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प्रचारकों के सवाल

▪ हमें एक व्यक्‍ति को अपना साहित्य देना चाहिए या नहीं, यह हम कैसे तय कर सकते हैं?

सबसे पहले हमें यह देखना चाहिए कि उस व्यक्‍ति को दिलचस्पी है या नहीं। अगर वह सचमुच दिलचस्पी दिखाता है, तो हम उसे दो पत्रिकाएँ या एक ब्रोशर या एक किताब या कोई दूसरा साहित्य दे सकते हैं। अगर हमें लगता है कि उसके पास दान करने के लिए बहुत कम पैसे हैं या बिलकुल भी नहीं हैं, तब भी हम उसे साहित्य दे सकते हैं। (अय्यू. 34:19; प्रका. 22:17) दूसरी तरफ, हम अपना कीमती साहित्य उन लोगों को नहीं देते जिन्हें इसकी कदर नहीं है।—मत्ती 7:6.

यह कैसे पता चलेगा कि घर-मालिक को दिलचस्पी है? एक अच्छा तरीका है, यह देखना कि क्या वह हमसे बात करने के लिए तैयार है। जब वह हमारी बातों को ध्यान से सुनता है, सवालों का जवाब देता है और अपनी राय ज़ाहिर करता है, तो इससे पता चलता है कि घर-मालिक हमारी बातचीत में दिलचस्पी ले रहा है। अगर हम उसे बाइबल से कोई वचन पढ़कर सुनाते हैं और वह हमारे साथ बाइबल में देखता है, तो इससे ज़ाहिर होता है कि वह परमेश्‍वर के वचन का आदर करता है। घर-मालिक को साहित्य पेश करने से पहले यह पूछना अच्छा होगा कि क्या वह इसे पढ़ना चाहेगा। एक व्यक्‍ति को दिलचस्पी है या नहीं, यह पता करने के लिए प्रचारकों को सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए। मिसाल के लिए, सड़क पर गवाही देते वक्‍त आने-जानेवाले हर इंसान को पत्रिकाएँ, ब्रोशर या किताबें बाँटना ठीक नहीं होगा। अगर हमें समझने में मुश्‍किल हो रही है कि सामनेवाले को दिलचस्पी है या नहीं, तो बेहतर होगा कि उसे कोई ट्रैक्ट या परचा दे दिया जाए।

इसी तरह, एक प्रचारक साहित्य काउंटर से कितना साहित्य लेता है, यह इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि उसे प्रचार के लिए कितने साहित्य की ज़रूरत है, न कि इस बात पर कि वह कितना दान देता है। जो दान दिया जाता है, वह साहित्य के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रहे हमारे प्रचार काम के सभी पहलुओं के लिए है। हमारी माली हालत चाहे जैसी भी हो, अगर हमारे दिल में यहोवा और उसके संगठन के लिए कदर है तो हम राज के कामों के लिए दिल खोलकर दान करेंगे, न सिर्फ अपनी बहुतायत में से, बल्कि अपनी तंगी में से भी। (मर. 12:41-44; 2 कुरिं. 9:7) साथ ही, हम साहित्य काउंटर से उतना ही साहित्य लेंगे जितने की हमें ज़रूरत है। इस तरह हम परमेश्‍वर के काम के लिए दिए गए दान को बरबाद नहीं कर रहे होंगे।

[पेज 2 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

एक व्यक्‍ति को दिलचस्पी है या नहीं, यह पता करने के लिए प्रचारकों को सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए

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