सन् 2005 के लिए परमेश्वर की सेवा स्कूल का कार्यक्रम
हिदायतें
सन् 2005 के दौरान, परमेश्वर की सेवा स्कूल के लिए ये इंतज़ाम किए गए हैं।
किताबें: द होली बाइबल हिंदी [O.V.], प्रहरीदुर्ग [w-HI], परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए [be-HI], एकमात्र सच्चे परमेश्वर की उपासना करें [wt-HI], चर्चा के लिए बाइबल के विषय [td-HI].
स्कूल वक्त पर शुरू होना चाहिए। गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से स्कूल की शुरूआत करने के बाद इसे इन हिदायतों के मुताबिक चलाइए:
भाषण का गुण: 5 मिनट। स्कूल ओवरसियर, सहायक सलाहकार या कोई और काबिल प्राचीन सेवा स्कूल किताब में से भाषण के किसी एक गुण पर चर्चा करेगा। (जिस कलीसिया में कम प्राचीन हैं, उसमें एक काबिल सहायक सेवक को भी यह भाग दिया जा सकता है।) जिन पन्नों पर चर्चा करने के लिए बताया जाता है, उनके बारे में अगर कोई और हिदायत न दी गयी हो, तो उनमें मौजूद बक्स पर भी चर्चा करनी है। अभ्यास पर बोलना नहीं है। ये खासकर विद्यार्थियों के अपने इस्तेमाल के लिए या उन्हें निजी सलाह देने के लिए हैं।
भाग नं. 1: 10 मिनट। इस भाग को एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक पेश करेगा। इसकी जानकारी प्रहरीदुर्ग पत्रिका, परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए, या एकमात्र सच्चे परमेश्वर की उपासना करें किताब से ली जाएगी। इस भाग को दस मिनट के हिदायत-भाषण के तौर पर दिया जाएगा और इसके आखिर में सवाल नहीं पूछे जाएँगे। इस भाग का मकसद, सिर्फ जानकारी पेश करना नहीं बल्कि यह ज़ोर देना है कि जानकारी पर कैसे अमल किया जाना चाहिए और इस तरह कलीसिया को जिन मुद्दों से फायदा होगा, उन पर खास ज़ोर दिया जाना चाहिए। स्कूल के कार्यक्रम में जो विषय दिया जाता है, उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भाइयों को यह भाग सौंपा जाता है, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे दिए गए समय में ही अपना भाग खत्म करें। ज़रूरत पड़ने पर, उन्हें अकेले में सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ: 10 मिनट। यह भाग एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक देगा। उसे पहले छः मिनट के लिए कलीसिया की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर यह समझाना होगा कि जानकारी को कैसे लागू किया जा सकता है। यह भाई, हफ्ते की बाइबल पढ़ाई के किसी भी हिस्से पर चर्चा कर सकता है। मगर झलकियाँ पेश करने का मतलब, पढ़ाई के हिस्से का सारांश देना नहीं है। इस भाग का खास मकसद है, सुननेवालों को यह समझने में मदद देना कि यह जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे अहमियत रखती है। भाई को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह छः मिनट से ज़्यादा वक्त ना ले। और यह भी कि वह चार मिनट श्रोताओं के जवाबों के लिए रखे। वह सभा में हाज़िर लोगों से चंद शब्दों में (30 या उससे कम सेकंड में) बताने के लिए कहेगा कि उन्हें बाइबल पढ़ाई में क्या बात अच्छी लगी और उन्हें क्या फायदा हुआ। उसके बाद स्कूल ओवरसियर, विद्यार्थियों को अपने-अपने क्लासरूम में जाने के लिए कहेगा।
भाग नं. 2: 4 मिनट। यह पढ़ाई का भाग है जो एक भाई पेश करेगा। आम तौर पर यह पढ़ाई बाइबल से होगी। महीने में एक बार यह पढ़ाई, प्रहरीदुर्ग के किसी लेख से होगी। विद्यार्थी को दिया गया भाग सिर्फ पढ़ना चाहिए, उसे शुरूआत और आखिर में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। हफ्ते-दर-हफ्ते पढ़ाई के हिस्से की लंबाई में थोड़ा-बहुत फर्क होगा, लेकिन पढ़ाई चार मिनट या उससे कम समय में पूरी हो जानी चाहिए। स्कूल ओवरसियर को चाहिए कि यह भाग सौंपने से पहले वह पढ़ाई के हिस्से को एक बार देख ले ताकि तय कर सके कि उम्र और काबिलीयत के हिसाब से यह भाग किसे दिया जाना चाहिए। स्कूल ओवरसियर खासकर ऐसी काबिलीयतें बढ़ाने में विद्यार्थी की मदद करेगा, जैसे समझ और प्रवाह के साथ पढ़ना, सही तरीके से मतलब पर ज़ोर देना, आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाना, सही ठहराव देना और सहजता से पढ़ना।
भाग नं. 3: 5 मिनट। यह भाग किसी बहन को दिया जाएगा। इस भाग के लिए उसे सेवा स्कूल किताब के पेज 82 पर दी गयी सूची में से या तो एक सैटिंग दी जाएगी, या फिर उसे खुद उसमें से सैटिंग चुननी होगी। विद्यार्थी को दिए गए विषय का इस्तेमाल करना चाहिए और उसे प्रचार के किसी पहलू पर इस तरह लागू करना चाहिए कि वह सच्चा लगे और अपने इलाके में प्रचार करने के लिए कलीसिया के काम आए। अगर यह नहीं बताया गया है कि इस भाग के लिए किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो विद्यार्थी को विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। नए विद्यार्थियों को ऐसा भाग दिया जाना चाहिए, जिसमें बताया गया हो कि किस किताब से जानकारी लेनी है। स्कूल ओवरसियर का खास ध्यान इस बात पर होगा कि विद्यार्थी किस तरह जानकारी पेश करती और समझाती है, वह कैसे घर-मालिक को बाइबल की आयतों पर तर्क करने और भाषण के खास मुद्दों को समझने में मदद देती है। यह भाग जिस विद्यार्थी को दिया जाएगा, उसे पढ़ना आना चाहिए। स्कूल ओवरसियर उस बहन के साथ सहायक के तौर पर दूसरी बहन को ठहराएगा।
भाग नं. 4: 5 मिनट। विद्यार्थी को दिए गए विषय पर ही भाषण देना है। अगर यह नहीं बताया गया है कि इस भाग के लिए किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो उसे विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। अगर यह भाग एक भाई को सौंपा जाता है, तो वह इसे एक भाषण के रूप में पेश करेगा। जब यह भाग एक बहन को दिया जाता है, तब उसे भाग नं. 3 की हिदायतों का पालन करना है। जब भी स्कूल ओवरसियर को सही लगे वह भाग नं. 4 किसी भाई को दे सकता है। ध्यान दीजिए कि जिन विषयों के साथ यह निशान (*) दिया है, वे भाग सिर्फ भाइयों को दिए जाने चाहिए, जो इसे भाषण के रूप में पेश करेंगे।
वक्त: हर भाषण बताए गए वक्त के अंदर खत्म होना चाहिए और सलाहकार को भी अपना ठहराया हुआ वक्त ही लेना चाहिए, उससे ज़्यादा नहीं। भाग नं. 2, 3 और 4 पेश करनेवाले विद्यार्थियों का अगर समय पूरा हो जाता है, तो समझ-बूझ के साथ उन्हें रुकने का इशारा किया जा सकता है। और अगर भाषण के गुण पर चर्चा करनेवाला भाई, भाग नं. 1 या बाइबल पढ़ाई से झलकियाँ पेश करनेवाला भाई ज़्यादा समय ले लेता है, तो उन्हें अकेले में सलाह दी जानी चाहिए। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि वे वक्त पर अपना भाग खत्म करें। गीत और प्रार्थना को छोड़कर, पूरे कार्यक्रम का कुल समय है: 45 मिनट।
सलाह: 1 मिनट। हर विद्यार्थी-भाग के बाद, स्कूल ओवरसियर यह बताने के लिए एक मिनट से ज़्यादा समय नहीं लेगा कि भाई या बहन के भाग में क्या बात काबिले-तरीफे थी। उसका मकसद सिर्फ “बहुत अच्छा” कहना नहीं है, बल्कि कुछ ठोस वजह बतानी है कि उसका भाग क्यों असरदार था। अगर विद्यार्थी को और भी सलाह देने की ज़रूरत है, तो उसे सभा के बाद या दूसरे वक्त पर अलग से सलाह दी जा सकती है ताकि उसे फायदा हो।
सहायक सलाहकार: अगर स्कूल ओवरसियर के अलावा, दूसरा काबिल प्राचीन भी है, तो प्राचीनों का निकाय उसे सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी सौंप सकता है। अगर कलीसिया में कई योग्य प्राचीन हैं, तो हर साल इस ज़िम्मेदारी को अलग-अलग प्राचीन निभा सकते हैं। उसकी ज़िम्मेदारी है, ज़रूरत पड़ने पर भाग नं. 1 और बाइबल झलकियाँ पेश करनेवाले भाइयों को निजी सलाह देना। यह ज़रूरी नहीं कि जब भी कोई साथी प्राचीन या सहायक सेवक अपना भाग पेश करे, तो वह उसे सलाह दे। यह इंतज़ाम सन् 2005 में जारी रहेगा और बाद में शायद उसमें कुछ फेरबदल की जाए।
सलाह पर्चा: सेवा स्कूल किताब में है।
ज़बानी चर्चा: 30 मिनट। हर दो महीने में एक बार, स्कूल ओवरसियर ज़बानी चर्चा का कार्यक्रम चलाएगा। इस कार्यक्रम से पहले, जैसे ऊपर बताया है, भाषण के एक गुण पर चर्चा की जाएगी, साथ ही बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ पेश की जाएँगी। यह चर्चा, पिछले दो महीने और उसी हफ्ते के स्कूल में दी गयी जानकारी पर होगी। अगर ज़बानी चर्चा उसी हफ्ते में पड़ती है, जिस हफ्ते आपकी कलीसिया का सर्किट सम्मेलन है, या फिर सर्किट ओवरसियर कलीसिया का दौरा कर रहा है, तो दिसंबर 2003 की हमारी राज्य सेवकाई के पेज 4 पर दी गयी हिदायतों को मानिए।
कार्यक्रम
जन. 3 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 16-20 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: दूसरों के लिए समझने में आसान (be-HI पेज 226 ¶1–पेज 227 ¶2)
नं. 1: परमेश्वर का भय मान (be-HI पेज 272 ¶1-4)
नं. 2: यहोशू 16:1–17:4
नं. 3: td-HI 33क यीशु मसीह—परमेश्वर का बेटा और उसका ठहराया राजा
नं. 4: आजकल क्या अमीर या गरीब होना, इस बात की निशानी है कि आप परमेश्वर का भय माननेवाले हैं?
जन. 10 बाइबल पढ़ाई: यहोशू 21-24 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: उन शब्दों के बारे में समझाइए जो दूसरों के लिए नए हैं (be-HI पेज 227 ¶3–पेज 228 ¶1)
नं. 1: परमेश्वर के नाम का ऐलान करना (be-HI पेज 273 ¶1–पेज 274 ¶1)
नं. 2: यहोशू 23:1-13
नं. 3: td-HI 33ख उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करना क्यों ज़रूरी है
नं. 4: क्या यीशु की उपासना करना सही है?
जन. 17 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 1-4 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: ज़रूरी बातें समझाइए (be-HI पेज 228 ¶2-3)
नं. 1: यह नाम धारण करनेवाली हस्ती (be-HI पेज 274 ¶2-5)
नं. 2: न्यायियों 2:1-10
नं. 3: td-HI 33ग उद्धार के लिए क्या यीशु में सिर्फ विश्वास करना काफी है?
नं. 4: नुकसान पहुँचानेवाले गाने के वीडियो से आप खुद को कैसे दूर रख सकते हैं?
जन. 24 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 5-7 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: इसमें दिल कैसे शामिल है (be-HI पेज 228 ¶4-6)
नं. 1: परमेश्वर का नाम—एक “दृढ़ गढ़” है (be-HI पेज 274 ¶6–पेज 275 उपशीर्षक)
नं. 2: न्यायियों 6:25-35
नं. 3: चुनाव करने की हमारी आज़ादी पर बाइबल का क्या असर होना चाहिए?
नं. 4: atd-HI 34क परमेश्वर के राज्य में जो आशीषें मिलेंगी
जन. 31 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 8-10 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: जिससे सुननेवाले सीखें (be-HI पेज 230 ¶1-6)
नं. 1: यीशु की गवाही देना (be-HI पेज 275 उपशीर्षक-¶4)
नं. 2: w03-HI 1/15 पेज 19-20 ¶16-18
नं. 3: td-HI 34ख राज्य का शासन तभी शुरू हुआ जब मसीह के दुश्मन अपने कामों में लगे हुए थे
नं. 4: धन-दौलत के पीछे भागने का मतलब सिर्फ साज़ो-सामान बटोरना नहीं है
फर. 7 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 11-14 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: खोजबीन के ज़रिए अपने भाषण को इस तरह पेश करें जिससे सुननेवाले सीखें (be-HI पेज 231 ¶1-3)
नं. 1: उद्धारकर्त्ता के रूप में यीशु की भूमिका पर ज़ोर देना (be-HI पेज 276 ¶1-2)
नं. 2: न्यायियों 12:1-15
नं. 3: यहोवा के साक्षियों में एकता क्यों है
नं. 4: td-HI 34ग परमेश्वर का राज्य, इंसानों की कोशिशों से नहीं बना है
फर. 14 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 15-18 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: आयतें समझाना (be-HI पेज 231 ¶4-5)
नं. 1: महायाजक और कलीसिया के सिर की हैसियत से यीशु की भूमिका पर ज़ोर देना (be-HI पेज 277 ¶1-2)
नं. 2: न्यायियों 15:9-20
नं. 3: td-HI 1क “दुनिया के अंत” का मतलब क्या है
नं. 4: मसीही क्यों सम्मोहन-विद्या का इस्तेमाल नहीं करते
फर. 21 बाइबल पढ़ाई: न्यायियों 19-21 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: शब्दों का मतलब समझाना (be-HI पेज 232 ¶1)
नं. 1: राजा के रूप में यीशु की भूमिका पर ज़ोर देना (be-HI पेज 277 ¶3-4)
नं. 2: w03-HI 2/1 पेज 17-18 ¶18-21
नं. 3: ‘परमेश्वर की गूढ़ बातों’ में से कुछ बातें क्या हैं? (1 कुरि. 2:10)
नं. 4: btd-HI 1ख अंतिम दिनों की निशानियाँ देखने के लिए आध्यात्मिक रूप से जागते रहिए
फर. 28 बाइबल पढ़ाई: रूत 1-4 गीत 25 (205)
भाषण का गुण: आयतों पर तर्क करना (be-HI पेज 232 ¶2-4)
ज़बानी चर्चा
मार्च 7 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 1-4 गीत 27 (221)
भाषण का गुण: ऐसी जानकारी चुनना जिससे आपके सुननेवाले को फायदा हो (be-HI पेज 232 ¶5–पेज 233 ¶4)
नं. 1: मसीह की बुनियाद डालना (be-HI पेज 278 ¶1-4)
नं. 2: 1 शमूएल 2:1-11
नं. 3: td-HI 12क अनंत जीवन, सिर्फ एक सपना नहीं
नं. 4: सच्चे मसीही क्यों राशिफल नहीं देखते
मार्च 14 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 5-9 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: दी गयी जानकारी का इस्तेमाल (be-HI पेज 234 ¶1–पेज 235 ¶3)
नं. 1: राज्य का यह सुसमाचार (be-HI पेज 279 ¶1-4)
नं. 2: 1 शमूएल 5:1-12
नं. 3: td-HI 12ख कौन स्वर्ग जाता है?
नं. 4: हम यहोवा के साथ अपनी दोस्ती को कैसे मज़बूत कर सकते हैं
मार्च 21 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 10-13 गीत 15 (127)
भाषण का गुण: सवालों का असरदार इस्तेमाल (be-HI पेज 236 ¶1-5)
नं. 1: राज्य क्या है, यह समझाना (be-HI पेज 280 ¶1-5)
नं. 2: 1 शमूएल 10:1-12
नं. 3: मसीहियों को अपने उन अज़ीज़ों के साथ कैसे पेश आना चाहिए जो साक्षी नहीं हैं?
नं. 4: td-HI 12ग धरती पर अनंत जीवन पानेवालों की संख्या अनगिनत है
मार्च 28 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 14-15 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: खास विचार बताने से पहले सवाल (be-HI पेज 237 ¶1-2)
नं. 1: यह समझाना कि राज्य, हमारी ज़िंदगी पर क्या असर करता है (be-HI पेज 281 ¶1-4)
नं. 2: w03-HI 3/15 पेज 19-20 ¶17-21
नं. 3: मसीही क्यों अपना कर चुकाते हैं
नं. 4: ctd-HI 37क शादी के बंधन का आदर करना चाहिए
अप्रै. 4 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 16-18 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: किसी विषय पर तर्क करने के लिए सवाल (be-HI पेज 237 ¶3–पेज 238 ¶2)
नं. 1: मसीहियों के लिए शिक्षा क्यों ज़रूरी है (w03-HI 3/15 पेज 10 ¶1–पेज 11 ¶4)
नं. 2: 1 शमूएल 17:41-51
नं. 3: td-HI 37ख मसीहियों को मुखियापन का सिद्धांत मानना चाहिए
नं. 4: अंजाम के बारे में सोचने से, हमें बुराई से नफरत करने और भलाई से प्यार करने में मदद मिलती है
अप्रै. 11 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 19-22 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: मन की भावनाएँ बाहर लाने के लिए सवाल (be-HI पेज 238 ¶3-5)
नं. 1: जवान लोग कैसे आध्यात्मिक रूप से उन्नति कर सकते हैं (w03-HI 4/1 पेज 8-10)
नं. 2: 1 शमूएल 20:24-34
नं. 3: सच्ची मर्यादा क्यों एक मनभावना गुण है
नं. 4: td-HI 37ग बच्चों के प्रति माता-पिता की ज़िम्मेदारी
अप्रै. 18 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 23-25 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: ज़ोर देने के लिए सवाल (be-HI पेज 239 ¶1-2)
नं. 1: सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना (w03-HI 11/1 पेज 4-7)
नं. 2: w03-HI 5/1 पेज 17 ¶11-14
नं. 3: td-HI 37घ मसीहियों को सिर्फ मसीहियों से शादी करनी चाहिए
नं. 4: इब्राहीम के साथ वाचा क्यों बाँधी गयी थी
अप्रै. 25 बाइबल पढ़ाई: 1 शमूएल 26-31 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: गलत विचारों का पर्दाफाश करने के लिए सवाल (be-HI पेज 239 ¶3-5)
ज़बानी चर्चा
मई 2 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 1-3 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: सिखाने में मददगार उपमा और रूपक (be-HI पेज 240 ¶1–पेज 241 ¶1)
नं. 1: शिक्षा, सिर्फ नौकरी-पेशे के लिए नहीं (w03-HI 3/15 पेज 11 ¶5–पेज 14 ¶5)
नं. 2: 2 शमूएल 2:1-11
नं. 3: ईमानदार होने के कई फायदे
नं. 4: dtd-HI 37च सच्चे मसीही एक-से-ज़्यादा पति/पत्नी नहीं रखते
मई 9 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 4-8 गीत 27 (221)
भाषण का गुण: मिसालें इस्तेमाल करना (be-HI पेज 241 ¶2-4)
नं. 1: यहोवा, जवानों में सच्ची दिलचस्पी लेता है (w03-HI 4/15 पेज 29 ¶4–पेज 31 ¶4)
नं. 2: 2 शमूएल 5:1-12
नं. 3: व्यवस्था वाचा से कौन-सा मकसद हासिल हुआ?
नं. 4: td-HI 27क मरियम यीशु की माँ थी, “परमेश्वर की माँ” नहीं
मई 16 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 9-12 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: बाइबल में दर्ज़ मिसालें (be-HI पेज 242 ¶1-2)
नं. 1: क्या यहोवा आपके कामों को देखता है? (w03-HI 5/1 पेज 28-31)
नं. 2: 2 शमूएल 9:1-13
नं. 3: td-HI 27ख बाइबल दिखाती है कि मरियम “हमेशा कुँवारी” नहीं थी
नं. 4: किन तरीकों से परमेश्वर का वचन जीवित है? (इब्रा. 4:12)
मई 23 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 13-15 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: क्या लोग समझ पाएँगे? (be-HI पेज 242 ¶3–पेज 243 ¶1)
नं. 1: नूह का सफरनामा—क्या यह हमारे लिए कोई मायने रखता है? (w03-HI 5/15 पेज 4-7)
नं. 2: 2 शमूएल 13:10-22
नं. 3: यूहन्ना 11:25, 26 का मतलब क्या है?
नं. 4: td-HI 42क बाइबल, स्मारक के बारे में क्या कहती है
मई 30 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 16-18 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: जाने-पहचाने हालात से दृष्टांत (be-HI पेज 244 ¶1-2)
नं. 1: अपनी सोच सही रखिए और बुद्धिमानी से काम लीजिए (w03-HI 7/15 पेज 21-3)
नं. 2: w03-HI 5/15 पेज 16-17 ¶8-11
नं. 3: td-HI 42ख मिस्सा मनाना, बाइबल के खिलाफ है
नं. 4: नम्रता क्यों एक कमज़ोरी नहीं
जून 6 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 19-21 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: अपने सुननेवालों के मुताबिक सही दृष्टांत (be-HI पेज 244 ¶3–पेज 245 ¶4)
नं. 1: अनुशासन का मकसद समझना (w03-HI 10/1 पेज 20 ¶1–पेज 21 ¶5)
नं. 2: 2 शमूएल 19:1-10
नं. 3: एक मसीही परमेश्वर के विश्राम में कैसे प्रवेश कर सकता है?
नं. 4: td-HI 40क सभी मसीहियों को सेवक होना चाहिए
जून 13 बाइबल पढ़ाई: 2 शमूएल 22-24 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: दिखायी जानेवाली चीज़ों का अच्छा इस्तेमाल (be-HI पेज 247 ¶1-2)
नं. 1: सीखने के लिए तैयार रहें और अपनी जीभ की चौकसी करें (w03-HI 9/15 पेज 21 ¶1–पेज 22 ¶3)
नं. 2: 2 शमूएल 24:10-17
नं. 3: किन तरीकों से एक मसीही को संसार से अलग रहना है?
नं. 4: etd-HI 40ख सेवा में हिस्सा लेने के लिए ज़रूरी योग्यताएँ
जून 20 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 1-2 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: यीशु ने सिखाते वक्त, दृश्य और चीज़ों का इस्तेमाल कैसे किया (be-HI पेज 247 ¶3)
नं. 1: संतोष पाने का राज़ जानना (w03-HI 6/1 पेज 8-11)
नं. 2: w03-HI 6/1 पेज 12-13 ¶1-4
नं. 3: दसवीं आज्ञा में क्या बात खास थी?
नं. 4: td-HI 36क सच्चे मसीहियों से क्यों नफरत की जाती है
जून 27 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 3-6 गीत 26 (212)
भाषण का गुण: दिखायी जानेवाली चीज़ों को इस्तेमाल करने के तरीके (be-HI पेज 248 ¶1-3)
ज़बानी चर्चा
जुला. 4 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 7-8 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: नक्शों, सम्मेलन के छपे हुए कार्यक्रम और विडियो-कैसट का इस्तेमाल करना (be-HI पेज 248 ¶4–पेज 249 ¶2)
नं. 1: बुज़ुर्ग संगी विश्वासियों को अनमोल समझिए (w03-HI 9/1 पेज 30-1)
नं. 2: 1 राजा 8:1-13
नं. 3: यीशु ने कैसे संसार को जीत लिया?
नं. 4: td-HI 36ख पत्नी को पति के दबाव में आकर परमेश्वर से अलग नहीं होना चाहिए
जुला. 11 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 9-11 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: बड़े समूहों के लिए दिखायी जानेवाली चीज़ों का इस्तेमाल (be-HI पेज 249 ¶3–पेज 250 ¶1)
नं. 1: धरती पर यीशु मसीह के जीने का सबूत (w03-HI 6/15 पेज 4-7)
नं. 2: 1 राजा 9:1-9
नं. 3: बाइबल के सिद्धांतों पर चलने से ड्रग्स की लत छोड़ी जा सकती है
नं. 4: ftd-HI 36ग पति को पत्नी के दबाव में आकर परमेश्वर की सेवा नहीं छोड़नी चाहिए
जुला. 18 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 12-14 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: तर्क करना और कोमलता दिखाना क्यों ज़रूरी है (be-HI पेज 251 ¶1-3)
नं. 1: जैसी सोच, वैसे काम और नतीजे (w03-HI 1/15 पेज 30 ¶1-3)
नं. 2: 1 राजा 12:1-11
नं. 3: परीक्षाओं का सामना करने के लिए विश्वास हमारी मदद कैसे कर सकता है
नं. 4: td-HI 23क ऐसी प्रार्थनाएँ जिन्हें परमेश्वर सुनता है
जुला. 25 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 15-17 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: कहाँ से शुरू करें (be-HI पेज 251 ¶4–पेज 252 ¶3)
नं. 1: हम कैसे ‘समझ सकते हैं कि यहोवा की इच्छा क्या है’? (w03-HI 12/1 पेज 21 ¶3–पेज 23 ¶3)
नं. 2: w03-HI 7/15 पेज 19 ¶15-17
नं. 3: td-HI 23ख कुछ प्रार्थनाएँ क्यों सही नहीं हैं
नं. 4: पवित्र आत्मा कैसे मसीहियों को दिलासा देती है?
अग. 1 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 18-20 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: कब झुकें (be-HI पेज 252 ¶4–पेज 253 ¶1)
नं. 1: नौजवानो, यहोवा के योग्य चाल चलो (w03-HI 10/15 पेज 23 ¶1–पेज 24 ¶1)
नं. 2: 1 राजा 18:1-15
नं. 3: सभी मसीही बहुत-से फल ला सकते हैं
नं. 4: td-HI 26क इंसान का भाग्य पहले से तय नहीं किया गया
अग. 8 बाइबल पढ़ाई: 1 राजा 21-22 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: सवाल पूछना और वजह बताना (be-HI पेज 253 ¶2–पेज 254 ¶2)
नं. 1: गरीबी हमेशा के लिए कैसे मिटेगी (w03-HI 8/1 पेज 4-7)
नं. 2: 1 राजा 21:15-26
नं. 3: td-HI 11क यीशु का इंसानी जीवन सबके लिए एक छुड़ौती था
नं. 4: हमें हिम्मत की ज़रूरत क्यों है, और यह हम कैसे पैदा कर सकते हैं?
अग. 15 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 1-4 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: परमेश्वर के वचन की पक्की बुनियाद से ठोस दलीलें (be-HI पेज 255 ¶1–पेज 256 ¶2)
नं. 1: तुमने मुफ्त में पाया है, मुफ्त में दो (w03-HI 8/1 पेज 20-2)
नं. 2: 2 राजा 3:1-12
नं. 3: जलप्रलय से पहले लोगों की उम्र इतनी लंबी क्यों होती थी?
नं. 4: td-HI 11ख यीशु क्यों छुड़ौती की कीमत अदा कर सका
अग. 22 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 5-8 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: बाहरी सबूतों से दलीलें पक्की करना (be-HI पेज 256 ¶3-5)
नं. 1: व्यवहार में कुशल होने की कला सीखना (w03-HI 8/1 पेज 29-31)
नं. 2: w03-HI 8/1 पेज 19 ¶18-22
नं. 3: td-HI 16क एक ही सच्चे धर्म को कैसे पहचानें
नं. 4: योना के किन अच्छे गुणों को हमें अपने अंदर पैदा करना चाहिए?
अग. 29 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 9-11 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: काफी सबूत पेश करना (be-HI पेज 256 ¶6–पेज 257 ¶3)
ज़बानी चर्चा
सितं. 5 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 12-15 गीत 26 (212)
भाषण का गुण: दिल तक पहुँचने की कोशिश (be-HI पेज 258 ¶1–पेज 259 ¶1)
नं. 1: क्या आप सच्ची लगन से यहोवा की खोज कर रहे हैं? (w03-HI 8/15 पेज 25-8)
नं. 2: 2 राजा 12:1-12
नं. 3: कोमलता का पीछा क्यों करें?
नं. 4: td-HI 16ख क्या झूठी शिक्षाओं का खंडन करना सही है?
सितं. 12 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 16-18 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: लोगों के दिल की बात जानना (be-HI पेज 259 ¶2-4)
नं. 1: यीशु के बारे में लोगों ने क्या याद रखा? (w03-HI 8/15 पेज 6 ¶5–पेज 8 ¶6)
नं. 2: 2 राजा 16:10-20
नं. 3: td-HI 16ग परमेश्वर किस हालत में धर्म बदलने को मना नहीं करता
नं. 4: हम कैसे परख सकते हैं कि प्रभु को क्या भाता है?
सितं. 19 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 19-22 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: अच्छी भावनाएँ जगाना (be-HI पेज 259 ¶5–पेज 260 ¶1)
नं. 1: ‘खरी बातों को अपना आदर्श बनाकर रख’ (w03-HI 1/1 पेज 29 ¶3–पेज 30 ¶4)
नं. 2: 2 राजा 19:20-28
नं. 3: td-HI 16घ क्या परमेश्वर को “सभी धर्मों में अच्छाई” नज़र आती है?
नं. 4: प्राचीन स्मुरना के हमारे मसीही भाइयों से हम क्या सीख सकते हैं?
सितं. 26 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 23-25 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: परमेश्वर के लिए भय पैदा करने में दूसरों की मदद करना (be-HI पेज 260 ¶2-3)
नं. 1: आज उपासना में एकता के क्या मायने हैं? (wt-HI पेज 5-9, 12, 13 ¶1-9, 12-14)
नं. 2: w03-HI 8/15 पेज 20 ¶6-10
नं. 3: td-HI 19क मरे हुओं में से किन्हें दोबारा ज़िंदा किया जाएगा?
नं. 4: हम एक अच्छे भविष्य की उम्मीद रखते हैं
अक्टू. 3 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 1-4 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: हमारा चालचलन परमेश्वर के लिए मायने रखता है (be-HI पेज 260 ¶4–पेज 261 ¶1)
नं. 1: किन बातों से एकता बढ़ती है? (wt-HI पेज 9-11 ¶10, 11)
नं. 2: 1 इतिहास 4:24-43
नं. 3: td-HI 19ख मरे हुओं का पुनरुत्थान कहाँ होगा?
नं. 4: यहोवा हममें से हरेक से प्यार करता है
अक्टू. 10 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 5-7 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: जाँच करने में दूसरों की मदद करना (be-HI पेज 261 ¶2-4)
नं. 1: यहोवा की बड़ाई करो कि वही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है—भाग 1 (wt-HI पेज 15-19 ¶1-9)
नं. 2: 1 इतिहास 5:18-26
नं. 3: “यहोवा के दिन” के बारे में हम क्या जानते हैं
नं. 4: td-HI 28क मसीह की वापसी इंसान नहीं देख सकते
अक्टू. 17 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 8-11 गीत 10 (82)
भाषण का गुण: दिल से आज्ञा मानने का बढ़ावा देना (be-HI पेज 262 ¶1-4)
नं. 1: यहोवा की बड़ाई करो कि वही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है—भाग 2 (wt-HI पेज 19-22 ¶10-16)
नं. 2: 1 इतिहास 10:1-14
नं. 3: td-HI 28ख मसीह की वापसी, संसार में होनेवाली घटनाएँ देखकर समझी जा सकती है
नं. 4: हमें किसके साथ व्यवहार-कुशलता से पेश आना चाहिए?
अक्टू. 24 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 12-15 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: लोगों के दिल तक पहुँचने में यहोवा के साथ मिलकर काम करना (be-HI पेज 262 ¶5)
नं. 1: परमेश्वर के वचन को दृढ़ता से थामे रहो (wt-HI पेज 23-28 ¶1-10)
नं. 2: w03-HI 11/1 पेज 10-11 ¶10-13
नं. 3: यहोवा का नाम लेकर चलने का असल मतलब क्या है
नं. 4: td-HI 38क सब्त मनाना मसीहियों के लिए ज़रूरी नहीं
अक्टू. 31 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 16-20 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: दिए गए वक्त पर खत्म करना (be-HI पेज 263 ¶1–पेज 264 ¶4)
ज़बानी चर्चा
नवं. 7 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 21-25 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: असरदार तरीके से उपदेश देना और उकसाना (be-HI पेज 265 ¶1–पेज 266 ¶1)
नं. 1: परमेश्वर के वचन को दृढ़ता से थामे रहो—हमारा मकसद (wt-HI पेज 28-31 ¶11-13)
नं. 2: 1 इतिहास 22:1-10
नं. 3: td-HI 38ख सब्त का नियम मसीहियों को नहीं दिया गया था
नं. 4: gशादी के बंधन को कैसे मज़बूत किया जा सकता है
नवं. 14 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 26-29 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: प्रेम से उकसाना (be-HI पेज 266 ¶2-5)
नं. 1: जिसकी सब भविष्यवक्ताओं ने गवाही दी (wt-HI पेज 32-37 ¶1-9)
नं. 2: 1 इतिहास 29:1-9
नं. 3: यहोवा के सेवकों को क्यों सताया जाता है
नं. 4: td-HI 38ग परमेश्वर का सब्त या विश्राम दिन कब शुरू हुआ और कब खत्म होगा
नवं. 21 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 1-5 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: बाइबल से उकसाना (be-HI पेज 267 ¶1-2)
नं. 1: मसीह पर विश्वास दिखाइए (wt-HI पेज 37-40 ¶10-15)
नं. 2: 2 इतिहास 2:1-10
नं. 3: अनुशासन के मकसद को समझिए
नं. 4: td-HI 4क परमेश्वर सिर्फ मसीह के ज़रिए उद्धार करता है
नवं. 28 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 6-9 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: ‘निर्भीकता से बोलना’ (be-HI पेज 267 ¶3-4)
नं. 1: यहोवा के उपासकों को मिली आज़ादी (wt-HI पेज 41-46 ¶1-9)
नं. 2: w03-HI 12/1 पेज 15-16 ¶3-6
नं. 3: हम कैसे दिखाते हैं कि हम यहोवा को अपने सुख का मूल जानते हैं
नं. 4: td-HI 4ख यह शिक्षा बाइबल से नहीं कि “एक बार उद्धार पाने से हमेशा के लिए उद्धार हो जाता है”
दिसं. 5 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 10-14 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: हौसला बढ़ाना क्यों ज़रूरी है (be-HI पेज 268 ¶1-3)
नं. 1: संसार जिसे आज़ादी समझता है, उसके बुरे अंजाम (wt-HI पेज 46-49 ¶10-14)
नं. 2: 2 इतिहास 12:1-12
नं. 3: हमें परमेश्वर की अपार कृपा की ज़रूरत क्यों है
नं. 4: td-HI 4ग “पूरे संसार का उद्धार होगा,” यह शिक्षा बाइबल से नहीं
दिसं. 12 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 15-19 गीत 24 (85)
भाषण का गुण: यहोवा के उपकारों की याद दिलाना (be-HI पेज 268 ¶4–पेज 269 ¶2)
नं. 1: वह मसला जिसका हम सभी को सामना करना है—भाग 1 (wt-HI पेज 50-54 ¶1-8)
नं. 2: 2 इतिहास 19:1-11
नं. 3: td-HI 18क पाप क्या है
नं. 4: हम यीशु के घरवालों से क्या सीख सकते हैं
दिसं. 19 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 20-24 गीत 22 (124)
भाषण का गुण: यह दिखाना कि यहोवा ने कैसे अपने लोगों की मदद की है (be-HI पेज 269 ¶3-5)
नं. 1: वह मसला जिसका हम सभी को सामना करना है—भाग 2 (wt-HI पेज 54-59 ¶9-18)
नं. 2: w03-HI 12/15 पेज 16-17 ¶13-15
नं. 3: संतोष पाने का राज़ जानने से मिलनेवाले फायदे
नं. 4: td-HI 18ख आदम के पाप से सब पर मुसीबतें क्यों आयीं
दिसं. 26 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 25-28 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: आज यहोवा जो कर रहा है, उसमें खुश होना (be-HI पेज 270 ¶1–पेज 271 ¶2)
ज़बानी चर्चा
[फुटनोट]
a सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
b सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
c सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
d सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
e सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
f सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
g सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।