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हमारी राज-सेवा—2004
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प्यारे राज्य प्रचारको:

पूरे भारत के भाई-बहन यह खबर सुनकर बेहद खुश हुए कि तमिलनाडु में हमारे काम पर से पाबंदियाँ हटा दी गयीं। पिछले कुछ सालों के दौरान, वहाँ के भाइयों ने सही तरीके से प्रचार करने और अधिकारियों से बातचीत करने के सिलसिले में काफी कुछ सीखा। (1 पत. 3:15) जब हम प्रचार में जोश दिखाने के साथ-साथ समझदारी से काम लेते हैं और रटा-रटाया संदेश पेश करने के बजाय, दलीलें देकर लोगों को कायल करते हैं, तो हमें बढ़िया नतीजे मिलते हैं।—नीति. 16:21, 23.

दूसरे देशों में भी हमारे भाई पहले से ज़्यादा सेवा के लिए तैयार हो रहे हैं। अमरीका के वॉलकिल छपाईखाने में दो नयी प्रेस लगायी गयी हैं। हर प्रेस, एक घंटे में 90,000 पत्रिकाएँ छाप सकती है। साथ ही, एक नयी मशीन लगायी गयी है जो एक मिनट में, मोटी जिल्दवाली 120 किताबें तक तैयार कर सकती है। अब क्योंकि छपाईखाने को ब्रुकलिन से वॉलकिल ले जाया गया है, इसलिए ब्रुकलिन की 360 फर्मन स्ट्रीट की इमारत को बेच दिया गया।

भारत में स्मारक के मौसम में बड़े ज़ोर-शोर से सेवा की गयी। अप्रैल में कुल मिलाकर 2,368 लोगों ने ऑक्ज़लरी पायनियर सेवा की, 18,114 बाइबल अध्ययन चलाए गए जो कि एक नया शिखर था, और प्रभु के संध्या भोज में 61,538 लोग हाज़िर हुए।

हम “परमेश्‍वर के साथ-साथ चलो” ज़िला अधिवेशनों की आस लगाए हुए हैं, साथ ही हमें भारत के छठे मिनिस्टीरियल ट्रेनिंग स्कूल का भी इंतज़ार है, जो अक्टूबर में शुरू होगा। अब जैसे सन्‌ 2005 का सेवा साल शुरू हो रहा है, तो हमें आपके साथ मिलकर ‘प्रभु के काम में बढ़ते जाने’ में बड़ी खुशी हो रही है।—1 कुरि. 15:58.

आपके भाई,

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