परमेश्वर की दया के लिए आभार
मसीही बनने से पहले प्रेरित पौलुस, मसीहियत के प्रचार का बहुत हिंसात्मक तरीके से विरोध करता था। लेकिन उसने यह सब अनजाने में किया था, इसलिए उस पर दया की गयी। यहोवा ने पौलुस पर अपार कृपा दिखायी और उसे प्रचार करने का काम सौंपा। पौलुस ने इस काम को बहुत अनमोल समझा। (प्रेरि. 26:9-18; 1 तीमु. 1:12-14) यहोवा की दया के लिए वह इतना एहसानमंद था कि उसने सेवा में खुद को पूरी तरह लगा दिया।—2 कुरि. 12:15.
2 परमेश्वर की दया की वजह से हमें भी सेवा करने का काम दिया गया है। (2 कुरि. 4:1) पौलुस की तरह हम यहोवा की दया के लिए आभार दिखाते हुए, दूसरों को आध्यात्मिक रूप से तरक्की करने में कड़ी मेहनत कर सकते हैं। ऐसा करने का एक तरीका है, बाइबल अध्ययन शुरू करना और उनको चलाना।
3 बाइबल अध्ययन शुरु करना: बाइबल अध्ययन शुरु करने का एक तरीका है, मैगज़ीन रूट कायम करना। जब हम मैगज़ीन रूट में लोगों को पत्रिका देने के लिए नियमित तौर पर जाएँगे, तो हम अच्छी तरह जान पाएँगे कि उन्हें किस बात में दिलचस्पी है। आगे चलकर हो सकता है किसी पत्रिका का लेख मददगार साबित हो जिसके ज़रिए हम घर-मालिक को माँग ब्रोशर से अध्ययन शुरू करने का तरीका दिखा सकें। फिर अगली मुलाकातों में जब हम घर-मालिक को पत्रिकाएँ देने जाएँगे, तब शायद हम माँग ब्रोशर से आगे चर्चा जारी रख सकें।
4 प्रार्थना और कोशिश ज़रूरी: प्रार्थना और सच्चे दिल से की गयी मेहनत से हमारा प्रचार काम रंग लाएगा। एक पायनियर बहन के पास सिर्फ एक बाइबल अध्ययन था, इसलिए उसने और बाइबल अध्ययन पाने के लिए यहोवा से प्रार्थना की। साथ ही उसने अपनी प्रार्थनाओं के मुताबिक काम भी किया। उसने अपनी सेवा के बारे में गंभीरता से विचार किया और उसे एहसास हुआ कि जब वह वापसी भेंट के लिए जाती है तो लोगों के सामने बाइबल अध्ययन पेश नहीं करती। उसने ऐसा करना शुरू किया और जल्द ही उसे दो और बाइबल अध्ययन मिल गए।
5 यह कितने बड़े सम्मान की बात है कि हम “परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार” का प्रचार करते हैं! (प्रेरि. 20:24) ऐसा हो परमेश्वर की दया के लिए अभार, हमें दूसरों की मदद करने के लिए मेहनत करने को उकसाए ताकि वे भी परमेश्वर की अपार दया से फायदा उठा सकें।