परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
जून 30, 2003 से शुरू होनेवाले सप्ताह में परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए गए सवालों की ज़बानी चर्चा होगी। स्कूल ओवरसियर, 30 मिनट के लिए मई 5 से जून 30, 2003 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर दोबारा चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिए: अगर किसी सवाल के बाद कोई हवाले नहीं दिए गए हैं, तो वहाँ जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी होगी।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. भाषण देते वक्त आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाना क्यों ज़रूरी है, और हम यह कैसे कर सकते हैं? [be-HI पेज 111 बक्स; पेज 112 बक्स]
2. हालाँकि भाषण देनेवाला यहोवा से प्यार करता है और वह जो कह रहा है, उस पर उसे पूरा विश्वास है, फिर भी ऐसा क्यों होता है कि वह जोश के साथ भाषण नहीं दे पाता? [be-HI पेज 115 पैरा. 3-4; पेज 116 पैरा. 1]
3. वक्ता को अपने भाषण में स्नेह और भावना ज़ाहिर करने के लिए क्या बात मदद करेगी, और इसकी क्या अहमियत है? [be-HI पेज 119 पैरा. 1-4]
4. भाषण में सही तरह से जोश दिखाना, स्नेह और दूसरी भावनाओं को ज़ाहिर करना, ये सब किस बात पर निर्भर करता है? [be-HI पेज 120 पैरा. 2-5]
5. सही या गलत: आपका हाव-भाव और चेहरे पर भाव लाना तभी मायने रखता है जब सुननेवालों की नज़र आप पर हो। समझाइए। [be-HI पेज 121 पैरा. 3]
भाग न. 1
6. योशिय्याह का बचपन अंधकारमय होने के बावजूद सही मार्ग पर चलने के लिए उसे किस बात से मदद मिली? (2 इति. 34:1, 2) [w01-HI 4/15 पेज 26 पैरा. 5; पेज 27 पैरा. 1-4; पेज 28 पैरा. 4]
7. नीतिवचन 9:7, 8क में लिखे शब्दों का क्या मतलब है और इसे क्षेत्र सेवा में कैसे लागू किया जा सकता है? [w01-HI 5/15 पेज 29 पैरा. 4-5]
8. जब यहोवा ने इस्राएलियों से कहा कि ‘तुम भूल मत जाना’, तो उसका क्या मतलब था और हम कैसे भुल्लकड़ होने से बच सकते हैं? (व्यव. 4:9; 8:11) [be-HI पेज 20, पैरा. 1-3]
9. दाऊद ने भजन 32:1, 5 और भजन 51:10, 15 में दिल से जो बात कही, उससे कैसे ज़ाहिर होता है कि एक इंसान जब गंभीर पाप कर बैठता तो उसे खुद को हीन समझने के बजाय सच्चे दिल से पश्चाताप करना चाहिए? [w01-HI 6/1 पेज 30 पैरा. 1-3]
10. पहला तीमुथियुस 5:3-16 में, पौलुस ने ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने के जो निर्देश दिए, उनसे हम क्या सीख सकते हैं? [w01-HI 6/15 पेज 10 पैरा. 3]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. यीशु ने जब यूहन्ना 3:3 में ‘नये सिरे से जन्म लेने’ का ज़िक्र किया, तो उसके कहने का मतलब क्या था? [w95-HI 7/1 पेज 9-10 पैरा. 4-5]
12. यीशु ने अपने शिक्षण का कैसे इस्तेमाल किया और हम उससे क्या मूल्यवान सबक सीख सकते हैं? (यूह. 7:15-18) [w96 2/1 पेज 9-10 पैरा. 4-7]
13. न्यू वर्लड ट्रांस्लेशन के मूल पाठ में यूहन्ना 7:53–8:11 क्यों नहीं शामिल किया गया है?
14. यीशु कैसे ‘उसी रीति से फिर आएगा’ जिस रीति से वह स्वर्ग लौटा था? (प्रेरि. 1:11) [w90-HI 12/1 पेज 25 पैरा. 5]
15. प्रेरितों 5:13 में ऐसा क्यों लिखा है कि “औरों में से किसी को यह हियाव न होता था, कि [चेलों] में जा मिले”?