सन् 2004 के लिए परमेश्वर की सेवा स्कूल का कार्यक्रम
हिदायतें
सन् 2004 के दौरान, परमेश्वर की सेवा स्कूल के लिए ये इंतज़ाम किए गए हैं।
किताबें: द होली बाइबल हिंदी [O.V.], प्रहरीदुर्ग [w-HI], परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए [be-HI], “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इंस्पायर्ड ऑफ गॉड एण्ड बैनिफीशियल” (1990 संस्करण) [si], रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स् (1989 संस्करण) [rs].
स्कूल वक्त पर शुरू होना चाहिए। गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से स्कूल की शुरूआत करने के बाद इन हिदायतों के मुताबिक इसे चलाइए:
भाषण का गुण: 5 मिनट। स्कूल ओवरसियर, सहायक सलाहकार या कोई और काबिल प्राचीन सेवा स्कूल किताब में से भाषण के किसी एक गुण पर चर्चा करेगा। (जिस कलीसिया में कम प्राचीन हैं, उसमें एक काबिल सहायक सेवक को भी यह भाग दिया जा सकता है।) अगर कोई और हिदायत न दी गयी हो, तो जिन पेजों पर चर्चा करने के लिए आपको बताया जाता है, उनमें मौजूद बक्स पर भी आपको चर्चा करनी है। अभ्यास पर आपको बोलना नहीं है। ये खासकर विद्यार्थियों के अपने इस्तेमाल के लिए या उन्हें निजी सलाह देने के लिए हैं।
भाग नं. 1: 10 मिनट। इस भाग को एक प्राचीन या सहायक सेवक पेश करेगा और यह भाग प्रहरीदुर्ग पत्रिका, परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए, या “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इंस्पायर्ड ऑफ गॉड एण्ड बैनिफीशियल” किताब से होगा। इस भाग को दस मिनट के हिदायत–भाषण के तौर पर दिया जाएगा और इसके आखिर में सवाल नहीं पूछे जाएँगे। इस भाग का मकसद, सिर्फ जानकारी पेश करना नहीं है बल्कि यह ज़ोर देना है कि जानकारी पर कैसे अमल किया जाना चाहिए और इस तरह कलीसिया को जिन मुद्दों से फायदा होगा, उन पर खास ज़ोर दिया जाना चाहिए। स्कूल के कार्यक्रम में जो शीर्षक दिया जाता है, उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भाइयों को यह भाग सौंपा जाता है, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे दिए गए समय में ही अपना भाग खत्म करने पर ध्यान देंगे। और ज़रूरत पड़ने पर, उन्हें अलग से निजी सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ: 10 मिनट। यह भाग एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक देगा और पहले छः मिनट के लिए वह कलीसिया की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर समझाएगा कि जानकारी को कैसे लागू किया जा सकता है। यह भाई, हफ्ते की बाइबल पढ़ाई के किसी भी हिस्से पर चर्चा कर सकता है। मगर झलकियाँ पेश करने का मतलब, पढ़ाई के हिस्से का सारांश देना नहीं है। इस भाग का खास मकसद है, सुननेवालों को यह समझने में मदद देना कि यह जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे अहमियत रखती है। भाई को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह छः मिनट से ज़्यादा वक्त ना ले। और यह भी कि वह चार मिनट श्रोताओं के जवाबों के लिए रखे। वह, सभा में हाज़िर लोगों से दो सवालों का चंद शब्दों में (30 या उससे कम सेकंड में) जवाब देने के लिए कहेगा, कि उन्हें बाइबल पढ़ाई में क्या बात अच्छी लगी और उन्हें इससे कैसे फायदा हुआ। उसके बाद स्कूल ओवरसियर, विद्यार्थियों को अपने–अपने क्लासरूम में जाने के लिए कहेगा।
भाग नं. 2: 4 मिनट। यह पढ़ाई का भाग है जो एक भाई पेश करेगा। आम तौर पर यह पढ़ाई बाइबल से होगी। महीने में एक बार इस भाग की जानकारी, प्रहरीदुर्ग के किसी लेख से होगी। विद्यार्थी को दिया गया भाग सिर्फ पढ़ना चाहिए, उसे शुरूआत और आखिर में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। हफ्ते-दर-हफ्ते पढ़ाई के हिस्से की लंबाई में थोड़ी-बहुत घट–बढ़ होगी, लेकिन पढ़ाई चार मिनट या उससे कम समय में पूरी हो जानी चाहिए। स्कूल ओवरसियर को चाहिए कि यह भाग सौंपने से पहले वह पढ़ाई के हिस्से को एक बार देख ले ताकि तय कर सके कि उम्र और काबिलीयत के हिसाब से यह भाग किसे दिया जाना चाहिए। स्कूल ओवरसियर खासकर ऐसी काबिलीयतें बढ़ाने में विद्यार्थी की मदद करेगा, जैसे समझ और प्रवाह के साथ पढ़ना, सही तरीके से मतलब पर ज़ोर देना, आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाना, सही ठहराव देना और सहजता से पढ़ना।
भाग नं. 3: 5 मिनट। यह भाग किसी बहन को दिया जाएगा। जिस विद्यार्थी को यह भाग सौंपा जाएगा, उसे सेवा स्कूल किताब के पेज 82 पर दी गयी सूची में से या तो एक सैटिंग दी जाएगी, या फिर उसे खुद उसमें से सैटिंग चुननी होगी। विद्यार्थी को दिए गए शीर्षक का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे प्रचार के किसी पहलू पर इस तरह लागू करना चाहिए कि सच्चा लगे और अपने इलाके में प्रचार करने के लिए कलीसिया के काम आए। अगर विद्यार्थी को नहीं बताया जाता है कि इस भाग के लिए उसे किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो उसे विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। नए विद्यार्थियों को ऐसा भाग दिया जाना चाहिए, जिसमें बताया गया हो कि किस किताब से जानकारी लेनी है। स्कूल ओवरसियर का खास ध्यान इस बात पर होगा कि विद्यार्थी किस तरह जानकारी पेश करती है, वह कैसे घर–मालिक को बाइबल की आयतों पर तर्क करने और भाषण के खास मुद्दों को समझने में मदद देती है। इस भाग के लिए विद्यार्थी को पढ़ना आना चाहिए। स्कूल ओवरसियर उस बहन के साथ सहायक के तौर पर दूसरी बहन को नियुक्त करेगा।
भाग नं. 4: 5 मिनट। विद्यार्थी को बताए गए शीर्षक के आधार पर ही भाषण देना है। अगर विद्यार्थी को नहीं बताया जाता है कि इस भाग के लिए किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो उसे विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। अगर यह भाग एक भाई को सौंपा जाता है, तो वह किंगडम हॉल में हाज़िर लोगों को मन में रखकर इसे एक भाषण के रूप में पेश करेगा। जब यह भाग एक बहन को दिया जाता है, तब उसे भाग नं. 3 की हिदायतों का पालन करना है। जब भी स्कूल ओवरसियर को सही लगे वह भाग नं. 4 किसी भाई को दे सकता है। ध्यान दीजिए कि जिन विषयों के साथ यह निशान (*) दिया है, वे भाग सिर्फ भाइयों को दिए जाने चाहिए, जो इसे भाषण के रूप में पेश करेंगे।
वक्त: हर भाषण बताए गए वक्त के अंदर खत्म होना चाहिए और सलाहकार को भी अपना ठहराया हुआ वक्त ही लेना चाहिए, उससे ज़्यादा नहीं। भाग नं. 2, 3 और 4 पेश करनेवाले विद्यार्थियों का अगर समय पूरा हो जाता है, तो समझ–बूझ के साथ उन्हें रुकने का इशारा किया जा सकता है। और अगर भाषण के गुण पर चर्चा करनेवाला भाई, भाग नं. 1 या बाइबल पढ़ाई से झलकियाँ पेश करनेवाला भाई ज़्यादा समय ले लेता है, तो उन्हें अलग से निजी सलाह दी जानी चाहिए। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि वे कितना समय ले रहे हैं। गीत और प्रार्थना को छोड़कर, पूरे कार्यक्रम का कुल समय है: 45 मिनट।
सलाह: 1 मिनट। हर विद्यार्थी–भाग के बाद, विद्यार्थी को सलाह देने में स्कूल ओवरसियर एक मिनट से ज़्यादा समय नहीं लेगा। सलाह देने का मतलब है, विद्यार्थी–भाग में उसने जो खूबियाँ देखीं, उनके बारे में बताना। उसका मकसद सिर्फ “बहुत अच्छा” कहना नहीं है, बल्कि यह बताना है कि विद्यार्थी का भाग क्यों असरदार था। अगर विद्यार्थी को और भी सलाह देने की ज़रूरत है, तो उसे सभा के बाद या दूसरे वक्त पर अलग से सलाह दी जा सकती है ताकि उसे फायदा हो।
सहायक सलाहकार: अगर स्कूल ओवरसियर के अलावा, दूसरा काबिल प्राचीन भी है, तो प्राचीनों का निकाय उसे सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी सौंप सकता है। अगर कलीसिया में कई योग्य प्राचीन हैं तो हर साल इस ज़िम्मेदारी को अलग-अलग भाई निभा सकते हैं। उसकी ज़िम्मेदारी है, ज़रूरत पड़ने पर भाग नं. 1 और बाइबल झलकियाँ पेश करनेवाले भाइयों को निजी सलाह देना। यह ज़रूरी नहीं कि ऐसे हर भाग के बाद उसे अपने साथी प्राचीन या सहायक सेवक को सलाह देनी है। यह इंतज़ाम सन् 2004 में जारी रहेगा और बाद में शायद उसमें कुछ फेरबदल की जाए।
सलाह परचा: परमेश्वर की सेवा स्कूल किताब में है।
ज़बानी चर्चा: 30 मिनट। हर दो महीने में एक बार, स्कूल ओवरसियर ज़बानी चर्चा का कार्यक्रम चलाएगा। इस कार्यक्रम से पहले, जैसे ऊपर बताया है, भाषण के एक गुण पर चर्चा की जाएगी, साथ ही बाइबल की झलकियाँ पेश की जाएँगी। यह ज़बानी चर्चा, पिछले दो महीने और उसी हफ्ते स्कूल में दी गयी जानकारी के आधार पर होगी।
कार्यक्रम
जन. 5 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 1-5 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: जानकारी पर अमल करने के फायदे साफ–साफ बताना (be-HI पेज 157 ¶1–पेज 158 ¶1)
नं. 1: आउटलाइन तैयार करना (be-HI पेज 39-42)
नं. 2: उत्पत्ति 2:7-25
नं. 3: क्या “नया नियम” भविष्य में आनेवाले फिरदौस के बारे में बताता है या सिर्फ “पुराने नियम” में बताया गया है? (rs पेज 285 ¶1-3)
नं. 4: aबाइबल में, सही काम करने से चूक जाने का पाप करनेवालों की मिसालों से हम क्या सीख सकते हैं
जन. 12 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 6-10 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: जानकारी पर कैसे अमल करें (be-HI पेज 158 ¶2-4)
नं. 1: स्वच्छता—इसका असली मतलब क्या है? (w02-HI 2/1 पेज 4-7)
नं. 2: उत्पत्ति 8:1-17
नं. 3: झूठ बोलना क्यों गलत है
नं. 4: लूका 23:43 (NW) में बताया गया फिरदौस, हेडीस या स्वर्ग का हिस्सा क्यों नहीं हो सकता (rs पेज 286 ¶1–पेज 287 ¶1)
जन. 19 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 11-16 गीत 29 (222)
भाषण का गुण: हमारे संदेश की अहमियत समझने में दूसरों की मदद करना (be-HI पेज 159 ¶1-4)
नं. 1: परमेश्वर के बताए उसूलों से आपको लाभ हो सकता है (w02-HI 2/15 पेज 4-7)
नं. 2: उत्पत्ति 13:1-18
नं. 3: किस बात से पता चलता है कि लूका 23:43 (NW) में जिस फिरदौस की बात की गयी है, वह धरती पर है? (rs पेज 287 ¶2–पेज 288 ¶2)
नं. 4: क्यों यहोवा के साक्षी अपनी आशा के बारे में दूसरों को बताते हैं
जन. 26 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 17-20 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: शब्दों का चुनाव (be-HI पेज 160 ¶1-3)
नं. 1: हमदर्दी—भलाई करने और दया दिखाने में मददगार (w02-HI 4/15 पेज 24-7)
नं. 2: w02-HI 1/1 पेज 10-11 ¶9-11
नं. 3: लूका 13:24 में कहे यीशु के शब्दों का मतलब क्या है
नं. 4: कैसे हममें से कोई भी सच्चा ज्ञान और बुद्धि पा सकता है? (rs पेज 288 ¶3–पेज 289 ¶2)
फर. 2 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 21-24 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: आसानी से समझ आनेवाली भाषा (be-HI पेज 161 ¶1-4)
नं. 1: अपना विद्यार्थी भाग तैयार करना (be-HI पेज 43 ¶1–पेज 44 ¶3)
नं. 2: उत्पत्ति 21:1-21
नं. 3: इंसानी तत्त्वज्ञान की शुरूआत कहाँ से हुई? (rs पेज 289 ¶3–पेज 290 ¶2)
नं. 4: bक्यों सगाई की रस्म की गंभीरता समझना ज़रूरी है
फर. 9 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 25-28 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: रंग भरनेवाले और सही अर्थ देनेवाले शब्दों का इस्तेमाल (be-HI पेज 161 ¶5–पेज 162 ¶4)
नं. 1: जब आपके भाग में एक विषय और सैटिंग होती है (be-HI पेज 44 ¶4–पेज 46 ¶2)
नं. 2: उत्पत्ति 28:1-15
नं. 3: मुसीबतों से भरे इस संसार में अंदरूनी शांति कैसे पायी जा सकती है
नं. 4: यह क्यों कहा जा सकता है कि इंसानी तत्त्वज्ञान से बढ़कर यीशु मसीही की शिक्षाओं का अध्ययन करना सही सोच का सबूत है? (rs पेज 290 ¶3–पेज 291 ¶3)
फर. 16 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 29-31 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: शब्द जो जोश, भावनाएँ ज़ाहिर करें और जान डाल दें (be-HI पेज 163 ¶1–पेज 164 ¶2)
नं. 1: खराई, सीधे लोगों की अगुवाई करती है (w02-HI 5/15 पेज 24-7)
नं. 2: w02-HI 2/1 पेज 15-16 ¶6-10
नं. 3: किनकी प्रार्थनाओं को परमेश्वर सुनता है? (rs पेज 292 ¶1–पेज 293 ¶2)
नं. 4: मसीहियों के लिए सद्गुण क्यों एक ज़रूरी गुण है
फर. 23 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 32-35 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: व्याकरण के नियमों के मुताबिक बोलना (be-HI पेज 164 ¶3–पेज 165 ¶1)
ज़बानी चर्चा
मार्च 1 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 36-39 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: आउटलाइन का इस्तेमाल (be-HI पेज 166 ¶1–पेज 167 ¶2)
नं. 1: कलीसिया के लिए भाषण तैयार करना (be-HI पेज 47 ¶1–पेज 49 ¶2)
नं. 2: उत्पत्ति 37:12-28
नं. 3: क्यों हमारे विश्वास का नाता धीरज से होना चाहिए?
नं. 4: cकिस वजह से एक इंसान की प्रार्थनाएँ परमेश्वर को नामंजूर हो सकती हैं? (rs पेज 293 ¶3–पेज 294 ¶3)
मार्च 8 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 40-42 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: अपने विचारों का क्रम बिठाइए (be-HI पेज 167 ¶3–पेज 168 ¶2)
नं. 1: सेवा सभा के भाग और दूसरे भाषण तैयार करना (be-HI पेज 49 ¶2–पेज 51 ¶3)
नं. 2: उत्पत्ति 42:1-20
नं. 3: परमेश्वर के साथ करीबी रिश्ता कैसे कायम करें
नं. 4: dकौन-सी सही बातें हैं जिनके लिए यहोवा से प्रार्थना करनी चाहिए? (rs पेज 294 ¶4–पेज 295 ¶3)
मार्च 15 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 43-46 गीत 26 (212)
भाषण का गुण: भाषण की आउटलाइन सरल रखिए (be-HI पेज 168 ¶3–पेज 169 ¶6)
नं. 1: कड़ी मेहनत—इस पर यहोवा की आशीष कब होती है? (w02-HI 8/1 पेज 29-31)
नं. 2: उत्पत्ति 43:1-18
नं. 3: eअगर कोई कहे ‘पहले मेरे साथ प्रार्थना करो फिर अपना संदेश दो’ (rs पेज 295 ¶4-5)
नं. 4: अधर्म के धन से हम मित्र कैसे बना सकते हैं?
मार्च 22 बाइबल पढ़ाई: उत्पत्ति 47-50 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: तर्क के मुताबिक सिलसिलेवार जानकारी (be-HI पेज 170 ¶1–पेज 171 ¶2)
नं. 1: यहोवा ने क्यों हाबिल की भेंट कबूल की मगर कैन की नहीं? (w02-HI 8/1 पेज 28)
नं. 2: उत्पत्ति 47:1-17
नं. 3: बाइबल की ऐसी कौन-सी अहम भविष्यवाणियाँ हैं जो अभी पूरी होनी बाकी हैं? (rs पेज 296 ¶2–पेज 297 ¶3)
नं. 4: क्यों यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरंभ है
मार्च 29 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 1-6 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: तर्क के मुताबिक सिलसिलेवार जानकारी पेश करना (be-HI पेज 171 ¶3–पेज 172 ¶5)
नं. 1: सोचने-समझने की काबिलीयत से आपकी हिफाज़त कैसे हो सकती है? (w02-HI 8/15 पेज 21-4)
नं. 2: w02-HI 2/15 पेज 19-20 ¶7-11
नं. 3: घमंड के बारे में यहोवा का नज़रिया
नं. 4: बाइबल की भविष्यवाणियों में मसीहियों को क्यों गहरी दिलचस्पी लेनी चाहिए? (rs पेज 297 ¶4-8)
अप्रै. 5 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 7-10 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: सिर्फ ज़रूरी बातें बताना (be-HI पेज 173 ¶1-4)
नं. 1: जन भाषणों की तैयारी करना (be-HI पेज 52 ¶1–पेज 54 ¶1)
नं. 2: निर्गमन 8:1-19
नं. 3: fअगर कोई कहे कि ‘आप भविष्यवाणियों पर बहुत ज़्यादा ज़ोर देते हैं’ (rs पेज 298 ¶1-2)
नं. 4: क्यों आशा ‘हमारे प्राण के लिये लंगर’ की तरह है
अप्रै. 12 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 11-14 गीत 24 (185)
भाषण का गुण: नोट्स् बार-बार देखे बिना बात करना (be-HI पेज 174 ¶1–पेज 175 ¶5)
नं. 1: भाषण देनेवाले के फैसले (be-HI पेज 54 ¶2-4; पेज 55, बक्स)
नं. 2: निर्गमन 12:1-16
नं. 3: यहोवा से मिलनेवाले अनुशासन को स्वीकार करने के लिए हमें क्यों तैयार रहना चाहिए?
नं. 4: पर्गेट्री की शिक्षा कहाँ से निकली है? (rs पेज 299 ¶1-6)
अप्रै. 19 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 15-18 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: नोट्स् बार-बार देखे बिना बोलने के खतरों से बचें (be-HI पेज 175 ¶5–पेज 177 ¶1)
नं. 1: हमें परीक्षाओं को किस नज़र से देखना चाहिए? (w02-HI 9/1 पेज 29-31)
नं. 2: w02-HI 3/1 पेज 15-16 ¶8-11
नं. 3: किसी की मौत के बाद भी क्या उसके पापों की सज़ा उसे दी जाती है? (rs पेज 300 ¶2-6)
नं. 4: gशादी क्यों जीवन-भर का साथ है
अप्रै. 26 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 19-22 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: जब दूसरे, कारण पूछते हैं (be-HI पेज 177 ¶2–पेज 178 ¶3)
ज़बानी चर्चा
मई 3 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 23-26 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: बोलचाल की शैली (be-HI पेज 179-80)
नं. 1: सिखाने की कला में महारत हासिल कीजिए (be-HI पेज 56 ¶1–पेज 57 ¶2)
नं. 2: निर्गमन 23:1-17
नं. 3: बुरी आदतों पर काबू पाने में, यहोवा एक इंसान की मदद कैसे कर सकता है?
नं. 4: अलग-अलग जातियाँ कहाँ से आयीं? (rs पेज 301 ¶1-4)
मई 10 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 27-29 गीत 15 (127)
भाषण का गुण: आपकी आवाज़ कैसी है (be-HI पेज 181 ¶1-4)
नं. 1: ‘अन्तर करें’ (be-HI पेज 57 ¶3–पेज 58 ¶2)
नं. 2: निर्गमन 28:29-43
नं. 3: अगर शुरू में एक ही परिवार था, तो कैन को पत्नी कहाँ से मिली? (rs पेज 301 ¶5–पेज 302 ¶1)
नं. 4: जाति की वजह से भेदभाव करना क्यों गलत है
मई 17 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 30-33 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: ठीक से साँस लीजिए (be-HI पेज 181 ¶5–पेज 183 ¶2; पेज 182, बक्स)
नं. 1: सुननेवालों को सोचने के लिए उकसाइए (be-HI पेज 58 ¶3–पेज 59 ¶3)
नं. 2: निर्गमन 30:1-21
नं. 3: नर्मदिल क्यों हों?
नं. 4: अलग-अलग जातियाँ कहाँ से आयीं? (rs पेज 302 ¶2–पेज 303 ¶2)
मई 24 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 34-37 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: तनी हुई पेशियों को तनाव-मुक्त कीजिए (be-HI पेज 184 ¶1–पेज 185 ¶2; पेज 184, बक्स)
नं. 1: लागू करने का तरीका सिखाइए और अच्छी मिसाल कायम कीजिए (be-HI पेज 60 ¶1–पेज 61 ¶3)
नं. 2: निर्गमन 36:1-18
नं. 3: क्या सभी इंसान परमेश्वर की संतान हैं? (rs पेज 303 ¶3–पेज 304 ¶4)
नं. 4: थोड़े-से-थोड़े में भी सच्चे क्यों रहें?
मई 31 बाइबल पढ़ाई: निर्गमन 38-40 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: दूसरों में दिलचस्पी लेना (be-HI पेज 186 ¶1-4)
नं. 1: बातचीत करने का कौशल कैसे बढ़ाएँ (be-HI पेज 62 ¶1–पेज 64 ¶1)
नं. 2: w02-HI 5/1 पेज 19-20 ¶3-6
नं. 3: पहला यूहन्ना 3:19, 20 को समझने से कैसे एक इंसान को सांत्वना मिलती है?
नं. 4: क्या कभी सभी जातियों के लोग हकीकत में भाई-बहन की तरह एकता से रहेंगे? (rs पेज 304 ¶5–पेज 305 ¶3)
जून 7 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 1-5 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: ध्यान से सुनिए (be-HI पेज 186 ¶5–पेज 187 ¶4)
नं. 1: बातचीत कैसे जारी रखें (be-HI पेज 64 ¶2–पेज 65 ¶4)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 3:1-17
नं. 3: शहीदों की मौत मरनेवाले लोगों से यीशु की मौत कैसे अलग थी? (rs पेज 306 ¶1-4)
नं. 4: जादू-टोने में दिलचस्पी लेने में क्या बुराई है?
जून 14 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 6-9 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: तरक्की करने में दूसरों की मदद कीजिए (be-HI पेज 187 ¶5–पेज 188 ¶3)
नं. 1: सवाल पूछनेवाले का नज़रिया समझने की कोशिश करना (be-HI पेज 66 ¶1–पेज 68 ¶1)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 7:1-19
नं. 3: जो बुरा है, उससे नफरत करना हम कैसे सीख सकते हैं?
नं. 4: जिस तरह छुड़ौती बलिदान दिया गया, उसे उस तरीके से देना क्यों ज़रूरी था? (rs पेज 306 ¶6–पेज 307 ¶2)
जून 21 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 10-13 गीत 27 (221)
भाषण का गुण: मदद करने के व्यावहारिक तरीके (be-HI पेज 188 ¶4–पेज 189 ¶4)
नं. 1: जानिए कि कैसे जवाब देना चाहिए (be-HI पेज 68 ¶2–पेज 70 ¶4)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 11:1-25
नं. 3: यहोवा ने पहले ही यह फैसला क्यों नहीं सुना दिया कि जो उसकी आज्ञा मानेंगे, वे सभी अनंतकाल तक जी सकेंगे? (rs पेज 307 ¶3–पेज 308 ¶1)
नं. 4: बेईमानी के बारे में यहोवा का नज़रिया
जून 28 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 14-16 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: दूसरों का आदर करना (be-HI पेज 190 ¶1-4)
ज़बानी चर्चा
जुला. 5 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 17-20 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: आदर के साथ दुआ-सलाम करना (be-HI पेज 191 ¶1–पेज 192 ¶1)
नं. 1: चिट्ठियों के ज़रिए संदेश पहुँचाना (be-HI पेज 71-3)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 17:1-16
नं. 3: यहोवा के संगठन पर भरोसा रखिए
नं. 4: यीशु के बलिदान का फायदा सबसे पहले किसे दिया गया और किस मकसद से? (rs पेज 308 ¶2-3)
जुला. 12 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 21-24 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: आदर के साथ अपनी बात कहना (be-HI पेज 192 ¶2–पेज 193 ¶2)
नं. 1: आगे बढ़ते जाइए—तरक्की करते रहिए (be-HI पेज 74 ¶1–पेज 75 ¶3)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 22:1-16
नं. 3: हमारे दिनों में और कौन यीशु के बलिदान का फायदा पा रहे हैं? (rs पेज 309 ¶1-3)
नं. 4: क्या यहोवा यहूदियों की जाति का परमेश्वर था?
जुला. 19 बाइबल पढ़ाई: लैव्यव्यवस्था 25-27 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: यकीन के साथ बोलना (be-HI पेज 194 ¶1–पेज 195 ¶2)
नं. 1: अपने वरदान का इस्तेमाल कीजिए (be-HI पेज 75 ¶4–पेज 77 ¶2)
नं. 2: लैव्यव्यवस्था 25:1-19
नं. 3: आतंकवाद का अंत कैसे होगा
नं. 4: छुड़ौती बलिदान की बदौलत हमें भविष्य में कौन-कौन-सी आशीषें मिलेंगी? (rs पेज 310 ¶1-4)
जुला. 26 बाइबल पढ़ाई: गिनती 1-3 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: यकीन कैसे ज़ाहिर किया जाता है (be-HI पेज 195 ¶3–पेज 196 ¶3)
नं. 1: क्या मसीहियों को जलन होनी चाहिए? (w02-HI 10/15 पेज 28-31)
नं. 2: w02-HI 6/15 पेज 18-19 ¶6-9
नं. 3: यीशु मसीह के छुड़ौती बलिदान से फायदा पाने के लिए हमसे क्या माँग की गयी है? (rs पेज 310 ¶5–पेज 311 ¶3)
नं. 4: क्या अपने अज़ीज़ की मौत का शोक मनाना गलत है?
अग. 2 बाइबल पढ़ाई: गिनती 4-6 गीत 13 (124)
भाषण का गुण: व्यवहार-कुशलता के साथ मगर दृढ़ता से (be-HI पेज 197 ¶1-3)
नं. 1: ऐसी ज़िंदगी जीएँ जिससे यहोवा खुश हो (w02-HI 11/15 पेज 20-3)
नं. 2: गिनती 6:1-17
नं. 3: एक-दूसरे से नफरत न करने में बाइबल कैसे लोगों की मदद करती है?
नं. 4: हमारे ज़िंदगी जीने के तरीके पर छुड़ौती बलिदान का क्या असर होना चाहिए? (rs पेज 311 ¶4-6)
अग. 9 बाइबल पढ़ाई: गिनती 7-9 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: गवाही देते वक्त व्यवहार-कुशलता (be-HI पेज 197 ¶4–पेज 198 ¶4)
नं. 1: क्या समाज से भेद-भाव कभी मिट सकेगा? (w02-HI 1/1 पेज 4-7)
नं. 2: गिनती 8:1-19
नं. 3: जब प्रेरित पौलुस ने कहा कि मसीही, प्रभु के साथ रहने के लिए “उठा लिए जाएंगे” तो वह किस विषय पर चर्चा कर रहा था? (rs पेज 312 ¶1-2)
नं. 4: मसीह-विरोधी कौन हैं?
अग. 16 बाइबल पढ़ाई: गिनती 10-13 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: सही वक्त पर सही शब्द (be-HI पेज 199 ¶1-4)
नं. 1: यहोवा पर भरोसा कीजिए—वही सच्चा परमेश्वर है (w02-HI 1/15 पेज 5-7)
नं. 2: गिनती 12:1-16
नं. 3: परमेश्वर बदला ले, क्या यह उसके प्यार से मेल खाता है?
नं. 4: क्या मसीह हमें बादलों पर आता हुआ दिखायी देगा और संसार के देखते-देखते विश्वासयोग्य मसीहियों को स्वर्ग उठा ले जाएगा? (rs पेज 313 ¶1-3)
अग. 23 बाइबल पढ़ाई: गिनती 14-16 गीत 12 (113)
भाषण का गुण: परिवार में और दूसरों के साथ व्यवहार-कुशलता से पेश आना (be-HI पेज 200 ¶1-4)
नं. 1: दो भाइयों के रवैए में ज़मीन-आसमान का फर्क (w02-HI 1/15 पेज 21-3)
नं. 2: w02-HI 7/15 पेज 23-4 ¶15-19
नं. 3: इस शरीर के साथ क्या मसीहियों के लिए स्वर्ग में लिया जाना मुमकिन है? (rs पेज 314 ¶1-2)
नं. 4: hहिंसा से भरे वीडियो गेम्स मसीहियों के लिए नहीं हैं
अग. 30 बाइबल पढ़ाई: गिनती 17-21 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: उन्नति के लिए अच्छी और सुहावनी बातें (be-HI पेज 202 ¶1–पेज 203 ¶2)
ज़बानी चर्चा
सितं. 6 बाइबल पढ़ाई: गिनती 22-25 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: आपके बोलने का अंदाज़ सुहावना हो (be-HI पेज 203 ¶3–पेज 204 ¶1)
नं. 1: उस प्राचीन संसार का विनाश क्यों हुआ? (w02-HI 3/1 पेज 5-7)
नं. 2: गिनती 22:1-19
नं. 3: क्या विश्वासयोग्य मसीहियों को बिना मरे गुप्त रूप से स्वर्ग ले जाया जाएगा? (rs पेज 314 ¶3–पेज 315 ¶2)
नं. 4: iमसीही माता-पिताओं को अपने बच्चों को क्यों पढ़कर सुनाना चाहिए
सितं. 13 बाइबल पढ़ाई: गिनती 26-29 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: भाई-बहनों से बात करते वक्त (be-HI पेज 204 ¶2–पेज 205 ¶4)
नं. 1: अपंगता कैसे मिटेगी (w02-HI 5/1 पेज 4-7)
नं. 2: गिनती 29:1-19
नं. 3: भारी क्लेश के दौरान सच्चे मसीहियों की हिफाज़त कैसे की जाएगी? (rs पेज 315 ¶3–पेज 316 ¶3)
नं. 4: यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ कैसे हाँ हुई हैं?
सितं. 20 बाइबल पढ़ाई: गिनती 30-32 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: ज़ोर देने के लिए दोहराना (be-HI पेज 206 ¶1-4)
नं. 1: धार्मिकता बोओ, परमेश्वर की करुणा की कटनी काटो (w02-HI 7/15 पेज 28-31)
नं. 2: गिनती 30:1-16
नं. 3: क्यों कुछ मसीहियों को मसीह के साथ होने के लिए स्वर्ग ले जाया जाता है? (rs पेज 316 ¶5-8)
नं. 4: jपोर्नोग्राफी से दूर क्यों भागें
सितं. 27 बाइबल पढ़ाई: गिनती 33-36 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: प्रचार में और भाषण देते वक्त दोहराना (be-HI पेज 207 ¶1–पेज 208 ¶3)
नं. 1: सच्चे संत कैसे आपकी मदद कर सकते हैं? (w02-HI 9/15 पेज 4-7)
नं. 2: w02-HI 8/1 पेज 18-19 ¶15-19
नं. 3: k‘क्या आप विश्वास करते हैं कि मसीहियों को अंत के वक्त अचानक स्वर्ग उठा लिया जाएगा?’ (rs पेज 316 ¶9–पेज 317 ¶2)
नं. 4: जान को जोखिम में डालनेवाले खेलों से क्यों बचना चाहिए
अक्टू. 4 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 1-3 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: शीर्षक को विकसित करना (be-HI पेज 209 ¶1-3)
नं. 1: परमेश्वर का सही ज्ञान हमें सांत्वना देता है (w02-HI 10/1 पेज 5-7)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 1:1-18
नं. 3: सच्चाई को अपना बनाने का क्या मतलब है
नं. 4: किसी नयी जगह जाने पर हमें वहाँ के लोग या जगह जानी-पहचानी लगे, तो क्या इसका मतलब यह है कि पुनर्जन्म एक सच्चाई है? (rs पेज 317 ¶3–पेज 319 ¶1)
अक्टू. 11 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 4-6 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: सही शीर्षक चुनना (be-HI पेज 210 ¶1–पेज 211 ¶1; पेज 211, बक्स)
नं. 1: सा.यु.पू. 537 से सा.यु.पू. 997 तक पीछे की ओर गिनना (si पेज 285 ¶5-7)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 4:1-14
नं. 3: यूहन्ना 9:1, 2 का वृत्तांत क्यों पुनर्जन्म की शिक्षा को साबित नहीं करता? (rs पेज 319 ¶2–पेज 320 ¶2)
नं. 4: ‘आत्मा पर मन लगाने’ में क्या शामिल है?
अक्टू. 18 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 7-10 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: मुख्य मुद्दों को उभारना (be-HI पेज 212 ¶1–पेज 213 ¶2)
नं. 1: सा.यु.पू. 997 से सा.यु.पू. 2370 तक पीछे की ओर गिनना (si पेज 285-6 ¶8-11)
नं. 2: w02-HI 8/15 पेज 15-16 ¶3-6
नं. 3: पुनर्जन्म और जो आशा बाइबल में दी गयी है उसमें कितना अंतर है? (rs पेज 320 ¶3-4)
नं. 4: lधर्मत्यागियों के बारे में यहोवा का नज़रिया क्या है
अक्टू. 25 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 11-13 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: ढेर सारे मुख्य मुद्दे इस्तेमाल न करें (be-HI पेज 213 ¶3–पेज 214 ¶6)
ज़बानी चर्चा
नवं. 1 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 14-18 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: दिलचस्पी जगानेवाली शुरूआत (be-HI पेज 215 ¶1–पेज 216 ¶4)
नं. 1: सा.यु.पू. 2370 से सा.यु.पू. 4026 तक पीछे की ओर गिनना (si पेज 286-7 ¶12-15)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 14:1-23
नं. 3: aअगर कोई कहे कि ‘मैं पुनर्जन्म में विश्वास करता हूँ’ (rs पेज 321 ¶1-3)
नं. 4: मसीहियों को क्यों सादगी भरा जीवन जीना चाहिए
नवं. 8 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 19-22 गीत 24 (185)
भाषण का गुण: प्रचार में लोगों का ध्यान खींचना (be-HI पेज 217 ¶1-4)
नं. 1: धरती पर यीशु का जीवन (si पेज 291 ¶16-17)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 21:1-17
नं. 3: इतने सारे धर्म क्यों हैं? (rs पेज 322 ¶1–पेज 323 ¶2)
नं. 4: बाइबल के उदाहरण कैसे निराशा की भावना से उबरने में हमारी मदद कर सकते हैं?
नवं. 15 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 23-27 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: शुरूआत में अपना विषय साफ-साफ बताइए (be-HI पेज 217 ¶5–पेज 219 ¶2)
नं. 1: यीशु मसीह की सेवा के दौरान खास घटनाएँ कब घटीं (si पेज 291 ¶18-19)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 24:1-16
नं. 3: जिनके साथ परमेश्वर है उन्हें हम कैसे पहचान सकते हैं
नं. 4: क्या यह सच है कि सभी धर्मों में अच्छाई पायी जाती है? (rs पेज 323 ¶3-5)
नवं. 22 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 28-31 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: असरदार समाप्ति (be-HI पेज 220 ¶1-3)
नं. 1: प्रेरितों के ज़माने में सालों की गिनती (si पेज 291-2 ¶20-3)
नं. 2: व्यवस्थाविवरण 29:1-18
नं. 3: अपने माता-पिता के धर्म को छोड़ना क्या सही है? (rs पेज 324 ¶1-3)
नं. 4: मसीहियों को क्यों अपनी मर्यादा का एहसास होना चाहिए
नवं. 29 बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण 32-34 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: इन बातों का ध्यान रखें (be-HI पेज 220 ¶4–पेज 221 ¶4)
नं. 1: पौलुस की दूसरी मिशनरी यात्रा (si पेज 292-3 ¶24-5)
नं. 2: w02-HI 10/15 पेज 11 ¶10-13
नं. 3: तरीके जिनसे हम परमेश्वर का नाम पवित्र कर सकते हैं
नं. 4: दूसरे धर्मों के साथ मेल-जोल रखने के बारे में बाइबल का नज़रिया क्या है? (rs पेज 325 ¶1–पेज 326 ¶1)
दिसं. 6 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 1-5 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: प्रचार में (be-HI पेज 221 ¶5–पेज 222 ¶6)
नं. 1: पौलुस की तीसरी मिशनरी यात्रा और आखिरी साल, सा.यु. 56-100 (si पेज 293 ¶26-30)
नं. 2: यहोशू 4:1-14
नं. 3: क्या एक संगठित धर्म का हिस्सा होना ज़रूरी है? (rs पेज 326 ¶2–पेज 327 ¶2)
नं. 4: क्या क्रिसमस मसीही त्योहार है?
दिसं. 13 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 6-8 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: सही जानकारी देना (be-HI पेज 223 ¶1-5)
नं. 1: माफी माँगना—शांति बनाने का एक बढ़िया रास्ता (w02-HI 11/1 पेज 4-7)
नं. 2: यहोशू 6:10-23
नं. 3: क्यों घर-घर जाकर प्रचार करते रहना है?
नं. 4: क्या दूसरे इंसानों से प्यार करना सचमुच बहुत मायने रखता है? (rs पेज 327 ¶4)
दिसं. 20 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 9-11 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: “विश्वासयोग्य वचन को दृढ़ता से थामे रहें” (be-HI पेज 224 ¶1-4)
नं. 1: अपने हाथों को मज़बूत करो (w02 12/1 पेज 30-1)
नं. 2: w02-HI 11/15 पेज 18-19 ¶19-23
नं. 3: परमेश्वर के साथ निजी रिश्ता होना क्या सचमुच बहुत ज़रूरी है? (rs पेज 327 ¶5–पेज 328 ¶1)
नं. 4: bशांति बनाए रखने का क्या मतलब है
दिसं. 27 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 12-15 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: जानकारी की सच्चाई परखना (be-HI पेज 225 ¶1-3)
ज़बानी चर्चा
[फुटनोट]
a सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
b सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
c सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
d सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
e सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
f सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
g सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
h सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
i सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
j सर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
k अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, आपके इलाके के हिसाब से उनका जवाब किस तरह से देना बिलकुल ठीक रहेगा।
l अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, आपके इलाके के हिसाब से उनका जवाब किस तरह से देना बिलकुल ठीक रहेगा।
a अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, आपके इलाके के हिसाब से उनका जवाब किस तरह से देना बिलकुल ठीक रहेगा।
b अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, आपके इलाके के हिसाब से उनका जवाब किस तरह से देना बिलकुल ठीक रहेगा।