क्या आपका परिवार आनेवाले विनाश से बचने की तैयारी कर रहा है?
1 बाइबल की जो भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं, वे हमें यकीन दिलाती हैं कि इस दुष्ट दुनिया का विनाश तेज़ी से करीब आ रहा है। आज हम ठीक उसी तरह के मुश्किल हालात में जी रहे हैं, जैसे जलप्रलय से पहले थे। (मत्ती 24:37-39) नूह उस पुरानी दुनिया के विनाश से बच गया था, क्योंकि वह “परमेश्वर ही के साथ साथ चलता रहा।” (उत्प. 6:9) नूह ने ज़रूर अपने परिवार को भी यहोवा के मार्ग सिखाए होंगे, तभी तो उनकी भी जान बच गयी। तो फिर हम कैसे नूह की मिसाल पर चल सकते हैं और इस दुष्ट दुनिया के अंत से बचने के लिए अपने परिवार को तैयार कर सकते हैं?
2 धार्मिकता का प्रचारक: मुश्किल हालात में रहते हुए भी नूह “धार्मिकता के प्रचारक” के तौर पर करीब 40 से 50 साल तक प्रचार करता रहा। (2 पत. 2:5, NHT) उसके आस-पड़ोस के लोगों ने ज़रूर उसका मज़ाक उड़ाया होगा, फिर चाहे यह सब उन्होंने इंसानी रूप धारण किए बागी स्वर्गदूतों के बहकावे में आकर किया हो या अपनी मरज़ी से। हमारे संदेश में भी लोग अकसर दिलचस्पी नहीं दिखाते या हमारा मज़ाक उड़ाते हैं, जो साबित करता है कि अंत बहुत करीब है। (2 पत. 3:3, 4) लेकिन आज हम एक अलग बात देखते हैं, जो नूह के ज़माने में नहीं थी। आज बहुत-से लोग राज्य का संदेश कबूल करके यहोवा की उपासना करने के लिए “धारा की नाईं” आ रहे हैं। (यशा. 2:2) इसलिए इस काम में लगे रहने से ही हम ‘अपनी, और अपने सुननेवालों’ की जान बचा सकेंगे। (1 तीमु. 4:16) यह बहुत ज़रूरी है कि माता-पिता अपनी बातों से और अपनी मिसाल से बच्चों को सिखाएँ कि आज के समय में प्रचार करना कितनी अहमियत रखता है।—2 तीमु. 4:2.
3 उसने “सब कुछ वैसा ही” किया: नूह और उसके परिवार की ज़िंदगी इसलिए बच पायी क्योंकि उन्होंने बहुत ध्यान से यहोवा की हिदायतों को माना था। (उत्प. 6:22, NHT) आज हमारे लिए भी ज़रूरी है कि हम बाइबल और विश्वासयोग्य दास से मिलनेवाली हिदायतों को ‘मानने के लिए तैयार’ रहें। (याकू. 3:17, NW) एक पिता की मिसाल लीजिए। वह यहोवा के संगठन से मिलनेवाले सुझावों को अपने परिवार में लागू करता था। वह हर हफ्ते परिवार के साथ अध्ययन करता था और शनिवार-रविवार के दिन सबको प्रचार में ले जाता था। उसकी कोशिश रहती कि वह हर हफ्ते अपने एक बच्चे के साथ प्रचार में काम करे। इस तरह, वह “सब कुछ वैसा ही” करने में डटा रहा, जैसा परमेश्वर चाहता था। इसका उसके बच्चों पर इतना बढ़िया असर हुआ कि बड़े होकर सभी छः बच्चे यहोवा के वफादार सेवक बने।
4 इस दुनिया पर विनाश अचानक आ पड़ेगा। (लूका 12:40) अगर हम नूह की मिसाल पर चलें और उद्धार पाने के लिए अपना विश्वास ज़ाहिर करते रहें, तो हम और हमारा परिवार आनेवाले विनाश से बचने के लिए बेशक तैयार रहेगा!—इब्रा. 11:7.