1
वचन इंसान बना (1-18)
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की गवाही (19-28)
यीशु, परमेश्वर का मेम्ना (29-34)
यीशु के शुरूआती चेले (35-42)
फिलिप्पुस और नतनएल (43-51)
2
काना में शादी; पानी को दाख-मदिरा में बदला (1-12)
यीशु मंदिर को शुद्ध करता है (13-22)
यीशु जानता है, इंसान के दिल में क्या है (23-25)
3
4
5
बेतहसदा में बीमार आदमी ठीक किया गया (1-18)
यीशु को उसके पिता ने अधिकार दिया है (19-24)
जो मर गए हैं, वे यीशु की आवाज़ सुनेंगे (25-30)
यीशु के बारे में गवाही (31-47)
6
यीशु 5,000 को खिलाता है (1-15)
यीशु पानी पर चलता है (16-21)
यीशु “जीवन देनेवाली रोटी” (22-59)
यीशु की बात सुनकर कइयों का विश्वास डगमगा गया (60-71)
7
यीशु डेरों के त्योहार के लिए गया (1-13)
त्योहार पर यीशु सिखाता है (14-24)
मसीह के बारे में अलग-अलग राय (25-52)
8
9
यीशु एक जन्म के अंधे को ठीक करता है (1-12)
फरीसी उस आदमी से सवाल-जवाब करते हैं (13-34)
फरीसियों का अंधापन (35-41)
10
चरवाहा और भेड़शालाएँ (1-21)
समर्पण के त्योहार पर यहूदियों से यीशु का सामना (22-39)
बहुत-से यहूदियों ने नहीं विश्वास किया (24-26)
“मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं” (27)
बेटा, पिता के साथ एकता में है (30, 38)
यरदन के उस पार कई लोगों ने विश्वास किया (40-42)
11
लाज़र की मौत (1-16)
मरियम और मारथा को यीशु दिलासा देता है (17-37)
यीशु, लाज़र को ज़िंदा करता है (38-44)
यीशु को मार डालने की साज़िश (45-57)
12
मरियम, यीशु के पैरों पर तेल उँडेलती है (1-11)
यीशु राजा की हैसियत से दाखिल होता है (12-19)
यीशु अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है (20-37)
यहूदियों ने विश्वास नहीं किया जिससे भविष्यवाणी पूरी हुई (38-43)
यीशु दुनिया को बचाने आया (44-50)
13
यीशु अपने चेलों के पैर धोता है (1-20)
यीशु बताता है कि उसे पकड़वानेवाला यहूदा है (21-30)
नयी आज्ञा (31-35)
यीशु ने कहा कि पतरस उसका इनकार करेगा (36-38)
14
15
अंगूर की सच्ची बेल की मिसाल (1-10)
मसीह जैसा प्यार करने की आज्ञा (11-17)
दुनिया यीशु के चेलों से नफरत करती है (18-27)
16
यीशु के चेलों को मौत का सामना करना पड़ सकता है (1-4क)
पवित्र शक्ति का काम (4ख-16)
चेलों का दुख खुशी में बदल जाएगा (17-24)
यीशु ने दुनिया पर जीत हासिल की (25-33)
17
18
यहूदा, यीशु के साथ गद्दारी करता है (1-9)
पतरस तलवार चलाता है (10, 11)
यीशु, हन्ना के पास ले जाया गया (12-14)
पतरस पहली बार इनकार करता है (15-18)
यीशु, हन्ना के सामने (19-24)
पतरस दूसरी और तीसरी बार इनकार करता है (25-27)
यीशु, पीलातुस के सामने (28-40)
19
यीशु को कोड़े लगाए गए, उसका मज़ाक उड़ाया गया (1-7)
पीलातुस फिर से यीशु से सवाल-जवाब करता है (8-16क)
यीशु को गुलगुता में काठ पर ठोंक दिया गया (16ख-24)
यीशु अपनी माँ की देखभाल का इंतज़ाम करता है (25-27)
यीशु की मौत (28-37)
यीशु को दफनाया गया (38-42)
20
खाली कब्र (1-10)
यीशु, मरियम मगदलीनी के सामने प्रकट होता है (11-18)
यीशु, अपने चेलों के सामने प्रकट होता है (19-23)
थोमा शक करता है; फिर यकीन करता है (24-29)
इस खर्रे का मकसद (30, 31)
21
यीशु चेलों के सामने प्रकट होता है (1-14)
पतरस बार-बार कहता है कि उसे यीशु से प्यार है (15-19)
यीशु के प्यारे चेले का भविष्य (20-23)
समाप्ति (24, 25)