“अच्छी तरह गवाही” देने में मेहनत कीजिए
1, 2. खुशखबरी सुनाने के बारे में पौलुस के किस नज़रिए से आप बहुत प्रभावित हुए और हम उसकी मिसाल पर चलकर “अच्छी तरह गवाही” कैसे दे सकते हैं?
यीशु और दूसरे बहुत-से प्राचीन वफादार सेवकों की तरह प्रेरित पौलुस भी खुशखबरी सुनाने में बहुत जोशीला था। उसने हर तरह की परिस्थिति में “अच्छी तरह गवाही” (NW) दी। यहाँ तक कि जब उसे एक घर में नज़रबंद रखा गया था, तब भी “जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहुत निडर होकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता” रहा।—प्रेरि. 28:16-31.
2 हम चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, हम “अच्छी तरह गवाही” देने के लिए मेहनत कर सकते हैं। ऐसा करने का एक तरीका है, उन लोगों को गवाही देना जिनसे हम सम्मेलनों और अधिवेशनों के लिए जाते वक्त और लौटते वक्त सफर में मिलते हैं।—प्रेरि. 28:23; भज. 145:10-13.
3. मौका ढूँढ़कर गवाही देने का मतलब क्या है और क्या नहीं?
3 मौका ढूँढ़कर गवाही देने का मतलब क्या है? इस तरीके से गवाही देने का मतलब यह नहीं है कि अगर कभी इत्तफाक से हमें मौका मिल जाए तो हम गवाही देंगे मगर उसके लिए पहले से न तो सोचेंगे और ना ही योजना बनाएँगे, मानो यह कोई ज़रूरी काम नहीं है। प्रचार काम के बारे में ऐसा नज़रिया रखना गलत है। पौलुस की तरह, हम भी लोगों को गवाही देने के ज़रिए परमेश्वर की महिमा करना बेहद ज़रूरी समझते हैं। और हमारा यह इरादा होना चाहिए कि इस साल अपने सफर के दौरान, जब भी गवाही देने के सही मौके मिलेंगे, हम गवाही ज़रूर देंगे। लेकिन ऐसे मौकों पर हमें बिलकुल तनाव-मुक्त होकर, दोस्ताना अंदाज़ में और स्वाभाविक तरीके से गवाही देनी चाहिए। इस तरह लोगों से बात करने के बढ़िया नतीजे निकल सकते हैं।
4. पौलुस जहाँ ठहरा था वहाँ, लोगों को प्रचार कैसे कर सका?
4 गवाही देने के लिए तैयारी कीजिए: जब पौलुस को रोम में एक घर में नज़रबंद रखा गया था, उस दौरान उसे गवाही देने के लिए हालात तैयार करने पड़े। उसने खुद पहल करके उस प्रांत के यहूदियों के बड़े लोगों को अपने ठहरने की जगह पर बुलाया। (प्रेरि. 28:17) हालाँकि रोम में एक मसीही कलीसिया थी मगर पौलुस को पता चला कि वहाँ के यहूदी समाज में मसीही विश्वास के बारे में बहुत कम प्रचार हुआ है। (प्रेरि. 28:22; रोमि. 1:7) वह यीशु मसीह और परमेश्वर के राज्य के बारे में “अच्छी तरह गवाही” देने से पीछे नहीं हटा।
5, 6. गवाही देने के लिए हमें कौन-से मौके मिल सकते हैं, और असरदार तरीके से गवाही देने के लिए हम कैसी तैयारी कर सकते हैं?
5 ज़रा उन सभी लोगों के बारे में सोचिए जिनसे आप सफर के दौरान मिलेंगे, और जिन्हें यहोवा के साक्षियों के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्हें शायद यह भी नहीं मालूम होगा कि हम मुफ्त में बाइबल अध्ययन कराते हैं। तो यात्रा करते वक्त ऐसे मौकों की ताक में रहिए जब आप गवाही दे सकते हैं, जैसे किसी बड़े हाइवे में रुककर विश्राम करते वक्त, गाड़ी में तेल डालवाते वक्त, खरीदारी करते वक्त, होटलों में ठहरते वक्त, रेस्तराँ में खाते वक्त, बस वगैरह में सफर करते वक्त या ऐसे ही दूसरे मौकों पर। पहले से सोचकर रखिए कि आप बातचीत कैसे शुरू करेंगे और थोड़े शब्दों में गवाही कैसे देंगे। ऐसा करने के लिए आप आनेवाले दिनों में अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों, साथ काम करनेवालों और दूसरे जान-पहचानवालों को गवाही देकर प्रैक्टिस कर सकते हैं।
6 ऐसे मौकों पर गवाही देने के लिए आपको प्रकाशनों की ज़रूरत पड़ेगी। कौन-से प्रकाशन? क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? इस ट्रैक्ट को आप इस्तेमाल कर सकते हैं। शुरू के पाँच पैराग्राफ की तरफ ध्यान दिलाइए, जहाँ बाइबल पढ़ने के कई कारण बताए गए हैं। ट्रैक्ट के पीछे छपा कूपन दिखाइए जिस पर मुफ्त बाइबल अध्ययन की गुज़ारिश की गयी है। जब आपको कोई दिलचस्पी दिखानेवाला व्यक्ति मिलता है तो उसे माँग ब्रोशर पेश कीजिए। सभी जातियों के लिए सुसमाचार (अंग्रेज़ी) यह बुकलेट भी साथ रखिए क्योंकि आपको ऐसे लोग मिल सकते हैं जिनकी भाषा आप नहीं जानते। उसके पेज 2 पर बताया गया है कि गवाही देने के लिए उसका कैसे इस्तेमाल करना है। अगर आप कार से सफर कर रहे हैं तो आप कुछ और ज़रूरी साहित्य भी ले जा सकते हैं ताकि आप राज्य संदेश में सच्ची दिलचस्पी दिखानेवालों को अच्छी तरह गवाही दे सकें।
7, 8. सफर के दौरान और फुरसत के वक्त हमें अपने पहनावे और चालचलन के बारे में कौन-सी सावधानी बरतनी चाहिए?
7 अपने बनाव-श्रंगार और चालचलन पर ध्यान दीजिए: हमें ध्यान रखना होगा कि हमारे चालचलन, साथ ही हमारे पहनावे और सजने-सँवरने के तरीके से लोगों पर गलत छाप न पड़े या ऐसा न हो कि वे संगठन के “विरोध में” बातें करने लगें। (प्रेरि. 28:22) यह बात न सिर्फ सम्मेलनों और अधिवेशनों में हाज़िर होते वक्त, बल्कि उनके लिए सफर करते वक्त और कार्यक्रम खत्म होने के बाद फुरसत के वक्त भी लागू होती है। अगस्त 1, 2002 की प्रहरीदुर्ग के पेज 18 पर पैराग्राफ 14 में हमें आगाह किया गया है: “हमारे पहनावे और बनाव-श्रृंगार में तड़क-भड़क नहीं होनी चाहिए, न ही हमारे कपड़े इतने छोटे और भद्दे होने चाहिए जिससे हमारा शरीर अच्छी तरह न ढक सके, न ही ऐसे कि फैशन के चक्कर में सारी हदें पार कर जाएँ। यही नहीं, हमारा पहनावा ऐसा होना चाहिए जिससे नज़र आए कि हम परमेश्वर के ‘भक्त’ हैं। क्या यह हमें सोचने पर मजबूर नहीं कर देता? इसका मतलब यह नहीं कि हम सिर्फ कलीसिया की सभाओं के लिए शालीन कपड़े पहनें और उसके बाद दूसरे मौकों पर लापरवाह हो जाएँ। हमारे बनाव-श्रृंगार से हमेशा यह ज़ाहिर होना चाहिए कि हम परमेश्वर के भक्त हैं, और हर वक्त इज़्ज़त से पेश आते हैं क्योंकि हम चौबीसों घंटे मसीही और परमेश्वर के सेवक हैं।”—1 तीमु. 2:9, 10.
8 हमारे कपड़ों से शालीनता और गरिमा नज़र आनी चाहिए। अगर हमारा चालचलन और पहनावा ऐसा हो जिससे हर वक्त यह नज़र आए कि हम परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, तो हम कहीं भी मौका मिलने पर गवाही देंगे और ऐसी नौबत नहीं आएगी कि हम अपने हुलिए की वजह से गवाही देने में शर्म महसूस करें।—1 पत. 3:15.
9. रोम में गवाही देने से पौलुस को क्या सफलता मिली?
9 मौका ढूँढ़कर गवाही देना प्रतिफल लाता है: दो साल तक जब पौलुस रोम में नज़रबंद था, उस दौरान उसने गवाही देने के लिए जो मेहनत की उससे अच्छे नतीजे मिले। लूका ने लिखा कि “कितनों ने उन बातों को मान लिया।” (प्रेरितों 28:24) खुद पौलुस ने भी जाना कि उसका “अच्छी तरह गवाही” देना कितना असरदार रहा था। इसलिए उसने लिखा: “हे भाइयो, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं। और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।”—फिलि. 1:12-14.
10. पिछले साल एक जोड़े को गवाही देने से क्या सफलता मिली?
10 पिछले साल, एक जोड़े ने ज़िला अधिवेशन में अपना सारा दिन बिताने के बाद एक महिला वेटर को गवाही दी और उन्हें इसका प्रतिफल मिला। इस वेटर ने उनके अधिवेशन के बैज कार्ड के बारे में पूछा था। उन्होंने उस महिला को अधिवेशन के बारे में बताया और बाइबल से यह भी बताया कि बाइबल, मानवजाति के भविष्य के बारे में क्या कहती है। फिर उन्होंने उसे क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? ट्रैक्ट दिया और उसे मुफ्त बाइबल अध्ययन के इंतज़ाम के बारे में बताया। वह महिला बोली कि वह चाहती है कि कोई उससे मिले, उसने ट्रैक्ट के पीछे अपना नाम और पता लिखकर दिया और उस जोड़े से बाइबल अध्ययन का इंतज़ाम करने के लिए कहा। इस साल जब आप “अच्छी तरह गवाही” देने के लिए मेहनत करेंगे, तो आपको कैसी सफलता मिलेगी?
11. “अच्छी तरह गवाही” देने के लिए हमें अपने अंदर कौन-से गुण विकसित करने चाहिए?
11 खुशखबरी सुनाने में अच्छी तरह आगे बढ़िए: ज़रा अंदाज़ा लगाइए कि पौलुस उस वक्त कितना खुश हुआ होगा जब उसने सुना कि उसके संगी मसीही उसकी मिसाल पर चलकर जोश से काम कर रहे हैं! आइए हम अपने बाइबल आधारित विश्वास के बारे में मौके ढूँढ़कर गवाही देने के ज़रिए खुशखबरी सुनाने में अपना भरसक करें।
[पेज 1 पर बक्स]
मौके ढूँढ़कर गवाही देने के लिए हमें इन प्रकाशनों की ज़रूरत है ◼ क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? (ट्रैक्ट)
◼ परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? (ब्रोशर)
◼ सभी जातियों के लिए सुसमाचार (अँग्रेज़ी, बुकलेट)
◼ दूसरे बुनियादी प्रकाशन
[पेज 4 पर बक्स]
उन्हें मत भूलिए!
किन्हें? दिलचस्पी दिखानेवाले उन सभी को जो मसीह की मौत के स्मारक और खास भाषण में हाज़िर हुए थे। क्या हमने उन्हें इस साल के सम्मेलनों और अधिवेशनों में आने का न्यौता दिया है? अगर उनका प्यार से उत्साह बढ़ाया जाए तो उनमें से ज़्यादातर जन शायद हाज़िर हों। जब वे इन मौकों पर बढ़िया संगति और उत्साह बढ़ानेवाले आध्यात्मिक कार्यक्रम का आनंद उठाएँगे तो वे यहोवा और उसके संगठन के और भी करीब आएँगे। क्यों न हम उन्हें आमंत्रण दें और देखें कि क्या वे आते हैं? उन्हें वह सारी जानकारी दीजिए जिसकी उन्हें ज़रूरत है, जैसे सम्मेलनों और अधिवेशनों की तारीख, उन जगहों पर जाने का रास्ता, कार्यक्रम शुरू होने और खत्म होने का वक्त, और उन कार्यक्रमों की एक झलक जो फरवरी 2003 की हमारी राज्य सेवकाई में और जून 8, 2003 की सजग होइए! (अँग्रेज़ी) के आखिरी पन्ने पर दी गयी है।