क्या आप किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें और चर्चा के लिए बाइबल के विषय पुस्तिकाएँ इस्तेमाल कर रहे हैं?
1 प्रेरित पौलुस, लोगों को सिखाते वक्त ‘शास्त्रों से विवाद’ या तर्क करता था। (प्रेरि. 17:2, 3; 18:19) ऐसा करके वह यीशु की मिसाल पर चला, जो दूसरों को परमेश्वर की मरज़ी समझाने के लिए शास्त्र से हवाले देता था और उदाहरण इस्तेमाल करता था। (मत्ती 12:1-12) आज हम भी ऐसा कर सकते हैं। हमारी मदद के लिए, किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें और चर्चा के लिए बाइबल के विषय पुस्तिकाएँ तैयार की गयी हैं।
2 असरदार पेशकश तैयार करना: बाइबल चर्चाओं पुस्तिका के पेज 2-7 पर दिलचस्पी जगानेवाली पेशकश दी गयी हैं। अगर आप ये पेशकश इस्तेमाल करना सीख लें, तो आप खासकर ऐसे इलाके में गवाही देते वक्त जहाँ अकसर प्रचार होता है, लोगों के साथ असरदार तरीके से बातचीत शुरू कर पाएँगे। और आप उनके हालात के मुताबिक अपनी पेशकश बदल पाएँगे। इसके अलावा, टेलिफोन से या कड़ी सुरक्षावाली इमारतों में इंटरकॉम के ज़रिए लोगों से बात करते समय भी आप इस पुस्तिका में दी पेशकश इस्तेमाल कर सकते हैं।
3 बातचीत रोकनेवालों को जवाब देना: प्रचार में आपकी मुलाकात ऐसे लोगों से हो सकती है, जो आपकी बातचीत रोकने की कोशिश करेंगे। इसलिए क्यों न आप प्रचार में जाने से पहले कुछ समय निकालकर पुस्तिका के पेज 7-13 पर दिए सुझावों पर एक नज़र डालें? क्या आपके इलाके में इस्लाम, बौद्ध, यहूदी और हिंदू धर्म के माननेवाले लोग रहते हैं? अगर हाँ, तो पेज 13-16 पर दी जानकारी की मदद से आप उन्हें गवाही दे सकते हैं।
4 सवालों के जवाब देना: जब कोई हमसे सवाल पूछता है या एक ऐसा मुद्दा उठाता है जो वाद-विवाद का विषय है, तो ऐसे में चर्चा के लिए बाइबल के विषय पुस्तिका हमारी मदद कर सकती है। आप सवाल करनेवाले व्यक्ति से कह सकते हैं कि आप उसे इस बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी दिखाना चाहते हैं। इसके बाद, बाइबल के विषय पुस्तिका निकालिए। इस पुस्तिका में विषय, अक्षरों के क्रमानुसार दिए गए हैं। इसलिए वह मुख्य विषय खोलिए, जिसके तहत आपको घर-मालिक के उठाए सवाल या मुद्दे पर जानकारी मिल सकती है। एक बार जब आपको सही जानकारी मिल जाती है, तो उसमें दी आयतें सीधे अपनी बाइबल से या घर-मालिक की बाइबल से पढ़िए।
5 बाइबल के विषय पुस्तिका इस्तेमाल करने के दूसरे तरीके: कुछ प्रचारक काम पर या स्कूल जाते समय अपने साथ बाइबल के विषय पुस्तिका ले जाते हैं, ताकि अगर कोई उनसे पूछे कि ‘आप त्योहार क्यों नहीं मनाते?’ तो वे उन्हें जवाब दे सकें। क्या आप किसी बीमार या ऐसे व्यक्ति से मिलने जा रहे हैं, जिसके अज़ीज़ की मौत हो गयी है? अगर हाँ, तो “मौत” या “पुनरुत्थान” के तहत दी जानकारी की मदद से आप उसे बाइबल से दिलासा दे सकते हैं। इसके अलावा, भाषण की तैयारी करने और प्रचार की सभाएँ चलाने में भी बाइबल के विषय पुस्तिका में दी जानकारी मददगार साबित हो सकती है।
6 प्रचार में हमारा यह लक्ष्य नहीं होता कि हम किसी से बहस जीत जाएँ या उसे सिर्फ जानकारी दें। इसके बजाय हमारा लक्ष्य होता है, लोगों से बात करते वक्त निपुणता के साथ शास्त्र से तर्क करना। जब हम किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें और चर्चा के लिए बाइबल के विषय पुस्तिकाओं का अच्छा इस्तेमाल करते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम अपने सिखाने के तरीके पर ध्यान दे रहे हैं।—1 तीमु. 4:15, 16.
[अध्ययन के लिए सवाल]
1. प्रेरित पौलुस और यीशु, लोगों को कैसे सिखाते थे?
2. असरदार पेशकश तैयार करने के लिए, हम बाइबल चर्चाओं पुस्तिका का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
3. बाइबल चर्चाओं पुस्तिका के पेज 7-13 पर क्या जानकारी दी गयी है, जो प्रचार में हमारे लिए मददगार साबित हो सकती है?
4. जब कोई सवाल पूछता है या एक ऐसा मुद्दा उठाता है जो वाद-विवाद का विषय है, तो ऐसे में हम बाइबल के विषय पुस्तिका का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
5. बाइबल के विषय पुस्तिका और किन तरीकों से इस्तेमाल की जा सकती है?
6. प्रचार में हमारा क्या लक्ष्य होता है?