मरकुस
अध्ययन नोट—अध्याय 8
तरस आ रहा है: मत 9:36 का अध्ययन नोट देखें।
बड़े टोकरे: यहाँ यूनानी शब्द स्फिरिस इस्तेमाल हुआ है। यह शायद दिखाता है कि ये टोकरे उन टोकरियों से बड़े थे, जिनका इस्तेमाल उस वक्त किया गया जब यीशु ने करीब 5,000 आदमियों को खाना खिलाया था। (मर 6:43 का अध्ययन नोट देखें।) दमिश्क में जब पौलुस को एक “बड़े टोकरे” में बिठाकर शहरपनाह में बनी एक खिड़की से नीचे उतारा गया, तो उस ब्यौरे में यही यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है।—प्रेष 9:25 का अध्ययन नोट देखें।
आदमियों की गिनती करीब 4,000 थी: इस चमत्कार के बारे में बताते समय सिर्फ मत्ती ने अपने ब्यौरे (मत 15:38) में औरतों और बच्चों का ज़िक्र किया। मुमकिन है कि चमत्कार से जिन लोगों को खाना खिलाया गया उनकी गिनती 12,000 से ज़्यादा रही होगी।
दलमनूता: यह नाम बाइबल से जुड़ी किताबों या दूसरी किताबों में नहीं पाया जाता। यह सिर्फ मरकुस की खुशखबरी की किताब में पाया जाता है। हालाँकि यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह जगह कहाँ थी, मगर मालूम होता है कि यह गलील झील के पश्चिमी तट के पास थी। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि मत्ती के ब्यौरे में इस जगह को मगदन कहा गया है। (मत 15:39 का अध्ययन नोट देखें।) दलमनूता शायद मगदन का दूसरा नाम था।
बहुत दुखी हुआ: या “गहरी आह भरी।” मरकुस ने अकसर बताया कि अलग-अलग हालात में यीशु ने कैसा महसूस किया या अपनी भावनाएँ कैसे ज़ाहिर कीं। (मर 3:5; 7:34; 9:36; 10:13-16, 21) यहाँ उसने जो क्रिया इस्तेमाल की वह मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ यहीं पायी जाती है। यह क्रिया मर 7:34 में इस्तेमाल हुई क्रिया का और भी ज़बरदस्त रूप है। (इसका अध्ययन नोट देखें।) इससे यीशु की गहरी भावनाएँ ज़ाहिर की गयी हैं। उसने शायद इसलिए गहरी आह भरी क्योंकि वह फरीसियों की ढिठाई देखकर तंग आ गया था। उन्होंने शक्ति के साफ-साफ सबूत देखे थे, फिर भी उन्हें नज़रअंदाज़ करके वे यीशु से एक चिन्ह दिखाने की माँग कर रहे थे।
खमीर: इसे बाइबल में अकसर पाप और भ्रष्टता की निशानी बताया गया है। यहाँ इसका मतलब है गलत शिक्षाएँ और बुरा असर। (मत 16:6, 11, 12; 1कुर 5:6-8) यहाँ इस शब्द का दो बार ज़िक्र दिखाता है कि फरीसियों का “खमीर,” हेरोदेस और उसके गुट के लोगों यानी हेरोदियों के “खमीर” से अलग था। हेरोदियों का समूह धार्मिक मामलों से ज़्यादा राजनैतिक मामलों में शामिल था। उनका “खमीर” यानी उनकी देश-भक्ति की भावना उस घटना में देखी जा सकती है, जब दोनों समूह ने यीशु को फँसाने के लिए सरकार को कर चुकाने के बारे में उससे सवाल पूछा था।—मर 12:13-15.
हेरोदेस: कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में लिखा है, “हेरोदियों।”—शब्दावली में “हेरोदेस के गुट के लोग” देखें।
टोकरियों: यीशु ने चमत्कार करके दो मौकों पर जब भीड़ को खाना खिलाया तो एक बार बचा हुआ खाना टोकरियों में इकट्ठा किया गया और दूसरी बार बड़े टोकरों में। इन ब्यौरों का ज़िक्र करते समय मरकुस और मत्ती ने हर बार यह फर्क साफ-साफ बताया। (मर 6:43; 8:8, 20 के अध्ययन नोट और मत 14:20; 15:37; 16:9, 10 में यही ब्यौरे देखें।) करीब 5,000 आदमियों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द कोफिनोस (“टोकरियों”) इस्तेमाल हुआ और करीब 4,000 आदमियों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द स्फिरिस (“बड़े टोकरे”) इस्तेमाल हुआ। इससे पता चलता है कि इन चमत्कारों के दौरान या तो लेखक खुद मौजूद थे या भरोसेमंद चश्मदीद गवाहों ने उन्हें यह जानकारी दी।
बड़े टोकरे: मर 8:8, 19 के अध्ययन नोट देखें।
एक अंधे आदमी: खुशखबरी की किताबों के लेखकों में से सिर्फ मरकुस ने लिखा कि यीशु ने इस अंधे आदमी को ठीक किया।—मर 8:22-26.
कैसरिया फिलिप्पी: मत 16:13 का अध्ययन नोट देखें।
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला: मत 3:1; मर 1:4 के अध्ययन नोट देखें।
एलियाह: मत 11:14 का अध्ययन नोट देखें।
मसीह: मत 16:16 का अध्ययन नोट देखें।
इंसान के बेटे: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
मुखिया: शा., “बुज़ुर्ग।” बाइबल में यूनानी शब्द प्रेसबाइटेरोस खासकर ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है जो समाज या देश में अधिकार और ज़िम्मेदारी के पद पर थे। हालाँकि यह शब्द कभी-कभी बड़ी उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है (जैसे लूक 15:25 में “बड़ा बेटा” और प्रेष 2:17 में “बुज़ुर्ग”), लेकिन इसका हमेशा यही मतलब नहीं होता। यहाँ इस शब्द का मतलब है यहूदी राष्ट्र के अगुवे, जिनका ज़िक्र अकसर प्रधान याजकों और शास्त्रियों के साथ किया जाता है। महासभा इन्हीं तीन समूहों के आदमियों से मिलकर बनी होती थी।—मर 11:27; 14:43, 53; 15:1; कृपया मत 16:21 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “मुखिया; बुज़ुर्ग” देखें।
प्रधान याजक: मत 2:4 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
शास्त्री: मत 2:4 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
शैतान: मत 16:23 का अध्ययन नोट देखें।
मेरे सामने से दूर हो जा: शा., “मेरे पीछे जा।” इसके मिलते-जुलते ब्यौरे मत 16:23 में यीशु ने यह भी कहा: “तू मेरे लिए ठोकर की वजह है।” (मत 18:7 का अध्ययन नोट देखें।) इस तरह यीशु ने कड़े शब्दों में पतरस को झिड़का। यीशु ने किसी भी चीज़ या व्यक्ति को अपने पिता की मरज़ी पूरी करने के आड़े नहीं आने दिया। इसके अलावा, उसकी बात ने पतरस को शायद एहसास दिलाया होगा कि उसके लिए यही सही है कि चेला होने के नाते वह अपने गुरु का साथ दे।
मेरे पीछे आना: या “मेरे पीछे चलना,” जैसे कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में लिखा है।
वह खुद से इनकार करे: इससे पता चलता है कि एक इंसान को अपनी ज़िंदगी पर जो अधिकार होता है उसे वह खुशी-खुशी त्याग दे या परमेश्वर को दे दे। इसमें अपनी इच्छाएँ, सुख-सुविधाएँ या अपने लक्ष्यों का त्याग करना भी शामिल हो सकता है। (2कुर 5:14, 15) यहाँ जो यूनानी क्रिया इस्तेमाल हुई है, मरकुस ने वही क्रिया उन आयतों में इस्तेमाल की जिनमें उसने बताया कि पतरस यीशु को जानने से इनकार करेगा और ऐसा करने के बाद वह इस बात को याद करता है।—मर 14:30, 31, 72.
यातना का काठ: मत 16:24 का अध्ययन नोट देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
विश्वासघाती: शा., “व्यभिचारी।” बाइबल में कई बार शब्द “व्यभिचार” लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है। जब लोग परमेश्वर के साथ करार करते हैं और फिर उससे विश्वासघात करते हैं तो इसे व्यभिचार कहा जाता है। जब पैदाइशी इसराएलियों ने झूठी उपासना की तो उन्होंने कानून का करार तोड़ दिया और इस तरह लाक्षणिक तौर पर व्यभिचार किया। (यिर्म 3:8, 9; 5:7, 8; 9:2; 13:27; 23:10; हो 7:4) ऐसे ही कामों की वजह से यीशु ने अपने दिनों के यहूदियों को विश्वासघाती या व्यभिचारी पीढ़ी कहा। (मत 12:39; 16:4) जिन मसीहियों के साथ नया करार किया गया है वे अगर मौजूदा व्यवस्था से खुद को दूषित करें, तो वे भी लाक्षणिक तौर पर व्यभिचार करने के दोषी होंगे। यही सिद्धांत उन सब पर लागू होता है जिन्होंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया है।—याकू 4:4.