दिया गया है: “यहोवा के साक्षी, यह कैसे तय करते हैं कि बाइबल को किस तरह समझा जाना चाहिए?” एक पुनःभेंट पर इस सवाल का जवाब कैसे दिया जाता है, इसके लिए एक प्रदर्शन दिखाइए जिसकी पहले से अच्छी तैयारी की गयी हो। जवाब देने के बाद प्रकाशक, सवाल पूछनेवाले को कलीसिया की सभाओं में आने का न्यौता देता है।

25 मि: “ईश्‍वरीय शिक्षा से एक किए गए—भाईचारे की सच्ची एकता पर एक नज़र।” श्रोताओं के साथ चर्चा। पहले पैराग्राफ से इस भाग का परिचय दीजिए और समाप्ति के लिए आखिरी पैराग्राफ इस्तेमाल कीजिए। वीडियो के बारे में जानदार चर्चा करने के लिए दिया गया हर सवाल पूछिए। अगर कलीसिया में ऐसे भाई-बहन हैं जो दूसरे देशों के अधिवेशनों में हाज़िर हुए हैं, तो उन्हें बताने के लिए कहिए कि जब उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे संगठन को और उसकी एकता को देखा तो उन्हें कैसा महसूस हुआ। या, 1994 इयरबुक, पेज 7-9 और 1995 इयरबुक, पेज 8-11 से कुछ दिल छू लेनेवाले अनुभव बताइए। दिसंबर में हम पृथ्वी के छोर तक (अँग्रेज़ी) वीडियो पर चर्चा करेंगे।

गीत 11 (85) और प्रार्थना।

अक्टूबर 29 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 19 (164)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रकाशकों को याद दिलाइए कि अक्टूबर के लिए अपनी क्षेत्र सेवकाई की रिपोर्ट डाल दें। नवंबर में हम माँग ब्रोशर या ज्ञान किताब पेश करेंगे। इस छोटी-सी पेशकश का प्रदर्शन करवाइए: “आज इस महँगाई के ज़माने में, बहुत-से लोगों के लिए रोज़ी-रोटी कमाना भी मुश्‍किल हो रहा है। क्या आपको लगता है कि इंसान की सरकारें इस समस्या का ऐसे तरीके से हल कर पाएँगी जिससे कि सभी को फायदा हो? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल में दिए गए इस वादे से मुझे बहुत हौसला मिला है।” भजन 72:12-14 पढ़िए। उसके बाद माँग ब्रोशर या ज्ञान किताब से, विषय से जुड़ी एक-दो बातें पढ़कर इन्हें पेश कीजिए।

15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

18 मि: “आध्यात्मिक भोजन खाने की आपकी आदतें कैसी हैं?”b श्रोताओं से पूछिए कि अप्रैल 15, 1997 की प्रहरीदुर्ग के पेज 28-31 में क्या जानकारी दी गयी है। उन्हें समझाने के लिए कहिए कि हमें क्यों और कैसे आध्यात्मिक भोजन खाने की आदतें सुधारने की जी-जान से कोशिश करनी चाहिए।

गीत 17 (187) और प्रार्थना।

नवंबर 5 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 26 (212)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

18 मि: परिवार में सभाओं के लिए तैयारी। एक पिता अपने परिवार के साथ चर्चा करता है कि कैसे सभाओं में अच्छी तरह हिस्सा लेने के लिए सभी तैयारी कर सकते हैं। जुलाई 1, 1999 की प्रहरीदुर्ग के पेज 20, पैराग्राफ 9 की हिदायतों को ध्यान में रखते हुए, वे इस हफ्ते के प्रहरीदुर्ग अध्ययन में जवाब देने की तैयारी करते हैं। (1) परिवार का हर सदस्य एक या दो सवाल चुनता है जिस पर वह जवाब देगा। (2) अपने-अपने पैराग्राफ पढ़ने के बाद, वे अपने शब्दों में जवाब तैयार करते हैं। (3) दिए गए शास्त्रवचनों में से वे खास-खास वचनों को चुनते हैं, और इस बात पर चर्चा करते हैं कि इनका विषय से क्या नाता है और इन्हें पाठ पर लागू करने के लिए उन्हें क्या कहना चाहिए। हर कोई सभाओं में भाग लेने के लिए उत्सुक है।

17 मि: “हमारा मकसद क्या है?”c इस बात पर ज़ोर दीजिए कि विद्यार्थियों को कलीसिया की सभाओं में हाज़िर होने की अहमियत समझाना कितना ज़रूरी है। यह कैसे करें, इसके लिए अच्छी तरह तैयार किया गया प्रदर्शन भी पेश कीजिए। प्रदर्शन में ज्ञान किताब का 17वाँ अध्याय, पैराग्राफ 6-8 इस्तेमाल कीजिए।

गीत 22 (130) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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