ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार में सितंबर 2 से दिसंबर 23, 2002 तक के हफ्तों से जानकारी ली गई है। दिए गए समय में ज़्यादा-से-ज़्यादा सवालों के जवाब एक अलग कागज़ पर लिखने की कोशिश कीजिए।
[सूचना: सवालों का जवाब देने के लिए आप सिर्फ बाइबल इस्तेमाल कर सकते हैं। सवालों के बाद दिए गए हवाले व्यक्तिगत रूप से खोज करने में आपकी मदद करने के लिए हैं। प्रहरीदुर्ग से जवाब ढूँढ़ने के लिए हर जगह शायद पेज और पैराग्राफ नंबर न दिए हों।]
नीचे दिए गए वाक्यों का सही या गलत में जवाब दीजिए:
1. यहोवा के अद्भुत गुणों पर ध्यान करना, उसके करीब आने के लिए एक ज़रूरी कदम है। (भज. 143:5) [w00-HI 10/15 पेज 4 पैरा. 6]
2. यहेजकेल 37:15-24 में बतायी दो लकड़ियों के जोड़ने से मिलती-जुलती घटना सन् 1919 में हुई। उस वक्त वफादार अभिषिक्त शेष जनों को उनके “एक ही राजा” और ‘एक ही चरवाहे,’ मसीह के अधीन एक झुंड के तौर पर संगठित किया गया। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w88-HI 11/1 पेज 25 पैरा. 13 देखिए।]
3. अपने आप में, अन्तिम दिनों का वर्णन करनेवाली भविष्यवाणियों की कुछ विशेषताएँ इतिहास की अन्य अवधियों पर लागू होती प्रतीत हो सकती हैं। [kl-HI पेज 106 पैरा. 16]
4. जिन लोगों के बारे में लगता है कि उनके पास बहुत अधिकार है या जो बहुत ज्ञानी होने का दावा करते हैं, उनकी बात गलत साबित करने के लिए ठोस सबूत मिल नहीं सकते। [w00-HI 12/1 पेज 29 पैरा. 7-8]
5. हमारा धर्म-परायण जीवन जीना इस बात की गारंटी देता है कि हमारे साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया जाएगा। [kl-HI पेज 118 पैरा. 2]
6. कलीसिया के प्राचीन, परमेश्वर के सेवक और दास हैं, और जैसे हमारे स्वामी, यीशु मसीह ने किया, वे संगी उपासकों की सेवा-टहल करते हैं। (यूह. 10:14, 15) [kl-HI पेज 137 पैरा. 20]
7. ओबद्याह 16 में भविष्यवाणी की गयी है कि यहूदा से दुश्मनी रखने की वजह से पूरी-की-पूरी एदोमी जाति को मिटा दिया जाएगा। (ओब. 12) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w89-HI 4/1 पेज 29 बक्स देखिए।]
8. सपन्याह 3:9 में बतायी “शुद्ध भाषा” बोलने में परमेश्वर और उसके उद्देश्यों के बारे में सही समझ हासिल करना शामिल है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w01-HI 2/15 पेज 27 पैरा. 18 देखिए।]
9. यीशु गतसमनी के बाग में इतने तनाव में और ऐसी भारी वेदना से इसलिए गुज़र रहा था क्योंकि उसे इस बात की चिंता सता रही थी कि जब वह एक घृणित अपराधी की मौत मारा जाएगा तो इसका असर यहोवा पर और उसके पवित्र नाम पर कैसा होगा। (मत्ती 26:38; लूका 22:44) [w00-HI 11/15 पेज 23 पैरा. 1]
10. जकर्याह 9:6, 7 की भविष्यवाणी के अनुसार जो ‘पलिश्ती’ “यहूदा में अधिपति सा” बनता है, वह अन्य भेड़ वर्ग के लोगों को दर्शाता है जिन्हें “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” तालीम देता है और ज़रूरत के मुताबिक अधिकार सौंपता है। (मत्ती 24:45) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w95-HI 7/1 पेज 23 पैरा. 14 देखिए।]
नीचे दिए गए सवालों के जवाब दीजिए:
11. प्रचार करने की हमारी ज़िम्मेदारी कैसे, यहेजकेल की पहरुआ होने की ज़िम्मेदारी जैसी है? (यहे. 33:1-11) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w88-HI 3/1 पेज 29 पैरा. 13 देखिए।]
12. सूखी हड्डियों के बारे में यहेजकेल के दर्शन से मिलती-जुलती कौन-सी घटना, हमारे समय में घटी? (यहे. 37:5-10) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w88-HI 11/1 पेज 24 पैरा. 12 देखिए।]
13. हमारे बारे में परमेश्वर की इच्छा का सार किन शब्दों में दिया जा सकता है? [kl-HI पेज 170 पैरा. 3]
14. यहेजकेल के दर्शन का नगर किसे दर्शाता है? (यहे. 48:15-17) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w99-HI 3/1 पेज 18 पैरा. 22 देखिए।]
15. यूहन्ना 11:9, 10 में यीशु के कहे ‘दिन के घंटे’ और “रात” किस बात को दर्शाते हैं? [gt-HI अध्याय 89]
16. जब राजा ने यह फरमान जारी किया कि 30 दिनों के लिए राजा के सिवा किसी और देवता या इंसान से प्रार्थना नहीं की जानी है, तो दानिय्येल ने जो रवैया दिखाया, उससे हम क्या सीख सकते हैं? (दानि. 6:7-10) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; dp-HI पेज 125 पैरा. 25-8 देखिए।]
17. यहोवा का कौन-सा संदेश सुनाते वक्त, अभिषिक्त शेष जन, राष्ट्रों के बीच सिंह की तरह रहे हैं? (मीका 5:8) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w81 7/15 पेज 23 पैरा. 10 देखिए।]
18. हबक्कूक 3:14 के इन शब्दों का मतलब क्या है: “तू ने उसके योद्धाओं के सिरों को उसी की बर्छी से छेदा है”? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w00-HI 2/1 पेज 22 पैरा. 15; w81 8/1 पेज 29 पैरा. 6-7 देखिए।]
19. सपन्याह 2:3 में “सम्भव है” शब्द क्या दिखाते हैं? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w01-HI 2/15 पेज 19 पैरा. 8 देखिए।]
20. जकर्याह 8:6 के मुताबिक, सन् 1919 के बाद के सालों से, यहोवा ने ऐसा कौन-सा काम पूरा करवाया है जो इंसान की नज़र से बहुत मुश्किल लग सकता था? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w96-HI 1/1 पेज 16 पैरा. 18-19 देखिए।]
नीचे दिए गए वाक्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी शब्द या वाक्यांश लिखिए:
21. हम यहोवा से ___________________ के ज़रिए बात करते हैं, जो कि हमारी उपासना का एक भाग है; आज वह हमसे खासकर अपने ___________________ के ज़रिए बात करता है। (भज. 65:2; 2 तीमु. 3:16) [w00-HI 10/15 पेज 5 पैरा. 2-3]
22. यीशु के दृष्टांत का उड़ाऊ बेटा, परमेश्वर के लोगों में से उनको दर्शाता है जो संसार के ___________________ का आनंद उठाने के लिए संगठन को छोड़ देते हैं; मगर कुछ समय बाद वे ___________________ हुए लौटते हैं और फिर से परमेश्वर के ___________________ सेवक बन जाते हैं। [gt-HI अध्याय 86]
23. ‘यरूशलेम के फिर बसाने की आज्ञा का निकलना’ ___________________ में हुआ, इससे 69 सप्ताहों के वर्ष शुरू हुए और ये वर्ष, ___________________ में खत्म हुए जब मसीहा प्रकट हुआ। (दानि. 9:25) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; dp-HI पेज 190 पैरा. 20-पेज 191 पैरा. 22 देखिए।]
24. यहोवा का कोई भी विश्वासी उपासक अलग-अलग ___________________ के साथ ___________________ में हिस्सा लेने के द्वारा या बड़े बाबुल के किसी भी भाग के साथ आध्यात्मिक संगति करने के द्वारा ___________________ की गतिविधियों में भाग नहीं लेगा। (गिन. 25:1-9; 2 कुरि. 6:14) [kl-HI पेज 125 पैरा. 15]
25. ___________________ परमेश्वर से प्रार्थना करना हमें उसके साथ अपने ___________________ को पक्का करने में भी मदद देता है, और प्रतिदिन यहोवा से प्रार्थना करना उसके और ___________________ आते जाने में हमारी मदद करता है। [kl-HI पेज 153-4 पैरा. 10]
नीचे दिए गए वाक्यों के सही जवाब चुनिए:
26. राज्य के माध्यम से यीशु मसीह पृथ्वी पर (शांति; सिद्धता; शासकत्व) को यहोवा के नाम में पुनःस्थापित करेगा और सदा के लिए परमेश्वर की न्यायपूर्ण सर्वसत्ता को (पवित्र; दोषनिवारित; साबित) करेगा। [kl-HI पेज 91 पैरा. 5]
27. बाइबल पूर्वबताती है कि इस संसार के (व्यापारिक व्यवस्था; राजनैतिक तत्त्व; सामाजिक व्यवस्था) द्वारा ‘बड़े बाबुल,’ अर्थात् झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य पर आक्रमण के साथ एक “भारी क्लेश” शुरू होगा। [kl-HI पेज 106 पैरा. 15]
28. जैसे एक शिकारी जानवरों को अपने जाल में फँसाने के लिए तरह-तरह का चारा लगाता है, वैसे ही (दुष्टात्माएँ; भ्रष्ट इंसान; ओझा) मनुष्यों को अपने वश में करने के लिए विभिन्न रूप में प्रेतात्मवाद को प्रोत्साहन देती हैं। (भजन 119:110 से तुलना कीजिए।) [kl-HI पेज 111 पैरा. 6]
29. योएल 1:4-6 में बतायी गयी, लाक्षणिक टिड्डियों की जाति (इस्राएल जाति; अभिषिक्त मसीहियों; रोमी सेना) को दर्शाती है। (प्रेरि. 2:1, 14-17) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w98-HI 5/1 पेज 9 पैरा. 9 देखिए।]
30. मरकुस 10:29, 30 में यीशु वादा करता है कि उसके शिष्य संसार में कहीं भी जाएँ, वे (अजनबियों; दुश्मनों; संगी मसीहियों) के साथ एक ऐसे रिश्ते का अनुभव करते हैं, जो स्वाभाविक परिवार के सदस्यों से और ज़्यादा घनिष्ठ और ज़्यादा बेशकीमत है। [gt-HI अध्याय 96]
नीचे दिए गए वचनों का वाक्यों के साथ मेल कीजिए:
फिलि. 4:13; योए. 2:32; प्रेरि. 5:32; याकू. 4:17; रोमि. 12:2
31. हमें देखना चाहिए कि हमारी संस्कृति या दुनिया के रवैये का हमारे सोच-विचार पर कोई असर न पड़े। [w00-HI 11/1 पेज 21 पैरा. 5]
32. चूँकि यहोवा परमेश्वर सर्वशक्तिमान है, वह हमें बुरी आदत छोड़ने के द्वारा उसे प्रसन्न करने की हमारी इच्छा पूरी करने के लिए शक्ति देने में समर्थ है। [kl-HI पेज 119 पैरा. 4]
33. उद्धार पाने के लिए परमेश्वर का नाम जानना, उस नाम को धारण करनेवाले का आदर करना और उस पर पूरा भरोसा रखना ज़रूरी है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w89-HI 2/1 पेज 26 बक्स देखिए।]
34. यहोवा उन सभों को अपनी पवित्र आत्मा देता है जो इसके लिए प्रार्थना करते हैं और उसके विश्वासी सेवकों के रूप में उसकी आज्ञापालन करते हैं। [kl-HI पेज 179 पैरा. 19]
35. परमेश्वर का ज्ञान यहोवा के प्रति ज़िम्मेदारी लाता है। [kl-HI पेज 182 पैरा. 4]