अपनी कलीसिया के पुस्तक अध्ययन ओवरसियर की मदद कीजिए
हममें से हरेक को कलीसिया के पुस्तक अध्ययन से कई फायदे होते हैं। पिछले महीने हमने चर्चा की कि कलीसिया का पुस्तक अध्ययन ओवरसियर किस तरीके से अपनी ज़िम्मेदारी निभाता है। लेकिन हम उसकी मदद कैसे कर सकते हैं जिससे ना सिर्फ हमें बल्कि दूसरों को भी फायदा पहुँचे?
2 हर हफ्ते हाज़िर होइए: पुस्तक अध्ययन समूहों को छोटा रखा गया है, इसलिए आपका हाज़िर होना ज़रूरी है। हर हफ्ते हाज़िर होने का अपना लक्ष्य बनाइए। इसके अलावा, आप वक्त के पाबंद होकर भी ओवरसियर की मदद कर सकते हैं क्योंकि इससे वह सभा को क्रमानुसार या सही समय पर शुरू कर पाएगा।—1 कुरि. 14:40.
3 हौसला बढ़ानेवाले जवाब: मदद करने का एक और तरीका है, पुस्तक अध्ययन के लिए अच्छी तैयारी करना और हौसला बढ़ानेवाले जवाब देना। अकसर जवाब में एक ही मुद्दा बताना सबसे अच्छा होता है और इससे दूसरों को जवाब देने का मौका मिलता है, इसलिए पैराग्राफ से जवाब देते वक्त उसमें लिखी सभी बातें मत बताइए। अगर किसी मुद्दे ने आपके दिल को छू लिया है तो अपने जवाब में वह मुद्दा बताइए। इससे चर्चा जानदार बनेगी।—1 पत. 4:10.
4 अगर आपको समूह के लिए पैराग्राफ पढ़ने की ज़िम्मेदारी मिलती है, तो अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने की जी-जान से कोशिश कीजिए। अच्छी पढ़ाई से अध्ययन काफी मज़ेदार बन जाता है।—1 तीमु. 4:13.
5 समूह के साथ मिलकर प्रचार करना: प्रचार के लिए सभाएँ, उन जगहों पर रखी जाती हैं जहाँ पुस्तक अध्ययन समूह इकट्ठा होते हैं। अगर आप इन इंतज़ामों का साथ देंगे तो इससे ओवरसियर को प्रचार काम की अगुवाई करने में काफी मदद मिलेगी। इन इंतज़ामों को अपने भाइयों के करीब आने और उन्हें प्रोत्साहित करने का बढ़िया मौका समझिए।
6 प्रचार की रिपोर्ट: हर महीने के आखिर में जल्द-से-जल्द अपनी प्रचार की रिपोर्ट देना एक और तरीका है जिससे आप ओवरसियर की मदद कर सकते हैं। आप या तो अपनी रिपोर्ट सीधे पुस्तक अध्ययन ओवरसियर को दे सकते हैं या फिर राज्यगृह में रिपोर्ट के लिए रखे गए बक्स में डाल सकते हैं। अगर सेक्रेटरी चाहे तो इसी बक्स से प्रचार की सारी रिपोर्ट इकट्ठी कर सकता है जिन्हें पुस्तक अध्ययन ओवरसियर ने जमा किया है।
7 अपनी कलीसिया के पुस्तक अध्ययन ओवरसियर की आप जो भी मदद करते हैं, उसकी बहुत कदर की जाएगी। सबसे बढ़कर आप यह भरोसा रख सकते हैं कि आप जिस “आत्मा के साथ” सहयोग देंगे यहोवा उस पर ज़रूर आशीष देगा।—फिलि. 4:23.