ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार में 3 सितंबर से 24 दिसंबर 2001 तक के हफ्तों से जानकारी ली गई है। दिए गए समय में ज़्यादा-से-ज़्यादा सवालों के जवाब एक अलग कागज़ पर लिखने की कोशिश कीजिए।
[सूचना: सवालों का जवाब देने के लिए आप सिर्फ बाइबल इस्तेमाल कर सकते हैं। सवालों के बाद दिए गए हवाले व्यक्तिगत रूप से खोज करने में आपकी मदद करने के लिए हैं। प्रहरीदुर्ग से जवाब ढूँढ़ने के लिए हर जगह शायद पेज और पैराग्राफ नंबर न दिए हों।]
नीचे दिए गए वाक्यों का सही या गलत में जवाब दीजिए:
1. जबकि यीशु के ग्यारह प्रेरित गलील के थे, मगर लगता है कि यहूदा इस्करियोती जिसने बाद में यीशु को पकड़वाया था, सिर्फ वह अकेला यहूदिया से था। [gt-HI 34]
2. यीशु के चमत्कार इस बात की झलक थी कि परमेश्वर के राज्य में सही मायने में चमत्कार किए जाएँगे। [w-HI99 9/1 पेज 7 पैरा. 1]
3. भजन 68:11 में जिन स्त्रियों की “बड़ी सेना” का ज़िक्र किया गया है वे परदेशी दासियाँ थीं जिन्हें इस्राएली पुरुषों ने दुश्मन जातियों पर जीत हासिल करते वक्त गुलामी से छुड़ाया था। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI86 10/1 पेज 28 पैरा. 2 देखिए।]
4. मत्ती 11:11, 12 में यीशु यह बता रहा था कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, स्वर्ग के राज्य में नहीं होगा, क्योंकि उस राज्य का सबसे छोटा व्यक्ति भी यूहन्ना से बड़ा है। [gt-HI 38]
5. पौलुस की कही यह बात, “तुम्हारी युवावस्था के कारण कोई तुम्हें तुच्छ न समझे” दिखाती है कि तीमुथियुस सिर्फ एक किशोर था या फिर उसकी उम्र बीस के आस-पास थी। (1 तीमु. 4:12, नयी हिन्दी बाइबिल) [w-HI99 9/15 पेज 29 पैरा. 1-3; पेज 31 पैरा. 2]
6. भजन 110:1 में बताया गया ‘मेरा प्रभु’ यीशु है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w94 6/1 पेज 28 पैरा. 5 देखिए।]
7. परमेश्वर के सेवकों को अपने माता-पिता का गहरा आदर करना चाहिए, चाहे वे बूढ़े ही क्यों न हो गए हों। (नीति. 23:22-24) [fy-HI पेज 182 पैरा. 21]
8. आम तौर पर यीशु चंगा किए गए लोगों से कहता था कि वे इस बारे में किसी को भी न बताएँ मगर भूतपूर्व दुष्टआत्मा-ग्रस्त व्यक्ति को उसने बताने की छूट दी क्योंकि यीशु को उस इलाके के लोगों से मिलने का मौका दोबारा नहीं मिलता। (मर. 5:18-20) [gt-HI 45]
9. यह कहना ठीक होगा कि पवित्र आत्मा परमेश्वर का बल है। [g-HI99 2/8 पेज 26 पैरा. 3]
10. नीतिवचन 21:17 में “रागरंग से प्रीति” न रखने की सलाह का मतलब यह है कि मौज-मस्ती करना गलत है क्योंकि इससे ज़रूरी बातों के लिए समय नहीं मिलता। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 10/1 पेज 27 पैरा. 7 देखिए।]
नीचे दिए गए सवालों के जवाब दीजिए:
11. यीशु, मार्था को प्यार से क्या समझाना चाहता था? (लूका 10:40, 41) [w-HI99 9/1 पेज 30 पैरा. 7]
12. यहोवा ने भजनहार की किस तरह “महिमा” की? (भज. 73:24) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI86 12/1 पेज 27 पैरा. 3 देखिए।]
13. भजन 84:1-3 में भजनहार ने उपासना से जुड़ी खास ज़िम्मेदारियों के बारे में कैसा नज़रिया दिखाया? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 3/15 पेज 8 पैरा. 5-7 देखिए।]
14. क्या प्रमाण हैं कि परमेश्वर वास्तव में यहोवा के साक्षियों को काम में ला रहा है? [je-HI पेज 11 पैरा. 5]
15. शुरू के मसीही विश्वास करते थे कि पृथ्वी पर मसीह हज़ार साल के लिए राज करेगा, तो यह कैसे हुआ कि वक्त के गुज़रते धर्मत्यागी इसाइयों ने परमेश्वर की इस शिक्षा को ठुकरा दिया? [w-HI99 12/1 पेज 6 पैरा. 3–पेज 7 पैरा. 5]
16. मसीहियों को ‘दूसरों के हित’ की चिंता करते वक्त किस तरह अपनी हद पहचाननी चाहिए? (फिलि. 2:4) [w-HI99 12/1 पेज 29 पैरा. 1]
17. भजन 128:3 में कहा गया है कि बेटे मेज़ के चारों ओर “जलपाई के पौधे से होंगे।” इसका मतलब क्या है? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI00 8/15 पेज 30 पैरा. 4 देखिए।]
18. अगर हम महसूस करते हैं कि परमेश्वर के काम विस्मयप्रेरक हैं तो हम पर कैसा असर पड़ेगा? (भज. 139:14) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI93 10/1 पेज 12 पैरा. 18 देखिए।]
19. नीतिवचन 5:3, 4 में क्यों कहा गया कि अनैतिकता का अंजाम “नागदौना सा कड़ुवा” और “दोधारी तलवार सा पैना” होता है? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI00 7/15 पेज 29 पैरा. 2 देखिए।]
20. नीतिवचन 14:29 के मुताबिक किस तरह समझ हमें अधीर होने और अनियंत्रित गुस्से के अंजामों से बचाती है? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 3/15 पेज 13 पैरा. 7-8 देखिए।]
नीचे दिए गए वाक्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी शब्द या वाक्यांश लिखिए:
21. अकसर एक व्यक्ति जो बोलता है, लोग उसे __________________ से ज़्यादा उसके __________________ को देखते हैं। (मत्ती 5:16; 1 पत. 3:16) [rq-HI पेज 30 पैरा. 2]
22. नीतिवचन की किताब के दो मकसद हैं, एक तो __________________ देना और दूसरा, __________________ देना। (नीति. 1:1-4) [w-HI99 9/15 पेज 13 पैरा. 1]
23. ‘परमप्रधान का छाया हुआ स्थान’ उन लोगों के लिए __________________ का स्थान है; जो __________________ के वाद विषय में यहोवा का पक्ष लेते हैं; यह ऐसे लोगों के लिए ‘छाया हुआ’ या रहस्य है जिनमें __________________ है। (भज. 91:1) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI86 12/1 पेज 29 पैरा. 2 देखिए।]
24. ‘यहोवा के किसी उपकार को न भूलने’ का मतलब बेशक ‘उसके उपकारों’ या दया के कामों का __________________ है जैसा कि भजन 103 में वर्णन किया गया है। (भज. 103:2) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 5/15 पेज 21 पैरा. 5-6 देखिए।]
25. परमेश्वर के सेवक यह उग्र विचार नहीं रखते कि अंत्येष्टि की सभी प्रथाएँ __________________ और __________________ हैं क्योंकि मृतजन तो __________________ ही हैं। [g-HI99 3/8 पेज 11 पैरा. 6]
नीचे दिए गए वाक्यों के सही जवाब चुनिए:
26. शाऊल ने दाऊद के साथ बुरा सलूक किया था इसलिए दाऊद का गुस्सा होना वाजिब था। लेकिन दाऊद ने खुद को काबू में रखा क्योंकि (उसे मालूम था कि शाऊल असिद्ध है और कि यहोवा के सेवकों को दूसरों की गलतियाँ माफ कर देनी चाहिए; उसे यहोवा के साथ अपने रिश्ते की फिक्र थी; वह जानता था कि दूसरों का न्याय करना गलत है)। (1 शमू. 24:6, 15) [w-HI99 8/15 पेज 8 पैरा. 7]
27. (बुद्धि; अनुशासन; धार्मिकता) में कई गुण शामिल हैं, जैसे समझ, अंदरूनी समझ, चतुराई और अच्छे-बुरे में फर्क करने की काबिलीयत। (अच्छाई; समझ; सही फैसले करने की काबिलीयत) का मतलब है किसी मामले का पूरा-पूरा जायज़ा लेकर, उस पर विचार करके उसे अच्छी तरह जान लेना। (नीति. 1:1-4) [w-HI99 9/15 पेज 13 पैरा. 2]
28. यूसुफ ने पोतीपर की पत्नी के साथ कुकर्म करने से इनकार करने की हिम्मत इसलिए पाई क्योंकि (उसे मूसा के नियम का ज्ञान था, जिसमें व्यभिचार की निंदा की गयी; वह उसके पति के ऊँचे ओहदे से डरता था; वह यहोवा के साथ अपने रिश्ते को बहुत मूल्यवान समझता था)। (उत्प. 39:7-9) [w-HI99 10/1 पेज 29 पैरा. 3]
29. एक सौ उन्नीसवाँ भजन लिखनेवाले भजनहार के दिल में (परमेश्वर के वचन या व्यवस्था के लिए; जीवन के तोहफे के लिए; उद्धार की आशा) के लिए बहुत कदर थी जिसके बारे में इस अध्याय की तकरीबन सभी आयतों में ज़िक्र है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 11/1 पेज 10 पैरा. 5; w-HI87 4/1 पेज 26 पैरा. 2 देखिए।]
30. परिवार में मुखियापन सुख का कारण तब बनता है जब उसे (अपने फायदे के लिए; उचित रीति से; कठोरता से) चलाया जाता है। [fy-HI पेज 185 पैरा. 6]
नीचे दिए गए वचनों का वाक्यों के साथ मेल कीजिए:
भज. 37:21; नीति. 2:19; 14:15; 2 कुरि. 1:24; इब्रा. 13:18
31. प्राचीनों और सहायक सेवकों का कलीसिया के बाकी लोगों से ऊँचा ओहदा नहीं है। [rq-HI पेज 29 पैरा. 4]
32. मसीही होने के नाते हम बिज़नॆस में बेइमानी नहीं कर सकते और ना ही हम दूसरों का नुकसान कर सकते हैं। [w-HI99 9/15 पेज 10 पैरा. 2]
33. लैंगिक अनैतिकता करनेवाले अपनी बुराई में इतनी दूर निकल जाएँगे कि उनके लिए लौटना मुश्किल होगा और उनके आगे सिर्फ एक ही रास्ता खुला होगा, वह भी मौत का। [w-HI99 11/15 पेज 27 पैरा. 4-5]
34. एक बुद्धिमान और समझदार व्यक्ति पहले से ही अपने काम के अंजाम को भाँप लेता है और वह किसी भी नए तौर-तरीके को बस इसलिए नहीं अपना लेता क्योंकि वह बहुत आम है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; g94 12/8 पेज 16 पैरा. 1 देखिए।]
35. एक मसीही जो अदबदाकर और जानबूझकर अपना कर्ज़ चुकाने से इनकार करता है वह परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को खतरे में डालता है और उसके कामों से दिख सकता है कि वह लालची और दुष्ट है। [g-HI99 5/8 पेज 19 पैरा. 3]