यहोवा के करीब आओ के अध्ययन से फायदा पाइए
सन् 2004 में जब हमें यहोवा के करीब आओ किताब हिंदी में मिली, तो हम फूले न समाए। यह किताब सबसे पहले अँग्रेज़ी में 2002 के “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन में रिलीज़ हुई थी। कई भाई-बहनों ने इसे तुरंत पढ़ना शुरू कर दिया था।
2 इस महीने से मंडली बाइबल अध्ययन में हम एक बार फिर यहोवा के करीब आओ किताब पर चर्चा शुरू करेंगे। अध्ययन से पूरा-पूरा फायदा पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अच्छी तैयारी बहुत ज़रूरी है। हर हफ्ते, चर्चा के लिए कम पैराग्राफ होंगे क्योंकि तीन हफ्तों तक सिर्फ एक ही अध्याय पर गौर किया जाएगा। इसलिए अध्ययन की तैयारी करते वक्त और दी जानकारी पर मनन करते वक्त जो बातें आपके दिल को छू जाती हैं, उन्हें अपने जवाबों में बताने के आपको कई मौके मिलेंगे। इतना ही नहीं, जिन हफ्तों में अध्याय के दूसरे हिस्से पर चर्चा होगी, उन हफ्तों के लिए और भी कम पैराग्राफ दिए गए हैं, ताकि इस किताब के एक खास भाग पर चर्चा के लिए काफी समय मिले। वह खास भाग क्या है?
3 अध्याय 2 से लेकर सभी अध्यायों के आखिर में एक बक्स दिया गया है जिसका शीर्षक है, “मनन के लिए सवाल।” अध्याय के आखिरी पैराग्राफ पर सवाल-जवाब करने के बाद, बाइबल अध्ययन चलानेवाला भाई, मंडली के साथ उस बक्स पर चर्चा करेगा। वह सभी के मन के विचार निकालने की कोशिश करेगा, ताकि वे बता सकें कि उन्होंने दी गयी आयतों पर मनन करके कौन-से बढ़िया मुद्दे सीखे हैं। (नीति. 20:5) बक्स में दिए सवालों के अलावा, कभी-कभार वह ऐसे सवाल भी पूछ सकता है: “इस जानकारी से आप यहोवा के बारे में क्या सीखते हैं? यह आपकी ज़िंदगी के लिए क्या मायने रखती है? आप इस जानकारी का इस्तेमाल करके दूसरों की मदद कैसे कर सकते हैं?” अध्ययन चलानेवाले भाई का मकसद होगा मंडली के भाई-बहनों को अपने मन के विचार बताने के लिए उकसाना, न कि छोटी-छोटी बातों में उनका ज्ञान परखना।
4 यहोवा के करीब आओ किताब, अध्ययन की दूसरी सभी किताबों से बिलकुल अलग है। वैसे तो ‘विश्वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाले दास’ के सभी प्रकाशन यहोवा की महिमा करते हैं, मगर यह किताब खास तौर से यहोवा के गुणों पर चर्चा करती है। (मत्ती 24:45-47) हम कितने खुश हैं कि हम दोबारा इस किताब से अध्ययन करेंगे! यहोवा के गुणों के बारे में गहराई से अध्ययन करने से हमें जो फायदे मिलेंगे, उनका हिसाब नहीं! हम यही दुआ करते हैं कि इस अध्ययन से हम अपने पिता यहोवा के और भी करीब आएँ, साथ ही दूसरों को उसके करीब आने में और अच्छी तरह मदद दे पाएँ।