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हमारी राज-सेवा—2002
km 3/02 पेज 7

घोषणाएँ

◼ मार्च के लिए साहित्य पेशकश: ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। बाइबल अध्ययन शुरू करने पर खास ध्यान दिया जाएगा। अप्रैल और मई: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ। प्रचारकों को चाहिए कि वे प्रचार में लोगों को बताएँ कि वे अगर चाहें तो संसार-भर में चल रहे काम के लिए चंदा दे सकते हैं। जहाँ दिलचस्पी दिखाई जाती है, वहाँ माँग ब्रोशर पेश कीजिए और बाइबल अध्ययन शुरू करने का खास प्रयास कीजिए। जून: परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? या ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। जिनके पास पहले से ये प्रकाशन हैं, उन्हें कलीसिया के स्टॉक में मौजूद कोई ऐसा ब्रोशर दीजिए जो उनके लिए सही हो।

◼ जो प्रचारक अप्रैल महीने में ऑक्ज़लरी पायनियरिंग करना चाहते हैं, उन्हें अभी से योजना बनानी चाहिए और जल्द अपनी अर्ज़ी भर देनी चाहिए। इससे प्राचीनों को क्षेत्र सेवकाई का इंतज़ाम करने, साथ ही काफी मात्रा में पत्रिकाएँ और साहित्य मँगवाने में आसानी होगी। जिन लोगों को ऑक्ज़लरी पायनियरिंग करने की मंज़ूरी मिली है, उनके नामों की हर महीने कलीसिया में घोषणा की जानी चाहिए।

◼ स्मारक गुरुवार, मार्च 28, 2002 को मनाया जाएगा। अगर आपकी कलीसिया में गुरुवार के दिन सभाएँ रखी जाती हैं, तो उस हफ्ते ये सभाएँ, ऐसे दिन रखिए जब राज्यगृह खाली होता है। अगर ऐसा करना मुमकिन नहीं है और आपकी सेवा सभा के कार्यक्रम पर इसका असर होगा, तो उस हफ्ते की सेवा सभा के जो भाग आपकी कलीसिया के लिए खासकर ज़रूरी हैं, उन्हें किसी और हफ्ते की सेवा सभा में शामिल किया जा सकता है।

◼ अगर कोई प्रचारक खुद-ब-खुद संस्था से साहित्य माँगता है तो संस्था उसे साहित्य नहीं भेजती। कलीसिया का हर महीने का लिट्रेचर ऑर्डर संस्था को भेजने से पहले, प्रिसाइडिंग ओवरसियर को हर महीने कलीसिया में घोषणा करवानी चाहिए ताकि जिन्हें साहित्य मँगवाना है, वे लिट्रेचर सर्वेंट को अपना ऑर्डर दे सकें। कृपया याद रखिए कि कौन-से प्रकाशन ‘स्पेशल रिक्वेस्ट आइटम्स’ हैं।

◼ कलीसियाओं के पास काफी मात्रा में यहोवा के साक्षी और शिक्षा ब्रोशर, अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होना चाहिए। इससे माता-पिता और स्कूल जानेवाले बच्चों के पास, मई के आखिर से जून की शुरूआत में स्कूल के नए साल के शुरू होते वक्‍त यह ब्रोशर मौजूद होगा।

◼ साहित्य और पत्रिकाओं के छापने और डाक से भेजने में जो खर्च होता है, उसे मद्देनज़र रखते हुए ज़िम्मेदार भाइयों और हरेक प्रचारक को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिससे कि संस्था के पैसों की बचत हो सके। वे बाते हैं:

कलीसियाओं से मिले सितंबर 1, 2001 की लिट्रेचर इंवेन्ट्री से पता चलता है कि बहुत-सी कलीसियाओं में किताब और ब्रोशर भारी मात्रा में मौजूद हैं, जो कई साल तक चल सकते हैं। ऐसा होते हुए भी इन कलीसियाओं ने और ज़्यादा साहित्य माँगा है। सभी कलीसियाओं से अनुरोध है कि नया साहित्य मँगाने से पहले वे अपना मौजूदा स्टॉक खत्म करें। कलीसियाओं को चाहिए कि वे उतने ही साहित्य का स्टॉक रखें जो सिर्फ तीन महीने के लिए काफी हों। इसका मतलब यह है कि संस्था को कोई भी लिट्रेचर रिक्वेस्ट भेजने से पहले, कलीसिया का सर्विस ओवरसियर खुद जाँच करे कि कहीं कलीसिया में लिट्रेचर का ज़्यादा स्टॉक तो नहीं है।

सेक्रेट्री और सर्विस ओवरसियर को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी कलीसिया में पत्रिकाएँ जमा न हो जाएँ। अगर पहले ही पत्रिकाएँ जमा हो चुकी हैं तो इन्हें जल्द-से-जल्द बाँटने के लिए खास अभियान रखें। और ब्रांच ऑफिस को एक नया ऑर्डर भेजें जिसमें पत्रिकाओं की संख्या कम की गई हो। प्रचारकों के घरों में भी पत्रिकाएँ और साहित्य जमा नहीं होना चाहिए। सभी प्रचारकों को चाहिए कि अपने लिए और प्रचार में देने के लिए जितना काफी हो उतना ही साहित्य मँगाए।

◼ कृपया यह नोट कीजिए कि भारत का शाखा दफ्तर बंगलौर में अपनी नयी जगह पर जा रहा है। इसलिए सन्‌ 2002 के मार्च के मध्य से अप्रैल के मध्य तक लिट्रेचर और पत्रिकाओं के रिक्वेस्ट भेजे नहीं जा सकेंगे।

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