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  • दिसंबर 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 17 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 24 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जनवरी 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेव—2001
km 12/01 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

दिसंबर 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 28 (224)

13 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। दिसंबर 24 के सप्ताह की सेवा सभा में होनेवाली चर्चा की तैयारी करने के लिए सभी को पृथ्वी के दूर दूर देशों तक (अँग्रेज़ी) वीडियो देखने के लिए उकसाइए। पेज 8 पर दिए गए सुझावों का इस्तेमाल करते हुए, प्रदर्शन दिखाइए कि कैसे (1) अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! और (2) दिसंबर 15 की प्रहरीदुर्ग पेश करें।

12 मि: प्राचीनों का ऐसा आदर कीजिए जिसके वे योग्य हैं। दो या तीन सहायक सेवक, जून 1, 1999 की प्रहरीदुर्ग के पेज 18-19 पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि प्राचीनों को कौन-कौन-सी ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं। इनमें उनकी नौकरी, परिवार की और कलीसिया में मिलनेवाली ज़िम्मेदारियाँ शामिल हैं। गौर कीजिए कि किन तरीकों से सभी उनका हौसला बढ़ा सकते हैं, उनका बोझ हलका कर सकते हैं और उनकी तरफ से मिलनेवाली हिदायतों के मुताबिक काम कर सकते हैं। सहायक सेवक यह मानते हैं कि प्राचीनों द्वारा की गयी सेवा अनमोल है और वे “बहुत ही आदर के योग्य” हैं।—1 थिस्स. 5:12, 13.

20 मि: “यहोवा के प्रेम के लिए कदर दिखाने से मिलनेवाली आशीषें—भाग 2.”a पैराग्राफ 2-6 की चर्चा करते वक्‍त, कलीसिया से कहिए कि वे ऐसे अनुभव बताएँ जो उन्हें हाल ही में हुई दुर्घटना और उसके बुरे अंजामों की वजह से निराशा या चिंता में डूबे लोगों को सांत्वना देने या उनकी उम्मीद बँधाने से हुए हैं। इनमें से एक या दो अनुभवों का प्रदर्शन दिखाने का पहले से इंतज़ाम कीजिए।

गीत 29 (222) और प्रार्थना।

दिसंबर 17 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 22 (130)

8 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स्‌ रिपोर्ट। दिसंबर 25 और जनवरी 1 के लिए प्रचार के खास इंतज़ामों के बारे में बताइए।

20 मि: “परमेश्‍वर के वचन को ठीक रीति से काम में लाइए।”b पैराग्राफ 4 में दी गयी पेशकश का प्रदर्शन दिखाइए जो बनावटी न लगे। इसके अलावा, एक ऐसी असरदार पेशकश का प्रदर्शन करवाइए जो दुनिया के मौजूदा हालात से दुःखी लोगों को दिलासा देने के लिए आपके इलाके में इस्तेमाल की गयी है। एक छोटा-सा अनुभव भी बताया जा सकता है। श्रोतागण से उनकी राय पूछिए कि साक्षी देते वक्‍त बाइबल इस्तेमाल करना क्यों ज़्यादा असरदार होगा।

17 मि: “मुझे बाइबल का कौन-सा अनुवाद इस्तेमाल करना चाहिए?” भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। आपके इलाके में बोली जानेवाली भाषाओं में पूरी बाइबल का इस्तेमाल करने की अहमियत पर ज़ोर दीजिए।

गीत 9 (37) और प्रार्थना।

दिसंबर 24 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 29 (222)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। बताइए कि जनवरी में हम कौन-सा साहित्य पेश कर रहे हैं और कलीसिया में कौन-सी किताबों का स्टॉक है। पेज 8 पर दिए गए सुझाव इस्तेमाल करते हुए, पत्रिकाएँ पेश करने के दो छोटे-छोटे प्रदर्शन दिखाइए, पहला अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! से और दूसरा जनवरी 1 की प्रहरीदुर्ग से। इनमें से एक प्रदर्शन, छोटी उम्र के प्रचारक से करवाइए।

10 मि: “सन्‌ 2002 के लिए ईश्‍वरशासित सेवकाई स्कूल।” स्कूल ओवरसियर का भाषण। सभी का हौसला बढ़ाइए कि उन्हें सौंपे गए भागों को पेश करने के लिए वे पूरी मेहनत करें।

25 मि: “पृथ्वी के दूर दूर देशों तक—गवाही देना।” श्रोतागण के साथ चर्चा। सभी को इस बात पर गंभीरता से सोचने के लिए उकसाइए कि वे अपने इलाके में या जहाँ ज़्यादा ज़रूरत है, वहाँ लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए और क्या कर सकते हैं। जुलाई 2001 की हमारी राज्य सेवकाई का पेज 8 देखिए। फरवरी में हम एक और वीडियो पर चर्चा करेंगे जिसका शीर्षक है, नूह—वह परमेश्‍वर के साथ-साथ चला।

गीत 13 (124) और प्रार्थना।

दिसंबर 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 2 (15)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को दिसंबर की रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। अगर आपकी कलीसिया नए साल में सभाओं का समय बदल रही है तो सभी से अनुरोध कीजिए कि नए समय पर नियमित रूप से हर सभा के लिए आएँ। इस बात का ध्यान रखिए कि दिलचस्पी दिखानेवाले सभी जन और जो निष्क्रिय हो गए हैं, उन्हें भी इसकी खबर दी जाए।

35 मि: “‘परमेश्‍वर के वचन के सिखानेवाले’ ज़िला अधिवेशन से सीखी बातों पर क्या आप अमल कर रहे हैं?” अधिवेशन कार्यक्रम की श्रोताओं के साथ चर्चा, जिसे प्रहरीदुर्ग अध्ययन चलानेवाला भाई पेश करेगा। एक मिनट के परिचय के बाद, हर दिन के कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए 10-12 मिनट का समय दीजिए। चंद शब्दों में हर उपशीर्षक के नीचे दिए गए खास मुद्दे बताइए और फिर श्रोताओं से पूछिए कि (1) उन्होंने इस जानकारी पर अमल करने की कैसे कोशिश की है, (2) ऐसा करने से उन्हें क्या लाभ हुआ है, और (3) उन्हें और क्या करना चाहिए इसके बारे में वे क्या महसूस करते हैं। ऐसे सवाल पूछिए जिनसे श्रोता सोचने पर मजबूर हो जाएँ और जिससे चर्चा में जान आ जाए। सभी को यह समझने में मदद दीजिए कि सीखी हुई बातों पर अमल करना ज़रूरी है।

गीत 18 (162) और प्रार्थना।

जनवरी 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 8 (53)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

20 मि: अपनी ज़िंदगी को अनमोल बनाइए। परिवार के सदस्य अगस्त 15, 1998 की प्रहरीदुर्ग के पेज 8-9 पर चर्चा करते हैं। पिता चाहता है कि उसका परिवार ऐसी ज़िंदगी जीए जिससे उन्हें निराशा नहीं बल्कि खुशी मिले। वे लेख में दी गयी बाइबल की सलाह पर चर्चा करते हैं जो दिखाती है कि खुशी पाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। उनके लिए समझ हासिल करना, ज़िंदगी में ज़रूरी बातों को पहला स्थान देना और यहोवा पर भरोसा रखना बेहद ज़रूरी है। वे बताते हैं कि इसके लिए पूरा परिवार क्या-क्या बदलाव कर सकता है।

15 मि: अपने किंगडम हॉल पर करीब से एक नज़र। एक प्राचीन द्वारा भाषण। किंगडम हॉल किस हालत में है, इस पर ध्यान दीजिए। क्या यह हर वक्‍त साफ-सुथरा और मनभावना रहता है? क्या बैठने का इंतज़ाम, साउंड सिस्टम अच्छी हालत में हैं? क्या हॉल हवादार है जिसमें बैठकर सभाओं का आनंद लिया जा सके? क्या टॉयलेट साफ-सुथरे हैं? क्या इमारत की दीवारों के अंदरूनी और बाहरी भाग की अच्छी देख-रेख की जा रही है? आसपास की जगहों के बारे में क्या? किंगडम हॉल की साफ-सफाई के इंतज़ाम के मुताबिक क्या नियमित रूप से सफाई की जाती है? ऐसी हर बात का ज़िक्र कीजिए जहाँ सुधार या ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। स्मारक से पहले अच्छी तरह साफ-सफाई करने के लिए क्या इंतज़ाम किए जा रहे हैं? उससे पहले क्या कोई मरम्मत का काम किया जाना है? बताइए कि कैसे कलीसिया इसमें हाथ बँटा सकती है। इस बात का ध्यान रखने पर ज़ोर दीजिए कि हमारी उपासना की जगह में वह खूबसूरती और वैभव नज़र आना चाहिए जो यहोवा के भवन को शोभा देता है।—भज. 84:1.

गीत 3 (32) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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