सेवा सभा की तालिका
जून 12 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 29 (222)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। पेज 4 पर दिए सुझावों का या आपके इलाके के लिए कोई और पेशकश कारगर हो, तो उसका इस्तेमाल करके प्रदर्शन दिखाइए कि जून 1 की प्रहरीदुर्ग और अप्रैल-जून की सजग होइए! कैसे पेश करें। एक प्रदर्शन में दिखाइए कि प्रचारक मौका ढूँढ़कर पत्रिकाएँ पेश करता है।
20 मि: “हमारी सेवा जिससे करुणा ज़ाहिर होती है।”a अगर समय हो, तो हाज़िर लोगों से उन आयतों के बारे में कुछ बताने को कहिए जिनका सिर्फ हवाला दिया गया है।
15 मि: “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” पर भरोसा रखना। यहोवा की इच्छा पूरी करने के लिए संगठित किताब के अध्याय 3 पर भाषण और हाज़िर लोगों के साथ चर्चा।
गीत 4 (43) और प्रार्थना।
जून 19 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 16 (143)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ।
20 मि: “अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!” जनवरी 1, 2006 की प्रहरीदुर्ग, पेज 16-19 पर भाषण और हाज़िर लोगों के साथ चर्चा। भाषण की शुरूआत में बताइए कि “अच्छे नतीजे” उपशीर्षक के मुताबिक, दूसरों की तारीफ करने के चार फायदे क्या हैं। फिर हाज़िर लोगों से आगे दिए सवाल पूछिए: वह पहला शख्स कौन है जो तारीफ का हकदार है? हमारे मसीही भाई-बहन क्यों सच्ची तारीफ के हकदार हैं? हम किन मौकों पर कलीसिया के भाई-बहनों की तारीफ कर सकते हैं? अपने घरवालों की तारीफ करना क्यों फायदेमंद है, और हम ऐसा कैसे कर सकते हैं? दूसरों से मिली तारीफ से आपका हौसला किस तरह बढ़ा है?
15 मि: “निजी दिलचस्पी दिखाइए—दूसरों की तारीफ कीजिए।”b एक छोटा-सा प्रदर्शन दिखाइए जिसमें एक प्रचारक ध्यान से घर-मालिक की बात सुनता है, उसकी दिल से तारीफ करता है, और फिर उसकी कही बात पर चर्चा जारी रखने के लिए, उसी विषय से जुड़ी बाइबल की आयत पढ़कर सुनाता है।
गीत 6 (45) और प्रार्थना।
जून 26 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 22 (130)
12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हिसाब-किताब की रिपोर्ट पढ़िए, साथ ही कलीसिया ने जो दान भेजे हैं उसके लिए शाखा दफ्तर से मिली कदरदानी की चिट्ठियाँ भी पढ़िए। पेज 4 पर दिए सुझावों का या आपके इलाके के लिए कोई और पेशकश कारगर हो, तो उसका इस्तेमाल करके प्रदर्शन दिखाइए कि जुलाई 1 की प्रहरीदुर्ग और जुलाई-सितंबर की सजग होइए! कैसे पेश करें। हर प्रदर्शन के आखिर में प्रचारक, घर-मालिक के सोचने के लिए एक ऐसा सवाल पूछता है जिसका जवाब अगली मुलाकात में, बाइबल सिखाती है किताब से दिया जा सकता है।
18 मि: कलीसिया के भाई-बहनों के साथ दोस्ती करना। (नीति. 18:24; 27:9) दिसंबर 1, 2000 की प्रहरीदुर्ग, पेज 22-3 से भाषण और हाज़िर लोगों के साथ चर्चा। सच्ची उपासना करने की एक आशीष यह है कि हम सच्चे दोस्त बना सकते हैं। जब हम दूसरों के साथ मिलकर सभा में हाज़िर होते हैं, प्रचार करते हैं और दूसरे मौकों पर मेल-जोल रखते हैं, तो इससे हमारा हौसला बढ़ता है। कलीसिया में हम दूसरे लोगों के साथ दोस्ती कैसे कर सकते हैं? “हमेशा साथ निभानेवाले दोस्त बनाने के छः कदम” बक्स में से चंद बातें दोहराइए और हाज़िर लोगों से यह बताने के लिए कहिए कि अपने भाइयों के साथ व्यवहार करते वक्त, हरेक मुद्दा कैसे लागू किया जा सकता है।
15 मि: जुलाई के महीने में, सुसमाचार सुनाना। आपके इलाके के लोगों को कैसे विषयों पर दिलचस्पी है? एक या दो प्रचारकों का इंटरव्यू लीजिए जिन्होंने बाइबल सिखाती है किताब का अच्छा इस्तेमाल किया है और शायद एक बाइबल अध्ययन शुरू किया है। इसके बाद, घर-घर के प्रचार में जुलाई के लिए साहित्य पेशकश कैसे दी जा सकती है, इसका प्रदर्शन दिखाइए। इसके लिए ऐसी पेशकश इस्तेमाल कीजिए जो आपके इलाके में कारगर साबित रही है।—जनवरी 2005 की हमारी राज्य सेवकाई, पेज 8, पैरा. 5 देखिए।
गीत 17 (187) और प्रार्थना।
जुलाई 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 5 (46)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे जून की प्रचार रिपोर्ट डाल दें, अगर उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।
20 मि: “आप अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को कैसे हासिल कर सकते हैं?”c कलीसिया के जवानों से पूछिए कि उन्होंने कौन-से आध्यात्मिक लक्ष्य बनाए हैं और उन्हें हासिल करने के लिए वे क्या कर रहे हैं। इसके लिए, एक या दो जवानों को पहले से तैयार किया जा सकता है।
गीत 22 (130) और प्रार्थना।
[फुटनोट]
a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।