घोषणाएँ
◼ अप्रैल 1-17 के लिए साहित्य पेशकश: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! दोनों पत्रिकाएँ दीजिए। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, उन लोगों से भी मिलिए जो कलीसिया के साथ पूरी तरह से संगति तो नहीं करते, मगर स्मारक और/या दूसरी खास सभाओं में हाज़िर होते हैं। ऐसे लोगों को परमेश्वर की उपासना करें किताब देने पर खास ध्यान दीजिए। इस किताब को देने का मकसद होना चाहिए, घर पर बाइबल अध्ययन शुरू करना, खासकर ऐसे लोगों के संग जो पहले ज्ञान किताब और माँग ब्रोशर से अध्ययन कर चुके हैं। अप्रैल 18 - मई 15: जागते रहो! ब्रोशर बाँटने का खास अभियान। मई 16-31: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! दोनों पत्रिकाएँ दीजिए। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, उन लोगों से भी मिलिए जो कलीसिया के साथ पूरी तरह से संगति तो नहीं करते, मगर स्मारक और/या दूसरी खास सभाओं में हाज़िर होते हैं। ऐसे लोगों को परमेश्वर की उपासना करें किताब देने पर खास ध्यान दीजिए। इस किताब को देने का मकसद होना चाहिए, घर पर बाइबल अध्ययन शुरू करना, खासकर ऐसे लोगों के संग जो पहले ज्ञान किताब और माँग ब्रोशर से अध्ययन कर चुके हैं। जून: महान शिक्षक से सीखिए (अँग्रेज़ी) किताब पेश कीजिए। अगर कोई कहता है कि उसके बच्चे नहीं हैं, तो उसे माँग ब्रोशर पेश कीजिए। बाइबल अध्ययन शुरू करने की कोशिश कीजिए। जुलाई और अगस्त: नीचे दिए 32-पेज के ब्रोशरों में से कोई भी दिया जा सकता है: अनन्त काल तक पृथ्वी पर जीवन का आनन्द लीजिए!, क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपका कोई अपना मर जाए, जीवन का उद्देश्य क्या है?—आप इसे कैसे पा सकते हैं?, “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ,” मरने पर हमारा क्या होता है? (अँग्रेज़ी), और वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा।
◼ शाखा दफ्तर के लिए सभी प्रमुख अध्यक्षों और सचिवों के मौजूदा पतों और टेलीफोन नंबरों का रिकॉर्ड रखना ज़रूरी है। अगर इनमें किसी भी वक्त कोई फेरबदल होती है, तो कलीसिया की सेवा समिति को प्रमुख अध्यक्ष/सचिव के पते में फेरबदल (S-29) फॉर्म को भरकर उस पर दस्तखत करके तुरंत शाखा दफ्तर को भेज देना चाहिए। अगर STD कोड बदलते हैं, तो इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए।
◼ कलीसिया के सचिवों को कलीसिया में ये फॉर्म काफी मात्रा में रखने चाहिए: पायनियर सेवा के लिए अर्ज़ी (S-205) और सहयोगी पायनियर सेवा के लिए अर्ज़ी (S-205b)। साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) के ज़रिए इन्हें मँगाया जा सकता है। कलीसिया में कम-से-कम इतने फॉर्म होने चाहिए कि एक साल तक चल सकें। यह देखने के लिए कि पायनियर सेवा की अर्ज़ियाँ पूरी तरह से भरी गयी हैं या नहीं, इनकी जाँच कर लेनी चाहिए।
◼ अगस्त 26-28, 2005 के दौरान बैंगलोर (अँग्रेज़ी) में होनेवाले ज़िला अधिवेशन में, बधिरों के लिए साइन लैंग्वेज में कार्यक्रम पेश करने का इंतज़ाम किया गया है।
◼ कृपया अप्रैल के महीने के लिए साहित्य के ऑर्डर के साथ-साथ साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) में दिए सभी फॉर्मों के लिए इतना ऑर्डर भेजिए कि ये एक साल तक चल सकें। फॉर्म का ऑर्डर भेजने के लिए अलग से कोई चिट्ठी या साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म मत भेजिए; इसके बजाय आपको उसी गुज़ारिश फॉर्म पर ऑर्डर करना चाहिए जिस पर आप अप्रैल के लिए साहित्य का ऑर्डर करेंगे। ज़्यादा जानकारी के लिए, कृपया वॉचटावर लिट्रेचर रिक्वेस्ट गाइड के पेज 1 पर सेक्शन 4 देखिए।
◼ कलीसियाओं को साहित्य भेजने के साथ-साथ सन् 2005 के ज़िला अधिवेशन के बैज कार्ड भी भेजे जाएँगे। इसलिए आपको इनकी गुज़ारिश करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। मगर हाँ, अगर आपको कलीसिया की मुख्य भाषा के अलावा किसी और भाषा में बैज कार्ड चाहिए, तो उसके लिए गुज़ारिश करनी होगी। हर कलीसिया में जितने लोग हैं, उसके हिसाब से कार्ड के बंडल भेजे जाएँगे और हर बंडल में 25 कार्ड होंगे। अगर कलीसिया को ज़्यादा बैज कार्ड की ज़रूरत है तो साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) के ज़रिए इन्हें मँगवाना चाहिए।
◼ दोबारा उपलब्ध प्रकाशन:
चर्चा के लिए बाइबल विषय (दोबारा तैयार किया गया) —कन्नड़
कुरुक्षेत्र से अरमगिदोन तक—और आपकी उत्तरजीविता —कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलगू, बंगला, मराठी, मलयालम, हिंदी