22 जुलाई से शुरू होनेवाले हफ्ते का शेड्यूल
22 जुलाई से शुरू होनेवाला हफ्ता
गीत 48 और प्रार्थना
❑ मंडली बाइबल अध्ययन:
यहोवा के करीब अध्या. 24 1-10 (30 मि.)
❑ परमेश्वर की सेवा स्कूल:
बाइबल पढ़ाई: प्रेषितों 22-25 (10 मि.)
नं. 1: प्रेषितों 22:17-30 (4 मि. या उससे कम)
नं. 2: किन मायनों में हम दुनिया में रहते तो हैं, पर दुनिया के नहीं हैं?—(यूह. 17:15, 16) (5 मि.)
नं. 3: खुशखबरी फैली दूर-दूर तक —पैगाम पेज 26 (5 मि.)
❑ सेवा सभा:
10 मि: अपने विद्यार्थी के दिल तक पहुँचिए। (लूका 24:32) आगे दिए सवालों पर चर्चा। (1) बाइबल अध्ययन कराते वक्त आपको इन बातों पर ज़ोर देना क्यों ज़रूरी है (क) परमेश्वर का प्यार और उसकी बुद्धि? (ख) बाइबल सिद्धांतों को लागू करने की अहमियत (ग) कोई भी फैसला करने से पहले यहोवा से मार्गदर्शन पाने की ज़रूरत? (2) इन सवालों को पूछने के ज़रिए कैसे आप विद्यार्थी के दिल तक पहुँच सकते हैं? (क) क्या आपको लगता है, परमेश्वर की दी यह सलाह सही है? (ख) क्या इस बात से परमेश्वर का प्यार ज़ाहिर होता है? (ग) क्या आपको लगता है कि इस सलाह को लागू करने से फायदा होगा?
20 मि: “जवान भाइयो—क्या आप ज़िम्मेदारी पाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं?” सवाल-जवाब। एक ऐसे प्राचीन या सहायक सेवक का छोटा-सा इंटरव्यू लीजिए, जिसने कम उम्र से ही ज़िम्मेदारी पाने के लिए काम करना शुरू कर दिया था। सहायक सेवक नियुक्त होने से पहले आपको क्या काम सौंपे गए और किस तरह आपको प्रशिक्षण दिया गया? आध्यात्मिक तरक्की करने में मंडली के भाई-बहनों ने कैसे आपकी मदद की? ज़िम्मेदारी पाने के लिए आगे बढ़ने से आपको क्या आशीषें मिलीं?
गीत 26 और प्रार्थना