11-17 जनवरी
2 इतिहास 33-36
गीत 35 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“दिल से पश्चाताप करने पर यहोवा माफ करता है”: (10 मि.)
2इत 33:2-9, 12-16—सच्चा पश्चाताप करने पर मनश्शे पर दया की गयी (प्रहरीदुर्ग 05 12/1 पेज 21 पैरा. 4)
2इत 34:18, 30, 33—बाइबल पढ़ने और उस पर मनन करने से हम पर गहरा असर पड़ता है (प्रहरीदुर्ग 05 12/1 पेज 21 पैरा. 9)
2इत 36:15-17—यहोवा की करुणा और सब्र को कभी-भी हलके में नहीं लेना चाहिए (प्रहरीदुर्ग 05 12/1 पेज 21 पैरा. 6)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
2इत 33:11—जब मनश्शे को बैबिलोन ले जाया गया, तो कौन-सी भविष्यवाणी पूरी हुई? (इंसाइट-1 पेज 62, पैरा. 2; प्रहरीदुर्ग 06 12/1 पेज 13 पैरा. 5)
2इत 34:1-3—योशिय्याह की मिसाल से हम क्या सीख सकते हैं? (प्रहरीदुर्ग 05 12/1 पेज 21 पैरा. 5)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्त ध्यान में रख सकता हूँ?
पढ़ने के लिए आयतें: 2इत 34:22-33 (4 मि. या उससे कम)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) T-35 ट्रैक्ट पेश कीजिए। इस तरह बातचीत कीजिए कि आप उससे दोबारा मिल सकें।
अगली मुलाकात: (4 मि. या उससे कम) एक प्रदर्शन में बताइए कि अगर किसी ने T-35 ट्रैक्ट के विषय में दिलचस्पी ली थी, तो हम उससे अगली मुलाकात कैसे कर सकते हैं। अपनी बातचीत इस तरह आगे बढ़ाइए कि आप उससे दोबारा मिल सकें।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) एक प्रदर्शन में बताइए कि बाइबल अध्ययन कैसे किया जा सकता है। (बाइबल सिखाती है पेज 9, 10 पैरा. 6, 7)
जीएँ मसीहियों की तरह
पश्चाताप करना बहाली के लिए ज़रूरी है: (10 मि.) प्राचीन का भाषण। (प्रहरीदुर्ग 06 12/1 पेज 17 पैरा. 7-9)
दिल से माफ करो: (5 मि.) चर्चा। यहोवा के दोस्त बनो—दिल से माफ करो वीडियो दिखाइए। (jw.org/hi पर जाइए, फिर शास्त्र से जानिए > बच्चों के लिए में देखिए।) इसके बाद सभा में हाज़िर बच्चों से पूछिए कि उन्होंने इससे क्या सबक सीखा।
मंडली का बाइबल अध्ययन: गवाही दो अध्या. 24 पैरा. 1-9 और “फेलिक्स—यहूदिया का प्रशासनिक अधिकारी” नाम का बक्स (30 मि.)
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 43 और प्रार्थना