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  • हमारी राज-सेवा—2006
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  • जुलाई 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जुलाई 17 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जुलाई 24 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जुलाई 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अगस्त 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2006
km 7/06 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

जुलाई 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 2 (15)

10 मि:कलीसिया की घोषणाएँ। पेज 4 पर दिए सुझावों का या आपके इलाके के लिए कोई और पेशकश कारगर हो, तो उसका इस्तेमाल करके प्रदर्शन दिखाइए कि जुलाई 1 की प्रहरीदुर्ग और जुलाई-सितंबर की सजग होइए! कैसे पेश करें। एक प्रदर्शन में दिखाइए कि जब कोई यह कहकर बातचीत रोकने की कोशिश करता है कि “हम पहले से ही मसीही हैं,” तो इस रुकावट को कैसे कुशलता के साथ पार किया जा सकता है।—किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें पुस्तिका का पेज 11 देखिए।

15 मि:कलीसिया की व्यवस्था और इसे चलाने का तरीका। यहोवा की इच्छा पूरी करने के लिए संगठित किताब के अध्याय 4 पर भाषण और हाज़िर लोगों के साथ चर्चा।

20 मि:“अपने बाइबल विद्यार्थी को यहोवा के बेजोड़ गुणों को समझने और उनकी कदर करने में मदद दीजिए।”a एक प्रदर्शन में दिखाइए कि कैसे सवाल पूछने के ज़रिए, बाइबल विद्यार्थी को बाइबल सिखाती है किताब के पहले अध्याय के आखिर में दिए बक्स के मुद्दों पर मनन करने में मदद दी जा सकती है।

गीत 6 (45) और प्रार्थना।

जुलाई 17 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 8 (53)

10 मि:कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। अगस्त 15,2000 की प्रहरीदुर्ग के पेज 32 से चंद मुद्दे बताइए। यह भी बताइए कि रोज़ बिना नागा बाइबल पढ़ने से, यहाँ तक कि छुट्टियों के दौरान और दूसरे वक्‍त पर जब हम रोज़मर्रा के कामों से कुछ हटकर करते हैं, तब भी बाइबल पढ़ने से क्या फायदे होते हैं।

15 मि:प्रेम और नम्रता—सेवा के लिए ज़रूरी गुण। अगस्त 15,2002 की प्रहरीदुर्ग, पेज 18-20, पैराग्राफ 13-20 पर एक भाषण।

20 मि:“हमारे आनंदित परमेश्‍वर, यहोवा की मिसाल पर चलिए।”b हाज़िर लोगों से पूछिए कि उन्हें अपने इलाके के लोगों को प्रचार करते वक्‍त, खुशमिज़ाज़ बने रहने और सही नज़रिया बनाए रखने में किस बात ने मदद दी है।

गीत 4 (43) और प्रार्थना।

जुलाई 24 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 29 (222)

15 मि:कलीसिया की घोषणाएँ। हिसाब-किताब की रिपोर्ट पढ़िए, साथ ही कलीसिया ने जो दान भेजे हैं उसके लिए शाखा दफ्तर से मिली कदरदानी की चिट्ठियाँ भी पढ़िए। पेज 4 पर दिए सुझावों का या आपके इलाके के लिए कोई और पेशकश कारगर हो, तो उसका इस्तेमाल करके प्रदर्शन दिखाइए कि अगस्त 1 की प्रहरीदुर्ग और जुलाई-सितंबर की सजग होइए! कैसे पेश करें। हर प्रदर्शन के बाद, प्रचारक के शुरूआती शब्दों को दोहराइए जो उसने घर-मालिक की दिलचस्पी जगाने के लिए कहे थे।

10 मि:“उन्होंने विश्‍वासयोग्य बने रहने की मिसाल कायम की है।” एक भाषण जिसमें खास पायनियरों के उन अनुभवों को भी शामिल किया जा सकता है जो हमारे साहित्य में छपे हैं। या फिर अगर कलीसिया में कोई खास पायनियर है, तो उसका इंटरव्यू लिया जा सकता है।—वॉच टावर पब्लिकेशन्स इंडेक्स में “खास पायनियर” शीर्षक के नीचे देखिए।

20 मि:दृढ़ और अटल रहिए। (1 कुरि. 15:58) ऐसे दो-तीन प्रचारकों या पायनियरों का इंटरव्यू लीजिए जिन्होंने बरसों से वफादारी के साथ सेवा की हैं। उन्होंने सच्चाई कैसे सीखी? जब उन्होंने प्रचार करना शुरू किया, तो उन दिनों यह काम कैसे किया जाता था? उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया है? सच्ची उपासना के लिए दृढ़ बने रहने से उन्हें क्या आशीषें मिली हैं?

गीत 9 (37) और प्रार्थना।

जुलाई 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 20 (93)

10 मि:कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे जुलाई की प्रचार रिपोर्ट डाल दें। बताइए कि अगस्त की साहित्य पेशकश क्या है।

15 मि:कलीसिया की ज़रूरतें।

20 मि:“अच्छी आदत डालिए, ढेरों आशीषें पाइए।”c हाज़िर लोगों से पूछिए कि उन्होंने आध्यात्मिक कामों को करने का अच्छा कार्यक्रम बनाने और उसे बरकरार रखने के लिए क्या मेहनत की है और इससे उन्हें क्या आशीषें मिली हैं।

गीत 22 (130) और प्रार्थना।

अगस्त 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 4 (43)

10 मि:कलीसिया की घोषणाएँ। चंद शब्दों में दोहराइए कि हमारी राज्य सेवकाई में दिए पेशकश के सुझावों को कैसे अपने इलाके की ज़रूरत के हिसाब से बदला जा सकता है।—जनवरी 2005 की हमारी राज्य सेवकाई, पेज 8 देखिए।

15 मि:सभाएँ जो प्रेम और भले कामों के लिए उकसाती हैं। मार्च 15,2002 की प्रहरीदुर्ग, पेज 24-5 पर एक भाषण। एक प्रचारक का छोटा-सा इंटरव्यू लीजिए और उसे बताने के लिए कहिए कि वह बिना नागा सभाओं में हाज़िर होने के लिए क्या करता/ती है और इस मेहनत से उसे क्या फायदे पहुँचे हैं।

20 मि:अपनी सेवा में नए-नए तरीके अपनाइए और हालात के मुताबिक खुद को ढालिए। दिसंबर 1,2005 की प्रहरीदुर्ग, पेज 28-30 पर भाषण और हाज़िर लोगों के साथ चर्चा। पैराग्राफ 6-11 पर भाषण दीजिए और बताइए कि पौलुस कैसे लोगों पर ध्यान देता था, उनके मुताबिक अपनी पेशकश बदलता था, साथ ही प्रचार करने और सिखाने में नए-नए तरीके खोज निकालता था। फिर हाज़िर लोगों से पैराग्राफ 12-14 पर दिए सवाल पूछिए और उन्हें जानकारी को अपनी कलीसिया पर लागू करने के लिए भी कहिए। एक प्रदर्शन के ज़रिए प्रचारकों को दिखाइए कि कैसे अपने इलाके में लोगों को प्रचार करते वक्‍त उनकी ज़रूरतों, संस्कृति और उनके हालात को ध्यान में रखकर अपनी पेशकश को बदला जा सकता है।

गीत 17 (187) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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