परमेश्वर की सेवा स्कूल में सीखी बातों पर चर्चा
25 अगस्त, 2014 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी।
1. अच्छे-बुरे के बारे में गलत सोच से दूर रहने में लैव्यव्यवस्था 18:3 कैसे हमारी मदद कर सकता है? (इफि. 4:17-19) [7 जुला., प्रहरीदुर्ग 02 2/1 पेज 29 पैरा. 4]
2. लैव्यव्यवस्था 19:2 में दी आज्ञा से हम क्या सीखते हैं और इसे मानना क्यों ज़रूरी है? [7 जुला., प्रहरीदुर्ग 10 1/1 पेज 30 पैरा. 5]
3. बाइबल में बीनने का जो नियम था, उसके पीछे छिपे सिद्धांत से हम क्या सीखते हैं? (लैव्य. 19:9, 10) [7 जुला., प्रहरीदुर्ग 06 7/1 पेज 15 पैरा. 13]
4. ऐसा क्यों कहा जा सकता है कि ‘आंख के बदले आंख’ का नियम बदला लेने का बढ़ावा नहीं देता? (लैव्य. 24:19, 20) [14 जुला., प्रहरीदुर्ग 10 1/1 पेज 12 पैरा. 2-3]
5. किन हालात में एक इसराएली के लिए दिए गए उधार पर ब्याज लेना गलत होता और कब ब्याज लेने की इजाज़त थी? (लैव्य. 25:35-37) [21 जुला., प्रहरीदुर्ग 04 5/15 पेज 24 पैरा. 3]
6. वे “निशान” क्या थे जिनके चारों तरफ तीन-तीन गोत्रों को वीराने में पड़ाव डालना था? (गिन. 2:1, 2) [28 जुला., प्रहरीदुर्ग 04 8/1 पेज 24 पैरा. 5]
7. गिनतियों 8:25, 26 में लेवियों की सेवा के बारे में जो ब्यौरा दिया है, उससे हम बुज़ुर्गों को लिहाज़ दिखाने के बारे में क्या सीख सकते हैं? [11 अग., प्रहरीदुर्ग 04 8/1 पेज 25 पैरा. 1]
8. मिस्र से छुटकारा पाने के बाद क्यों इसराएली शिकायती रवैया दिखाने लगे और इससे हम क्या ज़रूरी सबक सीख सकते हैं? (गिन. 11:4-6) [18 अग., प्रहरीदुर्ग 95 3/1 पेज 16 पैरा. 10]
9. जब एलदाद और मेदाद भविष्यवक्ताओं की तरह व्यवहार करने लगे, तब मूसा ने जो रवैया दिखाया उससे हम क्या सीख सकते हैं? (गिन. 11:27-29) [18 अग., प्रहरीदुर्ग 04 8/1 पेज 26 पैरा. 5]
10. यहोवा ने इसराएलियों को आज्ञा दी थी कि वे ‘अपने वस्त्रों की कोर पर झालर लगाएँ।’ इससे हम कौन-सा ज़रूरी सिद्धांत सीख सकते हैं? (गिन. 15:37-39) [25 अग., प्रहरीदुर्ग 04 8/1 पेज 26 पैरा. 8]