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  • हमारी राज-सेवा—2003
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  • दिसंबर 8 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 15 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 22 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • दिसंबर 29 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जनवरी 5 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2003
km 12/03 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

दिसंबर 8 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 27 (221)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। पेज 6 के सुझाव इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शन से दिखाइए कि अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का पहला सुझाव) और दिसंबर 15 की प्रहरीदुर्ग कैसे पेश करें। हर प्रदर्शन में दोनों पत्रिकाओं को एक-साथ पेश किया जाना चाहिए, फिर चाहे एक ही पत्रिका के बारे में बताया जाए।

20 मि: “सच्ची मसीही एकता कैसे मुमकिन होती है?”a पैराग्राफ 5 पर चर्चा करते वक्‍त, श्रोताओं से कहिए कि वे अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशनों, परमेश्‍वर की सेवा में निर्माण के कामों, या विपत्ति आने पर राहत कार्यों में हुए अनुभव बताएँ, जिनसे हमारी मसीही एकता साफ ज़ाहिर होती है।

15 मि: “सन्‌ 2004 के लिए परमेश्‍वर की सेवा स्कूल।” स्कूल ओवरसियर का भाषण। अक्टूबर 2003 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में से कुछ बातें बताइए।

गीत 5 (46) और प्रार्थना।

दिसंबर 15 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 4 (43)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हर किसी को उकसाइए कि वे दिसंबर 29 के सप्ताह की सेवा सभा की तैयारी करने के लिए बिना खून इलाज के तरीके—मरीज़ की ज़रूरतें और अधिकारों की पूर्ति करना वीडियो देखें। बक्स “कृपया जल्द-से-जल्द मिलिए” पर चर्चा कीजिए। अगर S-70 फॉर्म उपलब्ध हो, तो इसकी एक कॉपी दिखाइए। दिसंबर 25 और जनवरी 1 के लिए प्रचार के खास इंतज़ामों के बारे में बताइए।

15 मि: निजी अध्ययन—उपासना का एक हिस्सा। अक्टूबर 1, 2000 की प्रहरीदुर्ग, पेज 14-15, पैराग्राफ 6-10 के आधार पर एक भाषण।

20 मि: “जो ‘सही मन रखते हैं’ उनकी मदद कीजिए।”b दिए गए सवालों का इस्तेमाल कीजिए। मार्च 1997 की हमारी राज्य सेवकाई के पेज 3 के बक्स में वापसी भेंट के बारे में दिए गए सुझावों पर चर्चा करें।

गीत 21 (191) और प्रार्थना।

दिसंबर 22 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 3 (32)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट। पेज 6 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके, दो प्रदर्शन दिखाइए कि अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का तीसरा सुझाव) और जनवरी 1 की प्रहरीदुर्ग कैसे पेश की जा सकती है। अगले हफ्ते की सेवा सभा के खास कार्यक्रम की सबको याद दिलाइए, जिस दौरान मरीज़ की ज़रूरतें और अधिकार वीडियो पर चर्चा की जाएगी और एडवान्स मेडिकल डाइरॆक्टिव/रिलीज़ कार्ड बाँटे जाएँगे और इन पर चर्चा की जाएगी।

15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

18 मि: “योग्य लोगों को ढूँढ़ना।”c इस जानकारी को अपनी कलीसिया के इलाके पर लागू कीजिए। किस वक्‍त ज़्यादातर लोग अपने-अपने घर में होते हैं? देर दोपहर या शाम को प्रचार करने से क्या नतीजे मिले हैं? हम किन तरीकों से ऐसे लोगों से संपर्क कर सकते हैं, जो घर पर बहुत कम मिलते हैं?

गीत 4 (43) और प्रार्थना।

दिसंबर 29 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 23 (200)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को दिसंबर के प्रचार की रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। बताइए कि जनवरी में क्या साहित्य दिया जाना है।

17 मि: “वह वीडियो जो इलाज के खास तरीके पर रोशनी डालता है।” किसी योग्य प्राचीन को यह भाग पेश करना चाहिए। प्रेरितों 15:28, 29 पढ़िए और ज़ोर देकर थोड़े में बताइए कि मसीही, लहू की पवित्रता पर परमेश्‍वर के कानून का आदर करते हैं और यही उनके लहू न लेने की खास वजह है। इसके बाद फौरन लेख में दिए सवालों के ज़रिए, मरीज़ की ज़रूरतें और अधिकार वीडियो की चर्चा शुरू कीजिए। आखिरी पैराग्राफ पढ़कर चर्चा खत्म कीजिए।

23 मि: इलाज से जुड़ी चुनौतियों का पूरे विश्‍वास के साथ सामना करना ब्राँच ऑफिस से मिले आउटलाइन को इस्तेमाल करते हुए, योग्य प्राचीन का भाषण। बक्स “खून से परे रहने में हमारी मदद करनेवाले इंतज़ाम” के खास मुद्दों पर चर्चा कीजिए।

गीत 24 (185) और प्रार्थना।

जनवरी 5 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 11 (85)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

20 मि: आपका परिश्रम व्यर्थ नहीं है। (1 कुरि. 15:58) श्रोताओं के साथ चर्चा। इस भाग के लिए उन प्रचारकों को पहले से तैयार कीजिए जो बरसों से प्रचार काम कर रहे हैं ताकि वे यह बता सकें कि शुरूआती दिनों में प्रचार काम कैसे होता था। कलीसिया में उस वक्‍त कितने लोग थे? कलीसिया को कितने इलाके में प्रचार करने का काम मिला था? राज्य के संदेश की तरफ लोगों का रवैया कैसा था? किस तरह के विरोध का आपने सामना किया? इस इलाके में सालों के दौरान राज्य का काम कैसे बढ़ा है?

20 मि: यहोवा की उपासना से हमारी ज़िंदगी कैसे सफल होती है? श्रोताओं के साथ चर्चा। खुशियों भरी और सफल ज़िंदगी जीने के लिए सच्ची उपासना बेहद ज़रूरी है। (1) यह ज़िंदगी की समस्याओं और चिंताओं का सामना करने में मदद देती है। (फिलि. 4:6, 7) (2) ईश्‍वरीय गुण पैदा करने के लिए उकसाती है। (2 पत. 1:5-8) (3) अपना वक्‍त और साधन सबसे बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करने में मदद देती है। (1 तीमु. 6:17-19) (4) यह भविष्य के लिए पक्की आशा देती है। (2 पत. 3:13) (5) यहोवा से एक करीबी रिश्‍ता कायम करने में मदद देती है। (याकू. 4:8) बताइए कि कैसे उनकी ज़िंदगी में इन बातों की कमी है, जो यहोवा को नहीं जानते और उसकी सेवा नहीं करते।

गीत 26 (212) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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