बाइबल सिखाती है किताब कैसे पेश करें
इस इंसर्ट में बाइबल सिखाती है किताब पेश करने के अलग-अलग सुझाव दिए गए हैं। अपनी पेशकश को असरदार बनाने के लिए इसे अपने शब्दों में कहिए, अपने इलाके के लोगों के मुताबिक पेशकश को ढालिए और किताब के उन मुद्दों से वाकिफ होइए जिनकी मदद से बाइबल पर चर्चा शुरू की जा सकती है। इनके अलावा, आप ऐसी दूसरी पेशकश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपके इलाके के लिए कारगर हों।—जनवरी 2005 की हमारी राज्य सेवकाई का पेज 8 देखिए।
अंतिम दिन
◼ “कई लोग मानते हैं कि हम संसार के ‘अंतिम दिनों’ में जी रहे हैं। क्या यह उम्मीद करने की कोई ठोस वजह है कि भविष्य में हालात बेहतर होंगे? [जवाब के लिए रुकिए। फिर 2 पतरस 3:13 पढ़िए।] अंतिम दिनों के खत्म होने के बाद ज़िंदगी कैसी होगी, गौर कीजिए कि इस बारे में यहाँ क्या लिखा है।” पेज 94 पर दिया पैराग्राफ 15 पढ़िए।
आफतें/दुःख-तकलीफें
◼ “जब कोई हादसा होता है, तो कई लोग पूछते हैं कि क्या परमेश्वर को वाकई इंसान की परवाह है और क्या वह उसकी दुःख-तकलीफें देख रहा है? क्या आपके मन में कभी ऐसे सवाल उठे हैं? [जवाब के लिए रुकिए। फिर 1 पतरस 5:7 और पेज 11-12 पर दिया पैराग्राफ 11 पढ़िए।] यह किताब बताती है कि परमेश्वर किस तरह इंसान के सभी दुःखों को पूरी तरह मिटानेवाला है।” पेज 106 पर दिए शुरूआती सवाल दिखाइए।
घर
◼ “आज कई इलाकों में, किफायती दाम पर एक ढंग का घर मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। क्या आपको लगता है कि एक दिन ऐसा आएगा जब हर किसी के पास रहने के लिए अपना एक अच्छा घर होगा? [जवाब के लिए रुकिए। फिर यशायाह 65:21, 22 और पेज 34 पर दिया पैराग्राफ 20 पढ़िए।] यह किताब बताती है कि परमेश्वर का यह वादा कैसे पूरा होगा।”
धर्म
◼ “आज कई लोग दुनिया के धर्मों को समस्याओं का हल नहीं, बल्कि सारी मुसीबतों की जड़ मानने लगे हैं। आपको क्या लगता है, क्या धर्म लोगों को सही राह पर ले जा रहा है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर मत्ती 7:13, 14 और पेज 146 पर दिया पैराग्राफ 5 पढ़िए।] यह अध्याय उस धर्म की छः खास निशानियों को पहचानने में हमें मदद देता जो परमेश्वर को मंजूर हैं।” पेज 147 पर दी सूची दिखाइए।
परिवार
◼ “हम सभी चाहते हैं कि हमारा परिवार खुशहाल रहे, है ना? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल बताती है कि परिवार को सुखी बनाने के लिए घर का हर सदस्य कुछ कर सकता है, वह है एक-दूसरे के लिए प्यार दिखाने में परमेश्वर की मिसाल पर चलना।” इफिसियों 5:1, 2 और पेज 135 पर दिया पैराग्राफ 4 पढ़िए।
प्रार्थना
◼ “क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया कि परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का जवाब कैसे देता है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर 1 यूहन्ना 5:14, 15 और पेज 170-2 पर दिए पैराग्राफ 16-18 पढ़िए।] इस अध्याय में यह भी समझाया गया है कि हमें परमेश्वर से प्रार्थना क्यों करनी चाहिए, और अगर हम चाहते हैं कि वह हमारी प्रार्थनाओं का जवाब दे तो हमें क्या करना चाहिए।”
बाइबल
◼ “लोग अकसर कहते हैं कि बाइबल परमेश्वर का वचन है। क्या आपने कभी सोचा है कि इंसानों की लिखी इस किताब को परमेश्वर का वचन कहना क्यों सही है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर 2 पतरस 1:21 और पेज 19 पर दिया पैराग्राफ 5 पढ़िए।] यह किताब बाइबल से इन सवालों के जवाब देती है।” पेज 6 पर दिए सवाल दिखाइए।
◼ “आज लोगों के लिए इतनी ढेर सारी जानकारी उपलब्ध है जितनी पहले कभी नहीं थी। मगर आपके खयाल से आज हमें ऐसी सलाह कहाँ मिल सकती है जो हमें खुशियों-भरी और कामयाब ज़िंदगी जीने में मदद दे सके? [जवाब के लिए रुकिए। फिर 2 तीमुथियुस 3:16, 17 और पेज 23 पर दिया पैराग्राफ 12 पढ़िए।] यह किताब समझाती है कि हम एक ऐसी ज़िंदगी कैसे जी सकते हैं जो परमेश्वर को भाए और जिससे हमारा फायदा हो।” पेज 122-3 पर दिया चार्ट और तसवीर दिखाइए।
मौत/पुनरुत्थान
◼ “बहुत-से लोग इस बात को लेकर उलझन में हैं कि मरने पर असल में हमारा क्या होता है। क्या आपको लगता है कि इस बारे में हकीकत जानना मुमकिन है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर सभोपदेशक 9:5 और पेज 58-9 पर दिए पैराग्राफ 5-6 पढ़िए।] यह किताब यह भी समझाती है कि जो मौत की नींद सो रहे हैं, उनके जी उठने के बारे में बाइबल में बताया वादा कैसे पूरा होगा।” पेज 75 पर दी तसवीर दिखाइए।
◼ “जब हमारा कोई अज़ीज़ मर जाता है तो स्वाभाविक है कि हमारा दिल करता है कि काश हम उनसे दोबारा मिल पाएँ। आप ज़रूर इस बात से सहमत होंगे, है ना? [जवाब के लिए रुकिए] कई लोगों को बाइबल में बताए इस वादे से दिलासा मिला है कि मरे हुओं को दोबारा ज़िंदा किया जाएगा। [यूहन्ना 5:28, 29 और पेज 72 पर दिए पैराग्राफ 16-17 पढ़िए।] यह अध्याय इन सवालों के भी जवाब देता है।” पेज 66 की शुरूआत में दिए सवाल दिखाइए।
यहोवा परमेश्वर
◼ “परमेश्वर को माननेवाले बहुत-से लोग चाहेंगे कि वे उसके करीब आएँ। क्या आप जानते हैं कि बाइबल हमें उसके करीब आने का न्यौता देती है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर याकूब 4:8क और पेज 16 पर दिया पैराग्राफ 20 पढ़िए।] यह किताब इसलिए तैयार की गयी है ताकि लोग खुद अपनी-अपनी बाइबल से परमेश्वर के बारे में ज़्यादा जान सकें।” फिर पेज 8 के शुरूआती सवाल दिखाइए।
◼ “कई लोग प्रार्थना करते हैं कि परमेश्वर का नाम पवित्र किया जाए। क्या आपने कभी सोचा है कि परमेश्वर का नाम क्या है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर भजन 83:18 और पेज 195 पर दिए पैराग्राफ 2-3 पढ़िए।] यह किताब समझाती है कि बाइबल, यहोवा परमेश्वर के बारे में और इंसानों के लिए उसके मकसद के बारे में असल में क्या सिखाती है।”
यीशु मसीह
◼ “यीशु मसीह के बारे में सारी दुनिया के लोगों ने सुना है। कुछ लोग कहते हैं कि वह बस एक महान शख्स था। दूसरे उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर मानकर पूजते हैं। आपको क्या लगता है, यीशु के बारे में हम जो विश्वास करते हैं, क्या उससे कोई फर्क पड़ता है?” जवाब के लिए रुकिए। फिर यूहन्ना 17:3 और पेज 37-8 पर दिया पैराग्राफ 3 पढ़िए। फिर घर-मालिक का ध्यान अध्याय के शीर्षक के नीचे दिए शुरूआती सवालों की तरफ दिलाइए।
युद्ध/शांति
◼ “आज हर जगह लोग शांति के लिए तरस रहे हैं। क्या आपको लगता है कि धरती पर शांति की आस देखना बस एक ख्वाब है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर भजन 46:8,9 पढ़िए।] यह किताब इस बात पर चर्चा करती है कि परमेश्वर किस तरह अपना यह मकसद पूरा करेगा और पूरी दुनिया में शांति कायम करेगा।” पेज 35 पर दी तसवीर दिखाइए और पेज 34 पर दिए पैराग्राफ 17-21 की चर्चा कीजिए।
हमेशा की ज़िंदगी
◼ “बहुत-से लोग अच्छी सेहत और लंबी उम्र पाना चाहते हैं। लेकिन अगर हमारे लिए हमेशा की ज़िंदगी मुमकिन होती, तो क्या आप जीना चाहते? [जवाब के लिए रुकिए। फिर प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 और पेज 54 पर दिया पैराग्राफ 17 पढ़िए।] यह किताब बताती है कि हम हमेशा की ज़िंदगी कैसे पा सकते हैं और जब यह वादा हकीकत में बदल जाएगा, तो ज़िंदगी कैसी होगी।”
[पेज 5 पर बक्स]
दान के इंतज़ाम के बारे में बताने के तरीके
“दुनिया-भर में हो रहे हमारे काम के लिए अगर अभी आप कुछ दान देना चाहते हैं, तो मुझे कबूल करने में खुशी होगी।”
“हालाँकि हम यह साहित्य बिना किसी दाम के देते हैं, मगर दुनिया-भर में हो रहे काम के लिए कोई दान देता है तो हम उसे कबूल करते हैं।”
“शायद आप सोचें कि हमारे काम का खर्च कैसे उठाया जाता है। दरअसल, दुनिया-भर में चलनेवाला यह काम उस दान से चलता है जिसे लोग अपनी मरज़ी से देते हैं। अगर आप इस काम के लिए आज कुछ छोटा-मोटा दान देना चाहते हैं, तो मुझे कबूल करने में खुशी होगी।”