प्रश्न बक्स
◼ हमें कलीसिया में जो काम दिए जाते हैं, उन्हें कैसे पूरा करना चाहिए?
यहोवा के लोगों की कलीसिया में हर काम तरतीब से होता है। इसकी वजह यह है कि सभी लोग मिल-जुलकर काम करते हैं। (1 कुरि. 14:33, 40) ज़रा सोचिए कि कलीसिया की सिर्फ एक सभा चलाने के लिए कितने सारे काम किए जाते हैं। कार्यक्रम के अलावा, सभा से पहले और सभा के बाद में, भाई-बहन अपनी अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ निभाने में काफी मेहनत करते हैं। कुछ काम ऐसे होते हैं जो सबकी नज़रों में नहीं आते, मगर फिर भी अहमियत रखते हैं। हममें से हरेक जन, इस इंतज़ाम में कैसे सहयोग दे सकता है?
खुद को पेश कीजिए। जिनके अंदर सेवा का जज़्बा होता है, उनके लिए काम की कमी नहीं होती। (भज. 110:3) बीमारों और बुज़ुर्गों की देखभाल कीजिए। किंगडम हॉल की साफ-सफाई में हाथ बँटाइए। हम दूसरों के बताए बगैर भी कई अच्छे काम कर सकते हैं। बस इतना है कि हममें मदद करने की इच्छा होनी चाहिए।
सेवा करने की अपनी सीमा पहचानिए। जो अपनी सीमाएँ जानते हैं, उन्हें दूसरों की सेवा करने में खुशी मिलती है। (लूका 9:48) अपनी हद पहचानने से हम उतनी ही ज़िम्मेदारियाँ हाथ में लेंगे, जितना कि हमारे बस में है। साथ ही, हम ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिसे करने का हमें अधिकार नहीं है।—नीति. 11:2.
भरोसेमंद बनिए। मूसा को बताया गया था कि वह इस्राएल में ज़िम्मेदारी के पदों के लिए “विश्वासपात्र” पुरुषों को चुने। (निर्ग. 18:21, बुल्के बाइबिल) आज भी ऐसे ही लोगों की ज़रूरत है। इसलिए आपको जो भी काम दिया जाता है, उसे पूरी वफादारी से निभाइए। (लूका 16:10) अगर आपको लगता है कि आप फलाँ काम पूरा नहीं कर पाएँगे, तो किसी और भाई या बहन का इंतज़ाम ज़रूर कीजिए जो आपके बदले उस काम को कर सके।
अपना सबसे उत्तम दीजिए। मसीहियों को बढ़ावा दिया जाता है कि वे अपनी नौकरी में भी तन-मन लगाकर काम करें। (कुलु. 3:22-24) तो यह और भी कितना ज़रूरी है कि हम सच्ची उपासना को आगे बढ़ाने के लिए दिलो-जान से मेहनत करें। कलीसिया से जुड़ा एक काम भले ही कम दर्जे का लगे, मगर उसे अच्छी तरह पूरा करने से सभी को फायदा होता है।
कलीसिया के हर काम से हमें यहोवा और अपने भाइयों के लिए प्यार दिखाने का मौका मिलता है। (मत्ती 22:37-39) हमें जो भी काम सौंपे जाते हैं, आइए हम उन्हें वफादारी से पूरा करें।