संतोष से भरी ज़िंदगी—कैसे हासिल की जा सकती है पेश करना
◼ “कई लोगों को लगता है कि उन्हें एक ऐसी भरोसेमंद किताब की ज़रूरत है जो उन्हें संतोष से भरी ज़िंदगी जीने की राह दिखा सके। क्या आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं? (जवाब के लिए रुकिए।) खुशी की बात है कि ऐसी किताब वाकई उपलब्ध है, जो भरोसेमंद और आज़मायी हुई सलाहें देती है। मैं आपको उसी किताब से एक आयत पढ़कर सुनाना चाहूँगा/गी। (भजन 32:8 पढ़िए।) आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, मगर क्या आप ऐसी किताब के बारे में जानना नहीं चाहेंगे?” ब्रोशर के अध्याय 3 के शीर्षक पर रोशनी डालिए और फिर इसे पेश कीजिए।
◼ “क्या आप इस बात से सहमत नहीं कि आज हमारे ज़माने में तनाव, ज़्यादातर बीमारियों की एक खास वजह है? (जवाब के लिए रुकिए।) इस सलाह पर गौर कीजिए कि तनाव कम करने के लिए एक सही नज़रिया बनाए रखना ज़रूरी है। (नीतिवचन 12:25 पढ़िए।) इस ब्रोशर में संतोष से भरी ज़िंदगी जीने के लिए सबसे बढ़िया सुझाव दिए गए हैं।” अध्याय 2 में दी गयी तसवीरें दिखाइए और उनके साथ लिखे शीर्षकों के बारे में बताइए।
◼ “अकसर लोग सोचते हैं कि उन्हें संतोष से भरी ज़िंदगी स्वर्ग में ही मिल सकती है। लेकिन अगर ऐसी ज़िंदगी धरती पर ही मुमकिन हो तो क्या आप जीना चाहेंगे? (जवाब के लिए रुकिए।) बाइबल हमें यकीन दिलाती है कि धरती पर हमेशा के लिए संतोष से भरी ज़िंदगी जीना मुमकिन है और यह भी बताती है कि वह ज़िंदगी हम कैसे हासिल कर सकते हैं। (यशायाह 65:17 और यूहन्ना 17:3 पढ़िए।) यह साहित्य समझाता है कि आपको ऐसी ज़िंदगी पाने के लिए क्या करने की ज़रूरत है।” पेज 31 पर दी गयी तसवीर के बारे में समझाइए।
◼ “आजकल लोन लेना पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गया है और इस वजह से कई परिवार भारी कर्ज़ में डूब रहे हैं। क्या आपको भी ऐसा नहीं लगता? (जवाब के लिए रुकिए।) यहाँ दी गयी बुद्धि-भरी सलाह पर गौर कीजिए। (1 तीमुथियुस 6:7-9 पढ़िए।) यह ब्रोशर, पैसे का समझदारी से इस्तेमाल करने और पैसे से जुड़ी समस्याओं का हल करने के बारे में परमेश्वर की सलाह पर चर्चा करता है।” पेज 6 के पैराग्राफ 6 से कुछेक मुद्दे बताइए।