फसह स्मारक को नहीं दर्शाता था। फिर भी फसह के पर्व से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। प्रेषित पौलुस ने ‘फसह के मेम्ने’ की तुलना यीशु से की। (1कुर 5:7) ठीक जैसे मेम्ने का खून दरवाज़े की चौखट पर लगाने से लोगों की जान बची, वैसे ही यीशु का खून लोगों की जान बचाता है। (निर्ग 12:12, 13) फसह के मेम्ने की एक भी हड्डी तोड़ी नहीं जाती थी। जब यीशु को काठ पर लटकाकर मार डाला गया, तो उसकी एक भी हड्डी नहीं तोड़ी गयी, जबकि ऐसी सज़ा देने के बाद अपराधियों की हड्डियाँ तोड़ दी जाती थीं।—निर्ग 12:46; यूह 19:31-33, 36.