स्मारक के लिए याद रखनेवाली बातें
इस साल स्मारक समारोह बुधवार, अप्रैल 12 को मनाया जाएगा। प्राचीनों को नीचे दी गयी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
◼ स्मारक सभा का समय तय करते वक्त, ध्यान रखिए कि स्मारक के प्रतीक, सूर्यास्त के बाद ही दिए जाएँ।
◼ स्मारक की जगह और समय के बारे में सभी को, भाषण देनेवाले भाई को भी, ठीक-ठीक जानकारी दी जानी चाहिए।
◼ सही किस्म की रोटी और दाखमधु का इंतज़ाम करके इन्हें तैयार रखना चाहिए।—फरवरी 15, 2003 की प्रहरीदुर्ग के पेज 14-15 देखिए।
◼ प्लेट, गिलास, एक अच्छी मेज़ और मेज़पोश पहले से हॉल में लाकर सही जगह पर रखना चाहिए।
◼ राज्य घर या जहाँ स्मारक मनाया जाएगा, वहाँ पहले से अच्छी साफ-सफाई की जानी चाहिए।
◼ अटेंडंट और प्रतीक देनेवाले भाइयों को पहले से चुना जाना चाहिए और उन्हें उनका काम और उसे करने का सही तरीका बताया जाना चाहिए। यह भी बताना अच्छा होगा कि उनका पहनावा और बनाव-श्रृंगार शालीन हो।
◼ अगर कोई अभिषिक्त मसीही, बीमारी की वजह से स्मारक में हाज़िर नहीं हो सकता, तो उसे स्मारक की रोटी और दाखमधु देने का इंतज़ाम करना चाहिए।
◼ अगर एक-से-ज़्यादा कलीसियाएँ एक ही राज्य घर में स्मारक मनाती हैं, तो उन्हें साथ मिलकर सही-सही इंतज़ाम करना चाहिए ताकि वे अपने-अपने वक्त पर इसे तरतीब से मना सकें। इससे खाहमखाह राज्य घर के अंदर जाने के रास्ते में, बाहर फुटपाथ पर और गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह पर भीड़-भाड़ नहीं होगी।