भविष्यवक्ताओं के नमूने पर चलिए—मीका
1. मीका के मन में क्या सवाल उठा, मगर क्यों प्रचार काम में उसकी मेहनत बेकार नहीं गयी?
1 ‘इस दुष्ट दुनिया की व्यवस्था का अंत आखिर कब होगा?’ शायद भविष्यवक्ता मीका के मन में भी ऐसा ही सवाल उठा था, जब वह इसराएल और यहूदा राज के खिलाफ यहोवा के न्याय का संदेश सुना रहा था। मगर मीका प्रचार काम में लगा रहा और उसकी मेहनत बेकार नहीं गयी। ईसा पूर्व 740 में मीका के समय के दौरान ही सामरिया के लिए यहोवा ने जो भविष्यवाणी की थी, वह पूरी हुई। (मीका 1:6, 7) फिर ईसा पूर्व 607 में यरूशलेम का विनाश हुआ। (मीका 3:12) आज हम यहोवा के न्याय का इंतज़ार करते हुए, मीका की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं?
2. यहोवा के दिन का इंतज़ार करते हुए हमें क्यों और कैसे सब्र दिखाने की ज़रूरत है?
2 सब्र रखिए: मीका ने लिखा: “मैं यहोवा की ओर ताकता रहूंगा, मैं अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर की बाट जोहता रहूंगा।” (मीका 7:7) इस दौरान मीका हाथ-पर-हाथ धरकर अंत का इंतज़ार नहीं करता रहा, बल्कि वह यहोवा के भविष्यवक्ता के तौर पर व्यस्त रहा। उसी तरह, हमें भी यहोवा के दिन का इंतज़ार करते हुए “परमेश्वर की भक्ति के काम” में लगे रहना है और “पवित्र चालचलन” बनाए रखना है। (2 पत. 3:11, 12) यहोवा के सब्र के गुण से इंसानों को मौका मिलता है कि वे बुरे रास्ते से फिरकर पश्चाताप दिखाएँ। (2 पत. 3:9) इसलिए आइए हम भविष्यवक्ताओं के नमूने पर चलने की परमेश्वर की सलाह को पूरे दिल से मानें।—याकू. 5:10.
3. हमें क्यों यहोवा से पवित्र शक्ति की गुज़ारिश करनी चाहिए?
3 यहोवा की ताकत पर निर्भर रहिए: हालाँकि मीका को जो काम दिया गया था, वह चुनौती-भरा था मगर उसे पूरा करने के लिए वह यहोवा की ताकत पर निर्भर रहा। (मीका 3:8) यह कोई इत्तफाक नहीं कि यहोवा का वचन हमसे गुज़ारिश करता है कि हम उसकी ताकत पर निर्भर रहें। परमेश्वर थके माँदों को अपार ताकत देता है ताकि वे उसकी सेवा में मिली ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह पूरी कर सकें। (भज. 84:5, 7; यशा. 40:28-31) क्या आपने अपनी ज़िंदगी में पवित्र सेवा करते वक्त, इस बात को महसूस किया है? क्या आप नियमित तौर पर पवित्र शक्ति की मदद पाने के लिए यहोवा से प्रार्थना करते हैं?—लूका 11:13.
4. मीका के जीने का तरीका आज हमारे लिए कैसे एक बेहतरीन मिसाल है?
4 मीका ने पूरी ज़िंदगी परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने को सबसे पहली जगह दी। उसने अपने आस-पास के खराब माहौल के बावजूद, परमेश्वर का वफादार बने रहने की ठान ली थी। उसी तरह, आज हर दिन हमारी भी खराई की परख होती है। इसलिए आइए “यहोवा का नाम लेकर सदा सर्वदा चलते” रहने के अपने इरादे को और मज़बूत करें।—मीका 4:5.