परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
फरवरी 26, 2007 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। स्कूल अध्यक्ष, 30 मिनट के लिए जनवरी 1 से फरवरी 26, 2007 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर हाज़िर लोगों के साथ चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिए: जिस सवाल के बाद कोई हवाला नहीं दिया गया है, उसके जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी है।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. भाषण के दौरान, किसी जानकारी पर अमल करने के फायदों के बारे में कब बताया जाना चाहिए और यह कैसे किया जाना चाहिए? [be-HI पेज 158 पैरा. 2-4]
2. लोगों को हमारे संदेश की अहमियत समझाना क्यों ज़रूरी है, और यह हम कैसे कर सकते हैं? [be-HI पेज 159 पैरा. 3-4]
3. शब्दों का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना क्यों ज़रूरी है? [be-HI पेज 160]
4. अलग-अलग किस्म के शब्दों का सही तरह से इस्तेमाल करने में क्या बात हमारी मदद करेगी? [be-HI पेज 161 पैरा. 5-6; पेज 162 पैरा. 1, 4]
5. अपना भाग पेश करने के लिए, मन में या कागज़ पर एक आउटलाइन तैयार करने के क्या फायदे हैं? [be-HI पेज 166 पैरा. 1-3]
भाग नं. 1
6. पढ़ाई के भाग की तैयारी करने में क्या बातें शामिल हैं? [be-HI पेज 43 पैरा. 2, 4]
7. अगर हमें यहोवा की तरह अच्छाई से प्यार और बुराई से नफरत करनी है, तो हमें क्या करना चाहिए? (इब्रा. 5:14) [w05-HI 1/1 पेज 9 पैरा. 11]
8. जब हमें बाइबल का कोई वाकया पढ़ने पर शक होता है कि यहोवा ने जो किया वह सही था या नहीं, तब हमें क्या याद रखना चाहिए? [w05-HI 2/1 पेज 24 पैरा. 7]
9. अगर परमेश्वर के नियम और इंसान की माँगों के बीच टकराव हो, तो हमें क्या करना चाहिए? [w05-HI 4/15 पेज 12 पैरा. 9]
10. यशायाह की भविष्यवाणियाँ, उस राज्य के बारे में क्या बताती हैं जिसका राजा मसीहा है और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में क्या कहती हैं, जो मसीहा के लिए रास्ता तैयार करता? [bsi06-HI पेज 31 पैरा. 35]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. यशायाह 25:7 में बताए गए “घूंघट” और ‘पर्दे’ का क्या मतलब है?
12. किन मायनों में लोग यहोवा को ‘देख’ और ‘सुन’ सकते हैं? (यशा. 30:20, 21)
13. सही या गलत: हिजकिय्याह ने यशायाह 38:3 में दर्ज़ प्रार्थना सिर्फ इसलिए की थी क्योंकि वह लंबे समय तक जीना चाहता था।
14. इस्राएलियों ने किस तरह यहोवा के बारे में साक्षी दी, और हम उनकी मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (यशा. 43:10)
15. यशायाह 52:11, 12 में भविष्यवाणी के रूप में जो नमूना दिया गया था, उसके मुताबिक आज ‘यहोवा के पात्रों को ढोने’ के लिए क्या माँगें पूरी करना ज़रूरी है?