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  • हमारी राज-सेवा—2006
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हमारी राज-सेवा—2006
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प्रश्‍न बक्स

▪ कलीसिया की मदद करने के लिए क्या यह सही होगा कि हम अपने घरों में पुरानी चीज़ों का सेल लगाएँ या पैसे इकट्ठा करने के लिए कार्यक्रम रखें?

आम तौर पर धार्मिक संस्थाएँ, कुछ कार्यक्रमों के ज़रिए पैसे जमा करती हैं। जैसे वे दावतें, सेल या मेलाएँ रखने का बंदोबस्त करती हैं। कुछ लोग शायद सोचें कि इन कार्यक्रमों से एक अच्छा काम हो रहा है, मगर असल में देखा जाए तो यह चंदा माँगने के अलग-अलग तरीके हैं। और यहोवा के साक्षी इन तरीकों से आर्थिक मदद नहीं लेते।

हम चर्चवालों की मिसाल पर चलने और चंदा माँगने से इनकार करते हैं। इस बारे में सन्‌ 1879 की वॉच टावर पत्रिका के दूसरे अंक यानी अगस्त के अंक में यह कहा गया था: “हमें पूरा यकीन है कि ‘ज़ायन्स वॉच टावर पत्रिका’ के पीछे यहोवा का हाथ है। इसलिए यह पत्रिका मदद के लिए इंसानों के आगे कभी हाथ नहीं फैलाएगी, ना ही उनसे फरियाद करेगी। यहोवा कहता है: ‘पहाड़ों का सारा सोना तो मेरा है और चाँदी भी मेरी है।’ जिस दिन यहोवा दान का इंतज़ाम करने में नाकाम हो जाएगा, उस दिन हम समझ लेंगे कि पत्रिका को बंद करने का समय आ गया है।”

हम आज भी बाइबल के इस सिद्धांत पर चलते हैं: “हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्‍वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।” (2 कुरि. 9:7) राज्य घरों में दान डालने के लिए बक्स रखे जाते हैं, ताकि हर कोई अपनी मरज़ी और खुशी से दान कर सके। (2 राजा 12:9) राज्य घरों में न तो किसी से चंदा माँगा जाता है और ना ही यहाँ लोग यह सोचकर दान करते हैं कि इसके बदले में उन्हें कुछ मिलेगा।

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