परमेश्वर की सेवा स्कूल में सीखी बातों पर चर्चा
26 अक्टूबर, 2015 से शुरू होनेवाले हफ्ते में परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। हर मुद्दे पर कब चर्चा की जानी है, उसकी तारीख दी गयी है, ताकि हर हफ्ते स्कूल की तैयारी करते वक्त उस पर खोजबीन की जा सके।
दूसरा राजा 13:18, 19 में दिए ब्यौरे से हम परमेश्वर की सेवा जोश और तन-मन से करने की अहमियत के बारे में क्या सीखते हैं? [7 सितं., प्रहरीदुर्ग 10 4/15 पेज 26 पैरा. 11]
जब योना ने भविष्यवक्ता के तौर पर सेवा की, उस समय इसराएल में कौन हुकूमत कर रहा था और 2 राजा 14:23-25 में दिए ब्यौरे से हम योना की सेवा के बारे में कौन-सी अच्छी बात सीख सकते हैं? [7 सितं., प्रहरीदुर्ग 09 4/1 पेज 28 पैरा. 4]
राजा आहाज़ ने कैसे दिखाया कि उसे यशायाह के ज़रिए कही परमेश्वर की बात पर भरोसा नहीं था? ज़रूरी फैसले लेते वक्त हमें खुद से क्या सवाल पूछना चाहिए? (2 राजा 16:7) [14 सितं., प्रहरीदुर्ग 13 11/15 पेज 17 पैरा. 5]
रबशाके ने कौन-सी तरकीब अपनायी, जिसे आज परमेश्वर के लोगों का विरोध करनेवाले भी अपनाते हैं? और कौन-सा गुण हमें विरोधियों की झूठी दलीलों को ठुकराने में मदद कर सकता है? (2 राजा 18:22, 25) [14 सितं., प्रहरीदुर्ग 10 7/15 पेज 13 पैरा. 3, 4]
जिस तरह योशिय्याह ने नम्रता का एक अच्छा उदाहरण रखा, उससे हम अपनी बाइबल पढ़ाई और अध्ययन से फायदा पाने के बारे में क्या सीख सकते हैं? (2 राजा 22:19, 20) [21 सितं., प्रहरीदुर्ग 00 3/1 पेज 30 पैरा. 2]
दूसरा राजा 24:3, 4 से हम क्या सीख सकते हैं? [28 सितं., प्रहरीदुर्ग 05 8/1 पेज 12 पैरा. 1]
याबेस ने यहोवा से कौन-सी तीन बातों की गुज़ारिश की और इससे हम प्रार्थना के बारे में क्या सीखते हैं? (1 इति. 4:9, 10) [5 अक्टू., प्रहरीदुर्ग 11 4/1 पेज 23]
पहला इतिहास 5:18-22 में बताए युद्ध का जो अंजाम हुआ उससे हमें कैसे शैतान के खिलाफ अपनी लड़ाई में डटे रहने की हिम्मत मिलती है? [12 अक्टू., प्रहरीदुर्ग 05 10/1 पेज 9 पैरा. 7]
दाविद खून के बारे में दिए यहोवा के नियम के पीछे छिपे सिद्धांत को कैसे समझ पाया? और दाविद की मिसाल से हम क्या सीख सकते हैं? (1 इति. 11:17-19) [19 अक्टू., प्रहरीदुर्ग 12 11/15 पेज 6, 7 पैरा. 12-14]
जब दाविद ने वाचा के संदूक को यरूशलेम ले जाना चाहा, तब वह क्या करने से चूक गया? और इस ब्यौरे से हम क्या ज़रूरी सबक सीख सकते हैं? (1 इति. 15:13) [26 अक्टू., प्रहरीदुर्ग 03 5/1 पेज 10, 11 पैरा. 11-13]