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  • हमारी राज-सेवा—2004
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  • सितंबर 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह
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  • सितंबर 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अक्टूबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2004
km 9/04 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

सितंबर 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 4 (43)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। अगर पेज 4 पर दिए सुझाव आपकी कलीसिया के इलाके के लिए कारगर हों, तो उनका इस्तेमाल करके प्रदर्शन दिखाइए कि जुलाई-सितंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का पहला सुझाव) और सितंबर 15 की प्रहरीदुर्ग कैसे पेश करें। हर प्रदर्शन के बाद, उसके बारे में ऐसा कोई मुद्दा बताइए जो श्रोताओं के लिए मददगार हो।

15 मि: “अपनी आँख निर्मल रखिए।”a लेख में दिए सवाल पूछिए। अगर समय हो तो वचनों के हवालों पर चर्चा कीजिए।

18 मि: हमारे भले कामों के चश्‍मदीद गवाह। (1 पत. 2:12) नवंबर 1, 2002 की प्रहरीदुर्ग के पेज 12-14, पैराग्राफ 14-20 के आधार पर भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। श्रोताओं से पूछिए कि साक्षियों के भले कामों का आपके इलाके के लोगों पर कैसा असर हुआ है।

गीत 18 (162) और प्रार्थना।

सितंबर 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 6 (45)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई के इस अंक के पहले पेज पर शाखा दफ्तर की जो चिट्ठी दी गयी है, उसकी खास बातों पर चर्चा कीजिए। सभी को बढ़ावा दीजिए कि वे अक्टूबर 4 के हफ्ते की सेवा सभा में हिस्सा लेने के लिए गिनती 16:1-35 पढ़ें और फिर यहोवा के अधिकार का आदर कीजिए (अँग्रेज़ी), यह वीडियो देखें।

15 मि: पिछले साल हमारी सेवा कैसी रही? सन्‌ 2004 के सेवा साल की कलीसिया की रिपोर्ट के आधार पर एक प्राचीन का भाषण। रिपोर्ट की अच्छी बातों पर ज़ोर दीजिए और कलीसिया के बढ़िया कामों के लिए उसकी तारीफ कीजिए। बताइए कि पायनियरों ने कैसी कड़ी मेहनत की है। ऐसे एक-दो मामलों का ज़िक्र कीजिए जिनमें कलीसिया आनेवाले साल के दौरान सुधार कर सकती है।

20 मि: भले कामों में हिम्मत नहीं हारना। (गल. 6:10) ऐसे दो-तीन भाई-बहनों का इंटरव्यू लीजिए जो या तो रेग्युलर पायनियर हैं या समय-समय पर ऑक्ज़लरी पायनियर सेवा करते हैं। यहोवा की सेवा में उनके सामने कैसी रुकावटें पैदा हुईं, और उन्होंने कैसे उनका सामना किया? दूसरों की खातिर भले काम करने से हिम्मत न हारने में किस बात ने उनकी मदद की? मसीही सेवा में उनकी मेहनत से खुद उन्हें और दूसरों को क्या फायदा हुआ है? अगर आपकी कलीसिया के इलाके में दूसरी भाषाएँ बोलनेवाले हैं, तो बताइए कि उन तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए कैसी कोशिशें की गयी हैं। सब लोग जिस तरह ‘विश्‍वास के काम और प्रेम से परिश्रम करते हैं और धीरता’ दिखाते हैं, उसके लिए उनकी सराहना कीजिए।—1 थिस्स. 1:2, 3.

गीत 11 (85) और प्रार्थना।

सितंबर 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 27 (221)

15 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स्‌ रिपोर्ट। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे सितंबर की प्रचार की रिपोर्ट डाल दें। जुलाई-सितंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का तीसरा सुझाव) और अक्टूबर 1 की प्रहरीदुर्ग कैसे पेश की जा सकती हैं, इसका प्रदर्शन दिखाइए।

10 मि: यहोवा का वचन जीवित है। भाषण। परमेश्‍वर की सेवा स्कूल में बतायी हफ्तेवार बाइबल पढ़ाई से पूरा फायदा दिलाने के लिए एक इंतज़ाम किया गया है। वह यह है कि प्रहरीदुर्ग के चुनिंदा अंकों में “यहोवा का वचन जीवित है” शीर्षक पर लेख छापे जा रहे हैं। सितंबर 15, 2004 की प्रहरीदुर्ग के पेज 24-7 का इस्तेमाल करके इन लेखों की खासियत बताइए। पहले बाइबल की किताब की कुछ आयतों का सार दिया जाता है। इसके बाद, “बाइबल सवालों के जवाब पाना” इस भाग में कुछेक मुश्‍किल आयतें समझायी जाती हैं। फिर, “हमारे लिए सबक” भाग में बताया जाता है कि हम उन आयतों पर कैसे अमल कर सकते हैं। कुछ मिसालें देकर समझाइए कि इन लेखों से हमें परमेश्‍वर के वचन की अच्छी समझ पाने में कैसे मदद मिलेगी। अगले हफ्ते से हम व्यवस्थाविवरण की किताब पढ़ेंगे, तो सभी को बढ़ावा दीजिए कि वे इस नए इंतज़ाम का पूरा-पूरा फायदा उठाएँ।

20 मि: “बाइबल का कुशलता से इस्तेमाल कीजिए।”b लेख में दिए सवाल पूछिए। चर्चा की शुरूआत में सेवा स्कूल किताब के पेज 145 के पैराग्राफ 2-3 में दी गयी बातें बताइए। लेख में दिए सुझावों पर कैसे अमल करना है, यह बताने के लिए दो छोटे-छोटे प्रदर्शन दिखाइए। एक प्रदर्शन में पहली बार गवाही देते हुए और दूसरे में वापसी भेंट करते हुए दिखाया जाना चाहिए।

गीत 16 (143) और प्रार्थना।

अक्टूबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 7 (51)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

25 मि: “हमें यहोवा के अधिकार का हर हाल में आदर करना चाहिए।” यहूदा की 11वीं आयत पढ़कर दो मिनट से कम समय के अंदर लेख का परिचय दीजिए और सीधे श्रोताओं के साथ चर्चा शुरू कीजिए। चर्चा के दौरान आप लेख में दिए सभी सवाल पूछिए। इस मुद्दे पर खास रोशनी डालिए कि यहोवा के अनुग्रह में बने रहने के लिए हमें कोरह के जैसे बगावती रवैए से दूर रहना चाहिए और उसके बेटों की मिसाल पर चलना चाहिए, जिन्होंने यहोवा के वफादार रहने से ज़्यादा किसी भी बात को अहमियत नहीं दी।

गीत 8 (53) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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