उन्होंने विश्वासयोग्य बने रहने की मिसाल कायम की है
सन् 1937 में, एक नए किस्म की पूरे समय की सेवा शुरू हुई। वह थी, खास पायनियर सेवा। इस सेवा को उन काबिल स्त्री-पुरुषों ने अपनाया जिन्हें प्रचार में काफी तजुरबा था और उन्होंने खुशी-खुशी उन इलाकों में जाकर सेवा की जहाँ संगठन ने उन्हें भेजा। आज बरसों बाद भी, खास पायनियर सेवक विश्वासयोग्य बने रहने की बढ़िया मिसाल कायम कर रहे हैं और हमें उनकी मिसाल पर चलना चाहिए।—इब्रा. 6:12.
2 उन्होंने अगुवाई की: शुरू-शुरू में खास पायनियर, घर-घर के प्रचार में लोगों को छोटे और हलके फोनोग्राफ के ज़रिए संदेश सुनाते थे। इस तरह उन्होंने प्रचार काम में अगुवाई की। वे वापसी भेंट में भी रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करके लोगों के साथ बाइबल पर चर्चा करते थे। मगर वे ऐसा बड़े-बड़े शहरों में करते थे जहाँ पहले से कलीसियाएँ मौजूद थीं। बाद में, खास पायनियरों को ऐसे इलाकों में भेजा गया जहाँ राज्य प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत थी। उन्हें प्रचार में जितने भी दिलचस्पी दिखानेवाले लोग मिलते, वे उन सभी से दोबारा मुलाकात करते और उनके साथ बाइबल अध्ययन चलाते थे। उनकी कड़ी मेहनत की वजह से सैकड़ों नयी कलीसियाएँ बनीं। आज संगठन में जितनी बढ़ोतरी हुई है, उसमें इन मेहनती पायनियरों का बहुत बड़ा हाथ है। (यशा. 60:22) आज भी, खास पायनियर “आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में” खुशखबरी फैलाने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।—कुलु. 1:23.
3 उनकी मिसाल पर चलिए: कुछ खास पायनियरों ने बरसों से पूरे समय की सेवा की हैं। उन सालों के दौरान, इन वफादार स्त्री-पुरुषों ने अलग-अलग हालात का सामना किया जिसकी वजह से उनका विश्वास फौलाद की तरह मज़बूत हो गया है। (1 पत. 1:6,7) उन्होंने खुशी-खुशी अपने सुख-चैन को त्यागकर उन इलाकों में जाकर सेवा की है जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत थी। आज इनमें से कुछ की उम्र ढल चुकी है और उनकी सेहत ठीक नहीं रहती, या वे दूसरे मुश्किल हालात से गुज़र रहे हैं। (2 कुरि. 4:16,17) इसके अलावा, भारत में संगठन के काम के आर्थिक हालात में जो बदलाव आया है, उसकी वजह से बहुत-से खास पायनियरों को अपनी यह अनमोल सेवा छोड़नी पड़ी है। इसके बावजूद “वे वृद्धावस्था में भी फलते हैं।” (भज. 92:14, नयी हिन्दी बाइबिल) वे यहोवा पर अपना पूरा भरोसा रखते हैं और उससे मिलनेवाली आशीषों का लुत्फ उठाते हैं।—भज. 34:8; नीति. 10:22.
4 खास पायनियर वाकई हमसे प्यार और तारीफ पाने के हकदार हैं। क्या आपकी कलीसिया में खास पायनियर हैं, या ऐसे प्रचारक हैं जो पहले यह सेवा करते थे? अगर हाँ, तो मौके का फायदा उठाकर उनके साथ वक्त बिताइए और उनके तजुरबे से सीखिए। उन्होंने राज्य प्रचारकों के तौर पर जिस वफादारी के साथ सेवा की है, उसकी कदर कीजिए। वे जिस तरह सच्चाई में अटल बने रहें, उससे हौसला पाइए। जो लोग उनके विश्वास की मिसाल पर चलते हैं, वे भी उनकी तरह यहोवा की मंज़ूरी और आशीष पा सकते हैं, क्योंकि “जो विश्वास से काम करते हैं, उन से [यहोवा] प्रसन्न होता है।”—नीति. 12:22.