परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
अगस्त 30, 2004 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए गए सवालों की ज़बानी चर्चा होगी। स्कूल ओवरसियर, 30 मिनट के लिए जुलाई 5 से अगस्त 30, 2004 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर दोबारा चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिए: अगर किसी सवाल के बाद कोई हवाले नहीं दिए गए हैं, तो वहाँ जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी होगी।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. दूसरों को अपनी आशा का कारण समझाते वक्त, हम “विनम्रता और आदर के साथ” कैसे पेश आ सकते हैं? (1 पत. 3:16, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) [be-HI पेज 192 पैरा. 2-4]
2. यकीन के साथ बोलना क्यों ज़रूरी है? (रोमि. 8:38, 39; 1 थिस्स. 1:5; 1 पत. 5:12, NHT) [be-HI पेज 194]
3. यकीन कैसे ज़ाहिर किया जाता है? [be-HI पेज 195 पैरा. 3–पेज 196 पैरा. 3]
4. व्यवहार-कुशलता क्या है, इसकी क्या अहमियत है, और इस गुण के साथ हम दृढ़ता कैसे दिखा सकते हैं? (रोमि. 12:18) [be-HI पेज 197]
5. व्यवहार-कुशलता से काम लेनेवाला एक इंसान कुछ कहने से पहले किन बातों पर ध्यान देगा? (नीति. 25:11; यूह. 16:12) [be-HI पेज 199]
भाग नं. 1
6. सच्चाई में हमने कितनी तरक्की की है, यह हमारी बातचीत और बाइबल अध्ययन की आदत से कैसे पता लगाया जा सकता है? [be-HI पेज 74 पैरा. 3–पेज 75 पैरा. 2]
7. ‘अपने लिए समय को मोल लेने’ का मतलब क्या है, और हम यह कैसे कर सकते हैं? (इफि. 5:16, NW) [w02-HI 11/15 पेज 22-3]
8. बाइबल कैसे साफ दिखाती है कि परमेश्वर की नज़र में हम सब समान हैं, और इस बात का हमारी सेवा पर क्या असर होना चाहिए? [w02-HI 1/1 पेज 5, 7]
9. सिरजनहार का अनोखा नाम, यहोवा क्या मायने रखता है? [w02-HI 1/15 पेज 5]
10. किस वजह से हाबिल का बलिदान, कैन के बलिदान से “उत्तम” साबित हुआ, और इससे हम अपने “स्तुतिरूपी बलिदान” के बारे में क्या सीख सकते हैं? (इब्रा. 11:4; 13:15) [w02-HI 1/15 पेज 21 पैरा. 6-8]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. लैव्यव्यवस्था 18:3, सही-गलत के बारे में गलत सोच अपनाने से दूर रहने में कैसे हमारी मदद करता है? (इफि. 4:17-19) [w02-HI 2/1 पेज 29]
12. अठवारों (पिन्तेकुस्त) के पर्व के दौरान, महायाजक जिन ‘दो रोटियों’ को “हिलाई जानेवाली भेंट” के रूप में चढ़ाया करता था, वे किस बात को दर्शाती हैं? (लैव्य. 23:15-17) [w98-HI 3/1 पेज 13 पैरा. 21]
13. गिनती के अध्याय 5 में बताया गया है कि जो स्त्री व्यभिचार की दोषी है, “उसकी जांघ सड़ जाएगी।” इसका मतलब क्या है? (गिन. 5:27) [w84 4/15 पेज 29]
14. हारून और मरियम ने मूसा की कूशी पत्नी की वजह से उसके खिलाफ बातें क्यों कीं? (गिन. 12:1)
15. ‘यहोवा का संग्राम नाम पुस्तक’ क्या है? (गिन. 21:14)