घोषणाएँ
▪ फरवरी के लिए साहित्य पेशकश: आगे बतायी किताबों में से जो उपलब्ध हो, वह पेश कीजिए: क्या एक सिरजनहार है जो आपकी परवाह करता है? (अँग्रेज़ी), पारिवारिक सुख का रहस्य, या बाइबल—परमेश्वर का वचन या इंसानों का? (अँग्रेज़ी)। मार्च: बाइबल असल में क्या सिखाती है? प्रचारकों को चाहिए कि वे जिस घर-मालिक को यह किताब देते हैं या जिस घर-मालिक के पास पहले से यह किताब है, उसके साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने की कोशिश करें। अप्रैल और मई: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ। जब आप उन लोगों के साथ वापसी भेंट करने जाते हैं, जिन्हें दिलचस्पी है या जो लोग स्मारक में या किसी दूसरी सभा में हाज़िर हुए हैं, लेकिन मंडली के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते, तो उन्हें बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब पेश करने की खास कोशिश कीजिए। हमारा मकसद होना चाहिए उनके साथ बाइबल अध्ययन शुरू करना।
▪ भारत में 14 भाषाओं में “जागते रहो!” ज़िला अधिवेशन आयोजित किए गए थे। गौर करनेवाली बात है कि इनमें 964 लोगों ने सबके सामने अपने समर्पण का ऐलान किया। इन 27 अधिवेशनों में कुल हाज़िरी 48,669 थी जो पिछले साल से 9% ज़्यादा है।
▪ उपलब्ध नए प्रकाशन:
खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो —कन्नड़, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, बंगला, मलयालम, हिंदी
▪ उपलब्ध नए डी.वी.डी.:
खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो —अमेरिकन साइन लैंग्वेज
▪ दोबारा उपलब्ध प्रकाशन:
रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स् —तमिल