पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर
“आज बहुत-से लोग फायदे के लिए अपनी रिपोर्ट में घपला करने या सच्चाई छुपाने से बिलकुल नहीं हिचकिचाते। क्या आपको लगता है कि ऐसा करना बेईमानी है? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो उससे पूछिए कि क्या आप शास्त्र में दिया एक सिद्धांत पढ़कर बता सकते हैं। अगर वह “हाँ” कहे, तो इब्रानियों 4:13 पढ़िए।] यह लेख इस विषय पर बाइबल का नज़रिया बताता है।” पेज 17 पर दिया लेख दिखाइए।
सजग होइए! अक्टूबर से दिसंबर
“नौकरी छूट जाने से जो परेशानियाँ खड़ी होती हैं, उनका सामना हम कैसे कर सकते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको शास्त्र से एक सिद्धांत दिखा सकता हूँ, जो इस मामले में काफी मददगार है? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो नीतिवचन 21:5 पढ़िए।] यह पत्रिका इस विषय पर कई कारगर सलाह देती है।”
प्रहरीदुर्ग जनवरी से मार्च
“कई लोग सारे जहान के महाराजाधिराज को सिर्फ परमेश्वर कहते हैं। क्या आपको लगता है कि उसका अपना कोई निजी नाम है? [जवाब के लिए रुकिए। इसके बाद घर-मालिक से पूछिए कि क्या आप उसे शास्त्र से इसका जवाब दे सकते हैं। अगर वह राज़ी होता है तो यशायाह 42:8क पढ़िए।] यह पत्रिका समझाती है कि परमेश्वर को उसके नाम से जानने का क्या मतलब है।”
सजग होइए! जनवरी से मार्च
“शायद यहोवा के साक्षियों से आपकी इससे पहले भी बातचीत हुई हो। क्या आपने कभी सोचा है कि हम क्यों घर-घर जाते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है तो मत्ती 24:14 पढ़िए।] हमने पाया है कई लोगों को हमारे बारे में गलतफहमी है। लोग यहोवा के साक्षियों और उनके विश्वासों के बारे में अकसर जो सवाल करते हैं, उनके जवाब इस पत्रिका में दिए गए हैं।”