तरक्की करनेवाले प्रचारक बनिए
स्वर्ग में रहनेवाला हमारा पिता जब देखता है कि उसके सेवक सच्चाई में तरक्की कर रहे हैं, तो उसे बेहद खुशी होती है। सच्चाई में तरक्की करने में यह शामिल है कि हम प्रचार के काम में अपनी काबिलीयत बढ़ाएँ और ज़्यादा-से-ज़्यादा तजुरबा हासिल करते जाएँ। पौलुस ने मसीही अध्यक्ष तीमुथियुस को उकसाया था कि वह पढ़ने और सिखाने में लगा रहे, ताकि उसकी तरक्की सब पर ज़ाहिर हो। (1 तीमु. 4:13-15) उसी तरह, हम सभी को प्रचार करने की अपनी काबिलीयत में और निखार लाने की कोशिश करनी चाहिए, फिर चाहे हमें इस काम में कितना ही तजुरबा क्यों न हो।
2 लक्ष्य रखिए: तरक्की करने के लिए हमें लक्ष्य रखने की ज़रूरत है। हम अपने लिए कौन-से लक्ष्य रख सकते हैं? हम अपनी आध्यात्मिक तलवार, यानी बाइबल के इस्तेमाल में और भी हुनरमंद बनने की कोशिश कर सकते हैं। (इफि. 6:17) हो सकता है, हमें प्रचार करने के किसी तरीके में सुधार करने की ज़रूरत हो, जैसे सड़क पर गवाही देने, टेलीफोन से गवाही देने, या बिज़नेस इलाकों में प्रचार करने में। या फिर शायद हमें असरदार तरीके से वापसी भेंट करने में और भी मेहनत करने की ज़रूरत हो। इसके अलावा, एक और बेहतरीन लक्ष्य है, बाइबल अध्ययन शुरू करने और उसे चलाने की अपनी काबिलीयत बढ़ाना।
3 इंतज़ाम: प्रचार में तरक्की करने के लिए हमें कलीसिया की सभाओं से मदद मिल सकती है। और परमेश्वर की सेवा स्कूल और सेवा सभा को खास इसी मकसद से तैयार किया गया है। इन सभाओं की तैयारी करने और उनमें हाज़िर होने, साथ ही इनमें दिए जानेवाले सुझावों को लागू करने में हम जितनी ज़्यादा मेहनत करेंगे, हमें उतना ज़्यादा फायदा होगा।—2 कुरि. 9:6.
4 प्रचार में तरक्की करने के लिए हमें एक-दूसरे की भी मदद करनी चाहिए। (नीति. 27:17) हम जिसके साथ प्रचार में जाते हैं, उसकी पेशकश हमें ध्यान से सुननी चाहिए। ऐसा करने से हमें अपनी पेशकश सुधारने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, पुस्तक अध्ययन अध्यक्ष भी हमारी मदद के लिए कुछ इंतज़ाम कर सकता है। जैसे, वह हमें किसी तजुरबेकार पायनियर या प्रचारक के साथ काम करने के लिए कह सकता है। ऐसे भाई या बहनों के साथ काम करने से बेशक हम प्रचार में असरदार बनेंगे, साथ ही हमें इस काम में और भी ज़्यादा खुशी मिलेगी। क्या आपके पुस्तक अध्ययन समूह में कोई नया प्रचारक है? अगर हाँ, तो क्यों न पहल करके उसे अपने साथ प्रचार में आने के लिए कहें।
5 प्रचार काम, आज दुनिया में किया जानेवाला सबसे ज़रूरी काम है। जब हम यहोवा को अपना “स्तुतिरूपी बलिदान” चढ़ाते हैं, यानी सुसमाचार का प्रचार करते हैं तो हमें अपना भरसक करना चाहिए। (इब्रा. 13:15) अगर हम प्रचार में तरक्की करने की कोशिश करते रहें, तो हम ऐसे काम करनेवाले बनेंगे, “जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।”—2 तीमु. 2:15.