घोषणाएँ
◼ फरवरी के लिए साहित्य पेशकश: यहोवा के करीब आओ किताब पेश की जाएगी। जिन कलीसियाओं के पास यह किताब नहीं है, वे इसकी जगह रॆवलेशन क्लाइमैक्स या फिर कोई और पुरानी किताब पेश कर सकती हैं जो उनके पास ज़्यादा तादाद में है। मार्च: बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब पेश कीजिए। बाइबल अध्ययन शुरू करने की खास कोशिश कीजिए। अप्रैल और मई: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ पेश कीजिए। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, नयी किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? पेश करने पर खास ध्यान दीजिए। साथ ही, उन लोगों से मुलाकात करते वक्त भी यह किताब दीजिए, जो स्मारक और/या दूसरे मौकों पर तो हाज़िर होते हैं, मगर कलीसिया के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते। यह किताब पेश करने का मकसद होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना।
◼ अप्रैल का महीना सहयोगी पायनियर सेवा करने के लिए बढ़िया रहेगा क्योंकि इसमें पाँच शनिवार-रविवार हैं।
◼ सन् 2006 में स्मारक मौसम के खास जन भाषण का विषय होगा: “क्या दुनिया की बागडोर अब भी परमेश्वर के हाथ में है?” इस बारे में सितंबर 2005 की हमारी राज्य सेवकाई में दी गयी घोषणा देखिए।
◼ अप्रैल 3 के हफ्ते की सेवा सभा में पेज 6 पर दिए इस लेख पर चर्चा की जाएगी: “बाइबल असल में क्या सिखाती है? के अध्ययन का आनंद लीजिए।” कृपया इस लेख को और इसके साथ दिए गए अध्ययन शेड्यूल को सँभालकर रखिए।
◼ प्रमुख अध्यक्ष या उसके ज़रिए नियुक्त किसी भाई को मार्च 1 या उसके बाद जल्द-से-जल्द कलीसिया के हिसाब-किताब की लेखा जाँच करनी चाहिए। अगर राज्य घर के रख-रखाव या निर्माण काम का अलग से हिसाब-किताब रखा गया है, तो इसकी भी लेखा जाँच कराने का इंतज़ाम किया जाना चाहिए। फिर अगली बार कलीसिया का हिसाब-किताब पढ़कर सुनाने के बाद, लेखा जाँच किए जाने की घोषणा कीजिए।
◼ कलीसिया के सचिव और सेवा अध्यक्ष को सभी पायनियरों की सेवा के रिकॉर्ड की जाँच करनी चाहिए। अगर किसी पायनियर को घंटों की माँग पूरी करने में मुश्किल हो रही है, तो प्राचीनों को उसकी मदद करने के लिए कुछ इंतज़ाम करने चाहिए। इस बारे में सुझावों के लिए सालाना चिट्ठियाँ S-201 देखिए।
◼ उपलब्ध नए साहित्य:
बाइबल असल में क्या सिखाती है? —बंगाली