परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
31 अगस्त, 2009 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। स्कूल अध्यक्ष 20 मिनट के लिए 6 जुलाई से 31 अगस्त, 2009 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर हाज़िर लोगों के साथ चर्चा करेगा।
1. जो कोई ‘अपने पिता वा माता को शाप दे,’ उसे सज़ा-ए-मौत क्यों दी जाती थी? (लैव्य. 20:9) [w04 5/15-HI पेज 24 पैरा. 6]
2. परमेश्वर ने इसराएलियों को आध्यात्मिक कामों को पहली जगह देने की अहमियत कैसे समझायी? (लैव्य. 23:4-44) [w05 5/15-HI पेज 23 पैरा. 14]
3. जुबली वर्ष के इंतज़ाम से क्या भविष्यवाणी की गयी थी? (लैव्य. 25:10, 11) [w04 7/15-HI पेज 26-27]
4. क्या गिनती 2:2 (NHT) में बताए “प्रतीक” इसराएलियों के लिए धार्मिक निशान थे? [w02 9/15-HI पेज 21 पैरा. 4]
5. प्राचीन इसराएल में नाज़ीर जो जज़्बा दिखाते थे, वही जज़्बा आज पूरे समय के राज प्रचारक कैसे दिखाते हैं? (गिन. 6:3, 5, 6) [w04 8/1-HI पेज 24-25]
6. उम्र ढलने पर लेवियों को सेवा से मुक्त होने का जो नियम दिया गया था, उसका सिद्धांत आज यहोवा के लोगों पर कैसे लागू किया जा सकता है? (गिन. 8:25, 26) [w04 8/1-HI पेज 25 पैरा. 1]
7. इसराएलियों की “लालसा” क्यों भड़क उठी और इससे आज मसीही क्या सीख सकते हैं? (गिन. 11:4, NHT) [w01 6/15- HI पेज 14-15; w95 3/1-HI पेज 16 पैरा. 10]
8. सिर्फ मरियम को ही कोढ़ की सज़ा क्यों दी गयी और इससे हम क्या ज़रूरी सबक सीख सकते हैं? (गिन. 12:9-11) [w04 8/1- HI पेज 26 पैरा. 2]
9. जब यहोशू और कालेब ने कनान के लोगों को अपनी “रोटी” कहा, तो उनका क्या मतलब था? (गिन. 14:9) [w06 10/1- HI पेज 16 पैरा. 5]
10. गिनती 21:5 से क्या चेतावनी मिलती है? [w99 8/15-HI पेज 26-27]