ऊपर का कमरा
इसराएल के कुछ घर दो मंज़िले होते थे। ऊपर जाने के लिए या तो अंदर सीढ़ी लगी होती थी या लकड़ी का जीना बना होता था, या फिर बाहर सीढ़ी लगी होती थी या पत्थरों का जीना बना होता था। जैसे यहाँ चित्र में दिखाया गया है, शायद इसी तरह के एक बड़े ऊपरी कमरे में यीशु ने अपने चेलों के साथ आखिरी फसह मनाया और प्रभु के संध्या भोज की शुरूआत की। (लूक 22:12, 19, 20) ईसवी सन् 33 में पिन्तेकुस्त के दिन, जब यरूशलेम में करीब 120 चेलों पर पवित्र शक्ति उँडेली गयी तब ज़ाहिर है कि वे एक घर के ऊपरी कमरे में इकट्ठा थे।—प्रेष 1:15; 2:1-4.
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