पत्रिकाएँ लेनेवालों के साथ बाइबल अध्ययन कैसे शुरू करें
1. प्रचार में पत्रिकाएँ पेश करने का हमारा क्या लक्ष्य होना चाहिए?
आम तौर पर हम शनिवार के दिन प्रचार में, प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ पेश करते हैं। मगर पत्रिकाएँ पेश करने का हमारा लक्ष्य होना चाहिए, नेकदिल लोगों को सच्चाई सिखाना। इसलिए हमें उनसे दोबारा मिलकर बाइबल सिखाती है किताब पेश करने और अध्ययन शुरू करने की कोशिश करनी चाहिए। यह हम कैसे कर सकते हैं, इसके कुछ सुझाव नीचे दिए गए हैं। आप चाहें तो अपने प्रचार के इलाके के मुताबिक इन सुझावों में फेरबदल कर सकते हैं और उन्हें अपने शब्दों में तैयार कर सकते हैं। या अगर आपको लगता है कि कोई और सुझाव आपके इलाके के लिए कारगर है, तो आप बेझिझक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. बाइबल सिखाती है किताब के शुरूआती लेख का इस्तेमाल करके हम बाइबल अध्ययन कैसे शुरू कर सकते हैं?
2 किताब के शुरूआती लेख का इस्तेमाल कीजिए: वापसी भेंट के दौरान, आप कुछ इस तरह अपनी बात शुरू कर सकते हैं: “आपने गौर किया होगा कि जो पत्रिकाएँ मैंने आपको दी थीं, वे बाइबल के बारे में बताती हैं। ध्यान दीजिए कि बाइबल पढ़ना क्यों इतना ज़रूरी है।” यह कहकर यशायाह 48:17, 18 या यूहन्ना 17:3 या फिर, कोई दूसरी आयत पढ़िए, जो दिखाती है कि बाइबल पढ़ना क्यों ज़रूरी है। फिर बाइबल सिखाती है किताब दिखाइए और घर-मालिक को इसकी एक कॉपी दीजिए। उसके बाद, आप यह कह सकते हैं:
◼ “बाइबल हमें भविष्य के लिए एक पक्की आशा देती है।” घर-मालिक को किताब के पेज 4-5 दिखाइए और फिर पूछिए, “इनमें से किस वादे को आप पूरा होते देखना चाहेंगे?” जब घर-मालिक बताता है कि वह फलाँ वादा पूरा होते देखना चाहता है, तो उसे वह अध्याय दिखाइए जिसमें उस वादे के बारे में चर्चा की गयी है। और अगर घर-मालिक राज़ी हो, तो उसके साथ चंद मिनटों के लिए एक या दो पैराग्राफ पर चर्चा कीजिए।
◼ या आप यह कह सकते हैं, “बाइबल हमें ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब देती है।” फिर किताब का पेज 6 खोलिए और घर-मालिक से पूछिए कि वह इसमें दिए किस सवाल का जवाब जानना चाहता है। जब घर-मालिक एक सवाल चुनता है, तब उसे वह अध्याय दिखाइए जिसमें उस सवाल का जवाब दिया गया है। और फिर उसके साथ चंद मिनटों के लिए एक या दो पैराग्राफ पर चर्चा कीजिए।
◼ या फिर आप विषय-सूची में दिए कुछ शीर्षकों की तरफ घर-मालिक का ध्यान खींच सकते हैं और उससे पूछ सकते हैं कि वह किस विषय के बारे में जानना चाहता है। इसके बाद, वह अध्याय निकालिए जो घर-मालिक चुनता है और चंद मिनटों में दिखाइए कि बाइबल अध्ययन कैसे किया जाता है।
3. हम इन विषयों पर पत्रिकाएँ देने के बाद बाइबल अध्ययन कैसे शुरू कर सकते हैं: (क) दुनिया के बिगड़ते हालात? (ख) परिवार? (ग) बाइबल का भरोसेमंद होना?
3 पहली मुलाकात के आखिर में एक सवाल पूछिए: एक सुझाव यह भी है कि आप, पहली मुलाकात में ही अगली मुलाकात के लिए रास्ता तैयार करें। वह कैसे? जब घर-मालिक पत्रिकाएँ लेता है, तो उससे एक सवाल पूछिए और अगली मुलाकात में उसका जवाब देने का वादा कीजिए। वापसी भेंट करने का पक्का इंतज़ाम कीजिए और तय किए वक्त पर ज़रूर जाइए। (मत्ती 5:37) घर-मालिक से दोबारा मिलने पर वही सवाल दोहराइए, जो आपने पहली मुलाकात में पूछा था। इसके बाद, कुछ मिनट लीजिए और बाइबल सिखाती है किताब से जवाब पढ़कर उस पर चर्चा कीजिए। घर-मालिक को इस किताब की एक कॉपी दीजिए ताकि वह भी जवाब देख सके। आइए इस सुझाव के कुछ उदाहरण देखें।
◼ अगर आप घर-मालिक को दुनिया के बिगड़ते हालात के बारे में पत्रिका देते हैं, तो आप यह कह सकते हैं, “अगली बार, हम बाइबल से इस सवाल का जवाब देखेंगे: परमेश्वर धरती पर क्या-क्या बदलाव लानेवाला है?” वापसी भेंट में, घर-मालिक के साथ किताब के पेज 4-5 पर चर्चा कीजिए। या पत्रिका देने के बाद, आप घर-मालिक से यह सवाल कर सकते हैं, “क्या तमाम हादसे ऊपरवाले की मरज़ी से होते हैं?” वापसी भेंट में, घर-मालिक को किताब के अध्याय 1 का पैराग्राफ 7-8 दिखाइए।
◼ अगर आप घर-मालिक को परिवार के बारे में पत्रिका देते हैं, तो जाने से पहले आप उससे यह सवाल पूछ सकते हैं, “परिवार को खुशहाल बनाने के लिए घर का हर सदस्य क्या कर सकता है?” फिर वापसी भेंट करते वक्त, किताब के अध्याय 14 के पैराग्राफ 4 पर चर्चा कीजिए।
◼ अगर आप घर-मालिक को ऐसी पत्रिका देते हैं, जो बताती है कि बाइबल भरोसेमंद है, तो आप अगली मुलाकात के लिए यह सवाल पूछ सकते हैं, “क्या बाइबल विज्ञान से जुड़ी बातों के बारे में एकदम सही जानकारी देती है?” फिर वापसी भेंट के दौरान, किताब के अध्याय 2 के पैराग्राफ 8 पर चर्चा कीजिए।
4. अगर घर-मालिक बाइबल सिखाती है किताब लेने से इनकार कर देता है, तो ऐसे में हम क्या कर सकते हैं?
4 इस तरह हर चर्चा के आखिर में, एक सवाल पूछिए और उसका जवाब अगली मुलाकात में दीजिए। और जब आप हफ्ते-दर-हफ्ते घर-मालिक के साथ अध्ययन करने लगते हैं, तब आपको सिलसिलेवार ढंग से इस किताब का अध्ययन कराना चाहिए। लेकिन अगर घर-मालिक बाइबल सिखाती है किताब लेने से इनकार कर देता है, तब क्या? ऐसे में भी, आप उसे लगातार पत्रिकाएँ दे सकते हैं और बाइबल से उसके साथ चर्चा कर सकते हैं। इस तरह जब आप धीरे-धीरे उसकी दिलचस्पी बढ़ाएँगे, तो शायद वह आगे चलकर बाइबल अध्ययन के लिए राज़ी हो जाए।
5. लोगों को सिर्फ पत्रिकाएँ देना काफी क्यों नहीं है?
5 प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं को पढ़कर शायद एक इंसान यह जानना चाहे कि बाइबल असल में क्या सिखाती है। इसलिए जो लोग हमारी पत्रिकाएँ लेते हैं, उनके साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने की खास कोशिश कीजिए। इस तरह हम यीशु की यह आज्ञा मान रहे होंगे कि लोगों को “चेला बनाओ और उन्हें . . . सिखाओ।”—मत्ती 28:19, 20.