सीढ़ियों का इस्तेमाल—क्या आप सुरक्षा के लिए इन बातों पर ध्यान देते हैं?
आयरलॆंड में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
पॉल को अपने घर के बाहर होल्डर में बल्ब लगाना था। और बाहर से ऊँची खिड़की भी साफ करनी थी जिसके बारे में उसकी पत्नी उसे कई बार बोल चुकी थी लेकिन पॉल इन कामों को टालता रहा। क्यों? क्योंकि इसके लिए उसे सीढ़ी का इस्तेमाल करना था और सीढ़ियों से उसे डर लगता था।
सीढ़ियों से उसका डरना वाज़िब भी था। वह जानता था कि अगर सीढ़ियों का सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया जाए या कोई सीढ़ी से गिरे तो उसे गहरी चोट लग सकती है, यहाँ तक कि उसकी जान भी जा सकती है। ऐसा अकसर इसलिए होता है क्योंकि कई लोगों को सीढ़ियों का ठीक से इस्तेमाल करना नहीं आता।
पॉल को अपना काम शुरू करने से पहले सीढ़ियों के बारे में कौन-सी बातें जाननी चाहिए? यहाँ दस सुझाव दिये गए हैं जिनसे वह अपना काम बिना किसी खतरे के कर सका।
क्या सीढ़ी सही ढ़ंग की है?
१ सही सीढ़ी का इस्तेमाल कीजिए। अगर सीढ़ी बहुत छोटी है तो काम करने के लिए हमें अपने आप को बहुत तानना पड़ सकता है। अगर सीढ़ी बहुत लंबी है तो भी खतरा रहता है क्योंकि सीढ़ी को फिर दीवार से किसी खतरनाक तरीके में टेकना पड़ सकता है। अटारी पर चढ़ने के लिए स्टैप-लैडर का इस्तेमाल कभी मत कीजिए। इसके बजाय आप सादी सीढ़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर एक अच्छी-सी सीढ़ी फिक्स करवा सकते हैं।
२ अपनी सीढ़ी की ठीक से जाँच कीजिए। क्या सीढ़ी बहुत दिनों से बाहर पड़ी है? लकड़ी की सीढ़ियाँ गीली होने पर फूल जाती हैं और सूखने पर सिकुड़ जाती हैं। कुछ समय बाद सीढ़ी के डंडे ढीले पड़ सकते हैं जिससे सीढ़ी हिलने लगती है। क्या सीढ़ी के डंडों में दरार पड़ गयी है या क्या वो सड़ रहे हैं? अकसर हर डंडे के नीचे लोहे के एक छड़ का सहारा होता है। क्या ये छड़ें अपनी सही जगह पर ठीक से लगी हुईं हैं? धातु की सीढ़ी के डंडों में लगाए गए पेंच क्या टूट गए हैं या उन पर जंग लग गया है? कुछ सीढ़ियों में छोटे-छोटे चक्के और रस्सियाँ होती हैं जिनसे इन सीढियों को और लंबा किया जा सकता है। क्या ये चक्के ठीक से काम कर रहे हैं? क्या रस्सी घिस गयी है? क्या रस्सी काफी मज़बूत और लंबी है? सीढ़ी की जो भी मरम्मत करनी है या जो भी चीज़ें बदलनी हैं उसमें देरी मत कीजिए।
सीढ़ियों के डंडों में अकसर खाँचे होते हैं ताकि चढ़ते वक्त हम कहीं फिसल न जाएँ। इन खाँचों में अगर मैल भर गया हो तो उसे ज़रूर साफ कर दीजिए। सभी सीढ़ियों के नीचे रबर लगाना ज़रूरी है ताकि सीढ़ी फिसल न जाए। और यह भी ध्यान दीजिए कि रबर बहुत ही घिसा हुआ न हो।
३ सीढ़ी को एक जगह से दूसरी जगह ध्यान से ले जाइए। गाड़ी से सीढ़ी ले जाते वक्त ध्यान रहे कि सीढ़ी ठीक से गाड़ी के ऊपर लगी कैरियर पर बंधी हो या फिर ट्रेलर पर सीढ़ी को कम-से-कम दो जगहों पर बाँधा गया हो। लंबी सीढ़ियाँ गाड़ी के पीछे से काफी बाहर निकल जाती हैं तो उसके आखिरी सिरे पर खतरे की सूचना देने के लिए कोई लाल कपड़ा बाँध दीजिए ताकि पीछे आनेवाले सतर्क रहें।
लंबी सीढ़ियों को अगर दो आदमी लेकर जाए तो अच्छा होगा। लेकिन अगर आपको अकेले ही सीढ़ी ले जानी पड़े तो इसे सीधी खड़ी करके ले जाने के बजाय इसे सुलाकर या तिरछा करके अपने कंधे पर ले जाना बेहतर रहेगा और इसका संतुलन बनाए रखने के लिए आप अपने दूसरे हाथ से सीढ़ी को कसकर पकड़ सकते हैं। सीढ़ी ले जाते वक्त उसके आगे का सिरा ज़रा ऊपर ही रखिए ताकि किसी को चोट न लगे। और यह भी ध्यान रखिए कि सीढ़ी को ठीक बीच से पकड़ें ताकि वह आगे-पीछे दोनों तरफ से बराबर हो! कॉमेडी शो में जब किसी को सीढ़ी से चोट लगती है तो उसे देखकर लोगों को बहुत हँसी आती है। लेकिन हकीकत में जब ऐसा होता है तो हँसी नहीं आती, खासकर उसे जिसे चोट लगती है।
सीढ़ी को सीधी खड़ी करके ले जाते वक्त अपने शरीर के ऊपरी भाग से उसका वज़न उठाइए। सीढ़ी को एक हाथ से उठाइए और दूसरे हाथ से उसे ऊपर से पकड़िए ताकि संतुलन बना रहे। ध्यान रखिए कि सीढ़ी ऊपर लगी तार की लाइनों, लाइटों और बोर्डों से न टकरा जाए!
४ सीढ़ी को ठीक तरह से टेकिए। सुरक्षा के लिए, सीढ़ी को एक तरफ बहुत ज़्यादा मत झुकाइए और सीढ़ी को दीवार पर ७५ डिग्री के कोण में टेकिए।
५ सीढ़ी को दोनों सिरे से सहारा दीजिए। ठीक से देखिए कि आप सीढ़ी के ऊपरी सिरे को कहाँ अटका रहे हैं। सीढ़ी को ऐसा सहारा मत दीजिए जहाँ से उसके फिसलने का डर हो। उसे कभी भी काँच या प्लास्टिक का सहारा मत दीजिए। सीढ़ी को ऊपर से ठीक से बाँध दीजिए और सीढ़ी के ऊपरी सिरे को जिस जगह उतरना है उससे करीब एक मीटर ऊँचा रखिए।
इस बात को हमेशा याद रखिए कि जब आप पहली बार सीढ़ी चढ़ते हैं तो आप ऊपर जाकर उसे किसी सहारे पर अच्छी तरह से बाँध दीजिए। क्योंकि पहली बार चढ़ते वक्त और सीढ़ी को ऊपर से खोलकर आखिरी बार उतरते वक्त सबसे ज़्यादा खतरा रहता है। इसलिए पहली बार चढ़ते वक्त और आखिरी बार उतरते वक्त सुरक्षा के लिए आप किसी से सीढ़ी पकड़ने के लिए कह सकते हैं। लेकिन अगर सीढ़ी लगभग ५ मीटर से लंबी है तो यह उपाय काम नहीं करेगा।
अगर फर्श ढलाननुमा है तो सीढ़ी के नीचे कुछ भारी वस्तु रखिए या सीढ़ी के किसी निचले डंडे को किसी सहारे से बाँध दीजिए। अगर ज़मीन समतल नहीं मगर सख्त है तो सीढ़ी के नीचे कुछ रख दीजिए ताकि वह न हिले और फर्श समतल रहे। अगर ज़मीन ढीली है तो मज़बूत सहारा देने के लिए फट्टा या इसी तरह की कोई दूसरी चीज़ इस्तेमाल कीजिए।
अगर आप स्टेप-लैडर का इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान रहे कि उसके चारों कोने ज़मीन पर मज़बूती से जमे हों, उसके दोनों भाग पूरी तरह से खुले हों, और सुरक्षा-क्लिप भी ठीक से लगे हुए हों।
क्या आपने एहतियाती कदम उठाए हैं?
६ अपने जूतों पर ध्यान दीजिए। सीढ़ी चढ़ने से पहले देखें कि आपके जूतों के सोल सूखे हों और उनमें मिट्टी न लगी हो क्योंकि इससे फिसलने का डर होता है।
७ सामान सावधानी से लेकर चढ़िए। हो सके तो सारे औज़ार अपनी बॆल्ट पर लगे बैग में डाल दें ताकि सीढ़ी चढ़ने-उतरने के लिए आपके दोनों हाथ खाली रहें। भारी और अजीब आकार की चीज़ें ऊपर ले जाने के लिए सीढ़ी के बजाए कोई और ज़रिया इस्तेमाल कीजिए। लेकिन, अगर आप सीढ़ी का ही इस्तेमाल करते हैं तो एक हाथ खाली रखिए और उसी से सीढ़ी को पकड़ते हुए धीरे-धीरे ऊपर चढ़िए। आराम से और ठीक ढंग से चढ़िए, जल्दबाज़ी मत कीजिए।
अगर आप इलेक्ट्रिक पावरवाले औज़ार का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कभी भी दोनों हाथों से उन्हें मत चलाइए। ड्रिल मशीन का उदाहरण लीजिए। ऐसा हो सकता है कि ड्रील अचानक से जाम हो जाए या आपके हाथ से फिसल जाए, तो आप शायद लड़खड़ाकर गिर पड़ें। ऐसी मशीनों को कभी भी चालू अवस्था में लॉक करके मत रखिए, नहीं तो वे इसी अवस्था में नीचे गिर सकते हैं और हानि पहुँचा सकते हैं।
८ दूसरों का भी ध्यान रखिए। अगर आप किसी चहल-पहलवाली जगह पर काम कर रहे हैं तो लोगों को सीढ़ी आसानी से नज़र आनी चाहिए और हो सके तो उस जगह के चारों ओर एक बाड़ा बाँध दीजिए ताकि लोग उस जगह से आ-जा न सके। अगर आपको सीढ़ी किसी टर्निंग से ले जानी हो, तो याद रखिए कि दूसरों को यह मालूम नहीं है कि आप सीढ़ी लेकर आ रहे हैं। इसलिए लोगों को प्यार से होशियार कर दीजिए और देखिए कि आपके जाने के लिए रास्ता साफ है या नहीं।
जब आप सीढ़ी पर चढ़कर कुछ औज़ारों के साथ काम कर रहे होते हैं तो याद रखिए कि एक छोटा-सा स्क्रूड्राइवर भी अगर ऊँचाई से गिरे तो ज़ख्म पहुँचा सकता है। अगर आपको किसी वज़ह से कहीं जाना पड़े और आप सीढ़ी को ठीक से बाँध न पाए हों तो वहाँ किसी को खड़े होकर देखभाल करने के लिए कहिए। या जब तक आप वापस नहीं आते तब तक सीढ़ी को ज़मीन पर लिटा दीजिए। उसे बस ऐसे ही छोड़कर मत जाइए।
९ अपनी तबियत को ध्यान में रखिए। सीढ़ी चढ़ने के लिए सही संतुलन चाहिए इसलिए अगर आप बीमार हैं या आपको मचली या चक्कर आ रहा है तो सीढ़ी मत चढ़िए।
१० सँभलकर चढ़िए। हमेशा सचेत रहिए। एक बार में दो से ज़्यादा आदमियों को सीढ़ी कभी मत चढ़ने दीजिए। ज़ोरदार तूफानी हवा में कभी भी सीढ़ी मत चढ़िए। स्टैप-लैडर के सबसे ऊपरवाले डंडे पर या लंबी सीढ़ी में, ऊपर के पहले चार डंडों पर कभी खड़े मत होइए। ऐसी सीढ़ियाँ जिन्हें लंबा किया जा सकता है, उन्हें पूरा-पूरा मत खोलिए, कम-से-कम तीन डंडे छोड़ दीजिए। हमेशा ही एक के ऊपर एक हों। काम करने के दौरान कभी भी अपने आपको हद से ज़्यादा मत तानिए। सीढ़ी पर से ज़्यादा झुकने की कोशिश मत कीजिए नहीं तो आप अपना संतुलन खो देंगे और गिर पडेंगे। घायल होने से अच्छा है कि उतरकर सीढ़ी को थोड़ा-सा खिसका लें, चाहे काम में थोड़ी देर ही क्यों न हो जाए। चढ़ते वक्त हमेशा आगे की ओर ही देखें।
चाहे आप जितनी भी सावधानियाँ बरतें, सीढ़ी के इस्तेमाल में खतरा तो हमेशा बना रहेगा। लेकिन हाँ, इन सुझावों से आप खतरे को कम ज़रूर कर सकते हैं। इन सुझावों ने पॉल की मदद की। इनके ज़रिए उसने सावधानी से और सुरक्षित रूप से नया बल्ब बाहर लगा दिया। खिड़की की सफाई का क्या हुआ? उसे वह शायद अगली बार करे!
[पेज 26, 27 पर तसवीरें]
१ सही सीढ़ी का इस्तेमाल कीजिए
२ अपनी सीढ़ी की ठीक से जाँच कीजिए
३ सीढ़ी को एक जगह से दूसरी जगह ध्यान से ले जाइए
४ सीढ़ी को ठीक तरह से टेकिए
५ सीढ़ी को दोनों सिरे से सहारा दीजिए
६ अपने जूतों पर ध्यान दीजिए
७ सामान सावधानी से लेकर चढ़िए
८ दूसरों का भी ध्यान रखिए
९ अपनी तबियत को ध्यान में रखिए
१० सँभलकर चढ़िए