स्मारक के अवसर पर याद रखनेवाली बातें
इस साल का स्मारक समारोह बुधवार, अप्रैल 16 को पड़ेगा। इसके लिए प्राचीनों को नीचे लिखी बातों का ध्यान रखना चाहिए:
◼ स्मारक सभा का समय तय करते वक्त ध्यान रखिए कि स्मारक के प्रतीकों को सूर्यास्त के बाद ही दिया जाए।
◼ स्मारक की ठीक-ठीक जगह और समय के बारे में लोगों को साथ ही भाषण देनेवाले भाई को बताना चाहिए।
◼ सही किस्म की रोटी और दाखरस का इंतज़ाम करके इन्हें तैयार रखना चाहिए।—फरवरी 15, 1985 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी) का पेज 19 देखिए।
◼ प्लेट, गिलास, ढंग की टेबल और उस पर बिछाने के लिए कपड़ा पहले से ही हॉल में लाकर सही जगह पर रखे जाने चाहिए।
◼ किंगडम हॉल या दूसरी जगह जहाँ स्मारक मनाया जाएगा, वहाँ पहले से ही अच्छी तरह साफ-सफाई की जानी चाहिए।
◼ अटैन्डंट और प्रतीक देनेवालों को पहले से ही चुना जाना चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि उनको क्या-क्या करना है, किस तरीके से समारोह मनाया जाना चाहिए और उनके कपड़े और बनाव-श्रंगार क्यों शालीन होने चाहिए।
◼ अगर कोई अभिषिक्त मसीही बीमार है और स्मारक में हाज़िर नहीं हो सकता, तो उसको प्रतीक दिए जाने का इंतज़ाम करना चाहिए।
◼ अगर कई कलीसियाएँ एक ही किंगडम हॉल में स्मारक मनाती हैं, तो कलीसियाओं का आपस में अच्छा सहयोग होना चाहिए। इससे खाहमखाह हॉल के दरवाज़े पर, बाहर फुटपाथों पर और गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह पर लोगों का जमघट नहीं लगेगा। अगर हो सके, तो दूसरी सभा को पहली सभा खत्म होने के कम-से-कम 45 मिनट के बाद शुरू करना अच्छा होगा।