परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
अप्रैल 25, 2005 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए गए सवालों की ज़बानी चर्चा होगी। स्कूल ओवरसियर, 30 मिनट के लिए मार्च 7 से अप्रैल 25, 2005 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर दोबारा चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिए: अगर किसी सवाल के बाद कोई हवाले नहीं दिए गए हैं, तो वहाँ जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी होगी।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. भाषण की तैयारी करते वक्त, हम दी गयी जानकारी का कैसे अच्छा इस्तेमाल करते हैं, और इसकी क्या अहमियत है? [be-HI पेज 234 पैरा. 1-3, दोनों बक्स]
2. भाषण के लिए दी गयी जानकारी में से हमें कितना हिस्सा लेना चाहिए? [be-HI पेज 234 पैरा. 4–पेज 235 पैरा. 1]
3. प्रचार में घर-मालिक को बातचीत में शामिल होने का बढ़ावा देने के लिए, हम सवालों का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं? (प्रेरि. 8:30) [be-HI पेज 236 पैरा. 2-5]
4. हम सवालों का इस्तेमाल करके कैसे बाइबल विद्यार्थियों को अपनी “तर्क-शक्ति” का इस्तेमाल करने में मदद दे सकते हैं? (रोमि. 12:1, NW) [be-HI पेज 238 पैरा. 1]
5. रोमियों 8:31, 32 और यशायाह 14:27 में सवालों का इस्तेमाल किस लिए किया गया था? [be-HI पेज 239 पैरा. 1-2]
भाग नं. 1
6. चेला बनाने के काम में हम कैसे ‘मसीह की नेव डाल’ सकते हैं? (1 कुरि. 3:11) [be-HI पेज 278 पैरा. 1-2]
7. सन् 1914 में यहोवा ने अपने बेटे को शासन करने का पूरा अधिकार दे दिया, तो आज हम किस इरादे से यह प्रार्थना करते हैं, “तेरा राज्य आए”? (तिरछे टाइप हमारे; मत्ती 6:9, 10) [be-HI पेज 279 पैरा. 4]
8. सभी मसीहियों को पढ़ना क्यों आना चाहिए, और यीशु ने इस मामले में अच्छी मिसाल कैसे रखी? [w03-HI 3/15 पेज 10 पैरा. 5; पेज 12 पैरा. 2]
9. आध्यात्मिक उन्नति करने में जवानों को योशिय्याह और यीशु की मिसाल कैसे मदद कर सकती है? [w03-HI 4/1 पेज 8 पैरा. 3-4; पेज 10 पैरा. 3]
10. हम परमेश्वर पर भरोसा क्यों रख सकते हैं? (नीति. 3:5, 6) [w03-HI 11/1 पेज 4 पैरा. 6–पेज 5 पैरा. 1]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. हन्ना ने अपनी प्रार्थना में यह क्यों कहा कि यहोवा “अपने राजा को बल देगा” जबकि उस वक्त तक इस्राएल में कोई इंसानी राजा हुकूमत नहीं कर रहा था? (1 शमू. 2:10)
12. हम इस बात से क्या सीख सकते हैं कि इस्राएलियों के बीच वाचा का संदूक मौजूद होने पर भी वे युद्ध में हार गए? (1 शमू. 4:3, 4, 10)
13. पहले इतिहास 2:13-15 में दाऊद को यिशै का सातवाँ बेटा क्यों कहा गया है, जबकि 1 शमूएल 16:10, 11 दिखाता है कि वह उसका आठवाँ बेटा था?
14. शाऊल को सतानेवाली “दुष्ट आत्मा” क्या थी? (1 शमू. 16:14)
15. एन्दोर में, भूतसिद्धि करनेवाली के ज़रिए जो दुष्टात्मा “शमूएल” होने का ढोंग कर रही थी, क्या उसकी बातें सच निकलीं? (1 शमू. 28:16-19)