ईश्वर को आपकी बहुत परवाह है
पवित्र शास्त्र बाइबल परमेश्वर की किताब है। इसलिए इसमें ज़िंदगी जीने के बारे में सबसे बढ़िया सलाह दी गयी है। हालाँकि यह स्वास्थ्य-संबंधित कोई किताब नहीं है, फिर भी इसमें अलग-अलग हालात का सामना करने के बारे में कई अच्छे सुझाव दिए गए हैं। जैसे, तब क्या करें जब हमें डर या चिंताएँ सताने लगें, जब हम कुछ सोच-सोचकर परेशान होने लगें, जब दुख के मारे बहुत रोना आए या जब शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ होने पर हम मायूस हो जाएँ।
सबसे ज़रूरी बात, बाइबल में हमें यकीन दिलाया गया है कि हमारा बनानेवाला परमेश्वर यहोवाa अच्छी तरह जानता है कि हम क्या सोच रहे हैं और कैसा महसूस कर रहे हैं। यहोवा से बेहतर और कोई नहीं जो हमें अच्छी तरह समझता हो! यही नहीं, वह हमारी मदद करने के लिए बेताब भी है, फिर चाहे हम किसी भी समस्या का सामना कर रहे हों। उदाहरण के लिए, बाइबल की ऐसी दो आयतों पर ध्यान दीजिए, जिनसे हमें बहुत दिलासा मिलता है:
“यहोवा टूटे मनवालों के करीब रहता है, वह उन्हें बचाता है जिनका मन कुचला हुआ है।”—भजन 34:18.
“मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दायाँ हाथ थामे हुए हूँ, मैं तुझसे कहता हूँ, ‘मत डर, मैं तेरी मदद करूँगा।’”—यशायाह 41:13.
लेकिन जहाँ तक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की बात है, इनका सामना करने में यहोवा कैसे हमारी मदद करता है? आगे के लेखों में बताया गया है कि यहोवा को सचमुच आपकी परवाह है और वह कई तरीकों से आपकी मदद करना चाहता है।